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    Bihar Election Result 2025: बिहार में फिर फर्श पर वाम दल, इन सीटों पर मिली करारी शिकस्त

    Updated: Fri, 14 Nov 2025 05:50 PM (IST)

    बिहार विधानसभा चुनाव में वामपंथी दलों का प्रदर्शन निराशाजनक रहा। 2020 में 16 सीटें जीतने वाले दल इस बार केवल 3 सीटें जीत पाए। महागठबंधन के साथ मिलकर चुनाव लड़ने के बावजूद उन्हें सफलता नहीं मिली। भाकपा-माले, भाकपा और माकपा को कई सीटों पर हार का सामना करना पड़ा। अब वाम दलों को अपनी रणनीति पर पुनर्विचार करने की आवश्यकता है।

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    राज्य ब्यूरो, पटना। विधानसभा चुनाव के परिणाम ने बिहार में वामपंथी दलों को एक बार फिर से फर्श पर ला पटका है। 2020 के विधानसभा चुनाव में 16 सीटों पर जीत का परचम लहराने वाले वाम दलों को इस बार अपनी हार पर आत्ममंथन का समय है।

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    पिछली बार महागठबंधन के साथ मिलकर वाम दलों ने 25 सीटों पर चुनाव लड़ा था। तब भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी (माले) ने 19, भारत की कम्युनिस्ट पार्टी (मार्क्सवादी यानी माकपा) ने दो और भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी (भाकपा) ने चार सीट पर उम्मीदवार उतारे थे जिसमें भाकपा माले को 12, माकपा को दो और भाकपा को दो सीट पर जीत हासिल हुई थी।

    इस बार के चुनाव में भाकपा माले ने 20, भाकपा ने नौ और माकपा ने चार सीटों पर उम्मीदवार दिए थे, लेकिन चुनाव नतीजे से वाम दलों को निराश किया। इस चुनाव में भाकपा-माले को पालीगंज (संदीप सौरव) व काराकाट (अरुण सिंह) तथा माकपा को विभूतिपुर (अजय कुमार) में जीत नसीब हुई।

    जाहिर है, वाम दलों ने पिछली बार की सफलता को नहीं दोहराने पाने के कारण जानने के लिए अब चिंतन करेंगे। यदि अब भी संभलने के लिए चेते नहीं तो आने वाले चुनावों में उन्हें और भारी कीमत चुकानी पड़ेगी।

    इस चुनाव में भाकपा ने अपने महासचिव डी. राजा समेत तमाम बड़े नेताओं के चुनाव अभियान पर बड़ा दांव खेला था और उस सब से चुनाव प्रचार कराया था। इसी तरह माकपा के महासचिव एमए बेबी ने पार्टी के उम्मीदवारों के पक्ष में प्रचार किया था।

    भाकपा माले से चुनाव में अच्छे प्रदर्शन की ज्यादा उम्मीद की जा रही थी, लेकिन उसे भी निराशा हाथ लगी, जबकि चुनाव प्रचार की कमान पार्टी के महासचिव दीपंकर भट्टाचार्य संभाल रखे थे। उन्होंने 100 से ज्यादा जनसभाएं की थीं।

    वाम दलों के लिए थोड़ी राहत की बात यह है कि इस बार के चुनाव में महागठबंधनके नेतृत्वकर्ता तेजस्वी यादव की पार्टी राष्ट्रीय जनता दल और कांग्रेस का सबसे बुरा हश्र हुआ है। यानी महागठबंधन की सारी चुनावी रणनीति धराशाही हो गई। एनडीए के सामने महागठबंधन का सारा दांव ही उल्टा पड़ गया।

    इन सीटों पर हारे वाम दल

    • भाकपा - तेघड़ा, बखरी (सुरक्षित), बछवाड़ा, राजापाकर (सुरक्षित), बिहार शरीफ, बांका, हरलाखी, झंझारपुर, करगहर।
    • माकपा - मांझी, पिपरा, हायाघाट।
    • भाकपा माले - भोरे, जीरादेई, दरौली, कल्याणपुर, वारिसनगर, राजगीर, दीघा, फुलवारी, आरा, अगिआंव, तरारी, डुमरांव, सिकटा, पिपरा, बलरामपुर, अरवल, घोसी, दरौधा।