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    बिहार चुनाव 2025 में 'रेड अलर्ट' पर 75% सीटें, एक-तिहाई उम्मीदवार दागी

    Updated: Fri, 31 Oct 2025 02:11 PM (IST)

    बिहार विधानसभा चुनाव 2025 के पहले चरण में आपराधिक पृष्ठभूमि वाले उम्मीदवारों की संख्या लोकतंत्र के लिए चुनौती है। ADR की रिपोर्ट के अनुसार, 32% उम्मीदवारों पर आपराधिक मामले दर्ज हैं, जिनमें हत्या और अपहरण जैसे गंभीर आरोप शामिल हैं। 

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    एडीआर ने जारी की चौंकाने वाली रिपोर्ट। (फाइल फोटो जागरण)

    डिजिटल डेस्क, पटना। बिहार विधानसभा चुनाव 2025 के पहले चरण में ही आपराधिक पृष्ठभूमि वाले उम्मीदवारों की संख्या ने लोकतंत्र के लिए गंभीर चुनौती खड़ी कर दी है। राजधानी पटना से लेकर सीमांचल तक धन-बल और बाहुबल का असर कम होता नहीं दिख रहा। मोकामा हत्याकांड को लेकर यह मुद्दा फिर चर्चा में है।

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    एसोसिएशन फॉर डेमोक्रेटिक रिफॉर्म्स (ADR) और बिहार इलेक्शन वॉच की ताजा रिपोर्ट ने जो आंकड़े जारी किए हैं, वे चौंकाने वाले हैं। एडीआर ने पहले चरण की 121 सीटों पर 1,303 उम्मीदवारों के हलफनामों का विश्लेषण किया और पाया कि लगभग एक-तिहाई उम्मीदवार दागी हैं।

    32% उम्मीदवार आपराधिक पृष्ठभूमि के

    एडीआर की रिपोर्ट के अनुसार पहले चरण में कुल 423 उम्मीदवार (32%) आपराधिक मामलों का सामना कर रहे हैं। इनमें से 354 उम्मीदवार (27%) पर हत्या, अपहरण, और जबरन वसूली जैसे गंभीर आपराधिक मामले दर्ज हैं।

    हत्या के मामले 33 उम्मीदवारों पर (IPC-302/303) हैं। 86 उम्मीदवारों पर हत्या के प्रयास (IPC-307) के मामले हैं। 42 उम्मीदवारों ने महिलाओं के खिलाफ अपराध के मामले घोषित किए हैं।

    सबसे बड़ा खतरा यह है कि 121 में से 91 सीटें (75%) 'रेड अलर्ट' पर हैं। रेड अलर्ट का मतलब है कि इन सीटों पर तीन या उससे अधिक उम्मीदवार आपराधिक पृष्ठभूमि के हैं।

    दागी उम्मीदवारों का दलगत विवरण

    ADR (एसोसिएशन फॉर डेमोक्रेटिक रिफॉर्म्स) की रिपोर्ट ने दोनों ही प्रमुख गठबंधनों में आपराधिक उम्मीदवारों की बहुतायत को उजागर किया है। पहले चरण में आपराधिक उम्मीदवारों की बहुतायत है। पार्टी स्तर पर आपराधिक उम्मीदवारों का विवरण चौंकाने वाला है।

    एडीआर की रिपोर्ट के अनुसार सीपीआई-एमएल में 93% उम्मीदवारों पर आपराधिक मामले दर्ज हैं, जिनमें से 79% पर गंभीर आपराधिक मामले हैं। वहीं, राष्ट्रीय जनता दल के 76% उम्मीदवारों पर आपराधिक मामले हैं और 60% पर गंभीर आपराधिक मामले दर्ज हैं।

    भारतीय जनता पार्टी के 65% उम्मीदवारों के खिलाफ आपराधिक मामले हैं, जिनमें 56% उम्मीदवार गंभीर आपराधिक मामलों का सामना कर रहे हैं। जनता दल यूनाइटेड के उम्मीदवारों की बात करें तो, 39% पर आपराधिक मामले हैं और 26% पर गंभीर आपराधिक मामले दर्ज हैं।

    अपराध और दौलत का खतरनाक गठजोड़

    एडीआर की रिपोर्ट में धनबल का बढ़ता प्रभाव भी साफ दिखता है। पहले चरण के 40% उम्मीदवार करोड़पति हैं। सबसे अधिक करोड़पति राजद (97%), भाजपा (92%) और जदयू (91%) के हैं। बीजेपी के कुमार प्रणय ₹170 करोड़ की संपत्ति के साथ सबसे अमीर उम्मीदवारों में से हैं, जिनके खिलाफ आपराधिक केस भी दर्ज हैं।

    राजद और कांग्रेस ने भी धनबल और बाहुबल को बढ़ावा दिया है। इसके अलावा कुल 22 बाहुबली या उनके परिजनों के चुनाव मैदान में होने का उल्लेख है। RJD ने सबसे ज्यादा 9 और JD(U) ने 7 बाहुबलियों या उनके परिजनों को टिकट दिया है।

    अपराधियों पर वोट की चोट करे बिहार

    वरिष्ठ पत्रकार हेमंत कुमार कहते हैं, एडीआर की यह रिपोर्ट बिहार के मतदाताओं के लिए एक महत्वपूर्ण चेतावनी है।‌ हम अपने जनप्रतिनिधि का चुनाव करते समय उनके आपराधिक रिकॉर्ड और वित्तीय पृष्ठभूमि की गहनता से जांच करें। अपराधियों को सत्ता से बेदखल आप अपने मत से ही कर सकते हैं।

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