Bihar Politics: 45 सीटों पर जीत-हार से पलट सकती है बाजी, आसान नहीं होगी NDA की राह
बिहार में 2025 के विधानसभा चुनाव के लिए एनडीए उन 45 सीटों पर ध्यान केंद्रित कर रहा है जहां 2020 में जीत-हार का अंतर 5000 वोटों से कम था। कई सीटों पर यह अंतर 1000 से भी कम था। कुछ प्रत्याशियों को बदला गया है। एनडीए इन सीटों पर अपनी रणनीति मजबूत करने में जुटा है, ताकि आगामी चुनाव में बेहतर प्रदर्शन किया जा सके।

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और सीएम नीतीश कुमार। फाइल फोटो
भुवनेश्वर वात्स्यायन, पटना। वोटरों के पास जाकर अपने गठबंधन के लिए गुहार पूर्ण गति में है। इस क्रम में एनडीए का जोर उन 45 सीटों पर है जहां 2020 के विधानसभा चुनाव में एनडीए के प्रत्याशी की जीत और हार पांच हजार वोटों के भीतर रही। इसमें नीतीश मंत्रिमंडल के कई सदस्य भी हैं। बहुत जगहों पर तो हार-जीत का अंदर एक हजार से भी कम वोटों का रहा। दिलचस्प यह रहा कि नालंदा जिले के एक विधानसभा क्षेत्र में जदयू प्रत्याशी की जीत केवल 12 मतों से हुई।
जहां से एनडीए प्रत्याशी एक हजार कम मतों से जीते-हारे
वर्ष 2020 में कई विधानसभा क्षेत्र इस श्रेणी के थे जहां से एनडीए प्रत्याशी हार के करीब पहुंच कर जीत गए। इस बार यानी 2025 के विधानसभा चुनाव में हार कर जीत गए प्रत्याशियों को कई विधानसभा क्षेत्र में बदला गया है। परबत्ता विधानसभा क्षेत्र में जदयू प्रत्याशी की जीत मात्र 951 वोटों से हुई थी। वहां इस बार सीट शेयरिंग में जदयू को वह सीट नहीं मिली है।
बरबीघा विधानसभा क्षेत्र से जदयू प्रत्याशी की जीत 113 वोटों से हुई थी। जदयू ने इस बार वहां से प्रत्याशी बदल दिया है। भोरे से सुनील कुमार की जीत 462 वोटों से हुई थी। वह अभी मंत्री भी हैं।
हिलसा से जदयू के कृष्ण मुरारी शरण मात्र 12 वोटों से चुनाव जीत पाए थे। एक हजार से कम मतों से हारने वालों मे बखरी से भाजपा प्रत्याशी रामशंकर पासवान 777 मतों से डेहरी से सत्यनारायण यादव 464, भागलपुर से रोहित 113, मटिहानी से बोगो सिंह 333, कुढ़नी से केदार गुप्ता 712 मतों से शामिल हैं।
पांच हजार कम मताें से जीतने वाले एनडीए प्रत्याशी
एक हजार से कम मतों से जिस एनडीए प्रत्याशी की 2020 के विधानसभा चुनाव में जीत-हार हुई थी उनमें कई इस बार भी मैदान मे हैं। झाझा से जदयू के दामोदर रावत की जीत 1679 वोटों से हुई थी। टेकारी से हम के अनिल कुमार 2630 वाेट से ही जीत सके थे।
आरा से अमरेंद्र प्रताप सिंह 3002 वोटों से जीते थे। इस बार वह चुनाव मैदान में नहीं हैं। बड़हरा से राघवेंद्र प्रताप सिंह की जीत 4973 वोट से हुई थी, मुंगेर से प्रणव कुमार 1244 वोट से जीत पाए थे, बेलहर से मनोज यादव की जीत 1244 मतों से, अमरपुर से जयंत राज जो अभी मंत्री हैं 3114 वोट से जीत पाए थे, मंत्री विजय चौधरी सरायरंजन से 3624 मतों से जीत पाए थे।
हाजीपुर से अवधेश सिंह 2990 वाेट, अमनौर से कृष्ण कुमार मंटू 3681 वोट, सकरा से अशोक चौधरी 1537, बहादुरपुर से मंत्री मदन सहनी 2629, महिषी से गुंजेश्वर साह 1630, प्राणपुर से निशा सिंह 2972, त्रिवेणीगंज से वीणा भारती 3031 तथा परिहार से गायत्री देवी 1569 मतों से जीत पायीं थीं।
पांच हजार कम मतों से हारने वाले एनडीए प्रत्याशी
एनडीए के जिन प्रत्याशियों की हार पांच हजार कम मतों से हुई उनमें बोधगया से हरि मांझी 4708 वोट से, औरंगाबाद से रामाधार सिंह 2243, डेहरी से सत्यनारायण यादव 464, करगहर से उदय प्रताप सिंह 4683, बक्सर से परशुराम चौबे 3892, जमालपुर से शैलेश कुमार 4432, धोरैया से मनीष कुमार 2687, अलौली से साधना सदा 2773, समस्तीपुर से अश्वमेध देवी 4714, खगड़िया से पूनम देवी 3000, राजापाकर से महेंद्र राम 1796, महाराजगंज से हेमनारायण साह 1976, बड़हरिया से 3559, दरभंगा ग्रामीण से 2741, किशनगंज से स्वीटी सिंह 1381, बाजपट्टी से रंजू गीता 2704 तथा कल्याणपुर से 1193 वोट शामिल हैं।

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