Trending

    Move to Jagran APP
    pixelcheck
    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    Bihar Election 2025: बिहार में एक सीट पर चुने जाते थे दो विधायक, इस तरीके से होता था मतदान

    Updated: Sun, 07 Sep 2025 09:27 AM (IST)

    आजादी के बाद बिहार में 1957 में दूसरा विधानसभा चुनाव हुआ जिसमें राजनीतिक जागरूकता बढ़ी और मतदान प्रतिशत में वृद्धि हुई। पटना जिले के फतुहा और मसौढ़ी में दो-दो विधायक चुने गए थे। विधानसभा में महिलाओं की भागीदारी भी बढ़ी। संयुक्त बिहार में कुल 264 विधानसभा क्षेत्र थे जिनमें से 68 सीटें आरक्षित थीं।

    Hero Image
    54 विधानसभा सीट पर चुने गए थे 108 विधायक

    व्यास चंद्र , पटना। आजादी के बाद बिहार की पहली सरकार कार्यकाल पूरा कर चुकी थी। सन 1957 में दूसरा विधानसभा चुनाव हुआ। राजनीतिक परिपवक्ता बढ़ी। मतदाता बढ़े तो वोट का प्रतिशत भी बढ़ा। तब कई विधानसभा क्षेत्र ऐसे थे जहां दो-दो विधायक हुआ करते थे।

    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    पटना जिले की दो सुरक्षित विधानसभा सीटों फतुहा और मसौढ़ी में दो-दो विधायक चुने गए थे। फतुहा से शिव महादेव प्रसाद और केशव प्रसाद जबकि मसौढ़ी सीट से नवल किशोर सिंह एवं सरस्वती चौधरी निर्वाचित हुए थे। महिलाओं की भागीदारी भी बढ़ी। 46 महिलाएं विधानसभा पहुंचीं।

    68 सीटें आरक्षित थी संयुक्त बिहार में

    राज्यभर की बात करें तो संयुक्त बिहार में कुल 264 विधानसभा क्षेत्र थे, उनमें से 68 सीटें अनुसूचित जाति व अनुसूचित जनजाति के लिए आरक्षित थी। इनमें से 54 सीटें ऐसी थीं जहां से दो-दो विधायक चुने गए थे।

    अनुसूचित जाति एवं जनजाति को उचित प्रतिनिधित्व के लिए यह व्यवस्था की गई थी। इन सीटों पर एक सामान्य व एक आरक्षित श्रेणी के उम्मीदवार निर्वाचित होते थे। उस समय उनके लिए मतपत्र भी अलग-अलग होता था। इनमें अधिसंख्य सीटों पर कांग्रेस के उम्मीदवार ही चुनाव जीतकर विधानसभा पहुंचे थे।

    इन विधानसभा क्षेत्र में चुने गए थे दो-दो विधायक

    बगहा, बेतिया, मोतिहारी, भोरे, दरौली, छपरा, महुआ, पारू, सकरा, शिवहर, जयनगर, दरभंगा दक्षिणी, दलसिंहसराय, सिंघिया, त्रिवेणीगंज, सोनबरसा, फारबिसगंज, धमदाहा, कटिहार, पाकुर, नल्ला, देवघर, दुमका, गोड्डा, कोलगंज, कटोरिया, झाझा, जमुई, शेखपुरा, खगड़िया, बेगूसराय, फतुहा, राजगीर, मसौढ़ी, भभुआ, सासाराम, पीरो, जहानाबाद, टेकारी, नबीनगर, वारिसलीगंज, गवां, गिरिडीह, रामगढ़, तोपचांची, निरसा, घाटशिला, चक्रधरपुर, चांंडिल, रांची, मंदार, लातेहार, भवनाथपुर व लेसलीगंज।

    12 सीटें घट गईं 1957 के चुनाव में

    सन 1951 की तुलना में 1957 के चुनाव में सीटों की संख्या घट गई। कुल 12 सीटें घटकर 264 पर रह गई। इसका असर उम्मीदवारों की संख्या पर भी पड़ा। पहले आम चुनाव की तुलना में 201 कम प्रत्याशी मैदान में उतरे।

    हालांकि इस अवधि में जनता मताधिकार के प्रति ज्यादा सजग हुई। नतीजा हुआ कि मतदाताओं की संख्या तो बढ़ी ही, मतदान का प्रतिशत भी बढ़ा। मतदाताओं की संख्या 11 लाख से ज्यादा बढ़ी। मतदान का प्रतिशत भी करीब दो प्रतिशत ज्यादा रहा।

    comedy show banner
    comedy show banner