आज की रात बिना नींद के, नेता जी... मतगणना से पहले सियासी खेमों में बेचैनी, बिहार की सत्ता पर निगाहें टिकीं
बिहार विधानसभा चुनाव 2025 की मतगणना से पहले राज्य का सियासी माहौल गरम है। नतीजों का इंतजार है और नेताओं की धड़कनें तेज हैं। मुख्यमंत्री आवास पर बैठकें चल रही हैं, तो विपक्ष भी रणनीति बना रहा है। इस बार एनडीए और महागठबंधन के बीच सीधा मुकाबला है। उच्च मतदान प्रतिशत ने समीकरणों को पेचीदा बना दिया है। सबकी निगाहें नतीजों पर टिकी हैं।

बिहार विधानसभा चुनाव के नतीजे आने में कुछ ही घंटे बाकी
राधा कृष्ण, पटना। बिहार विधानसभा चुनाव 2025 की मतगणना से ठीक पहले पूरे राज्य में सियासी माहौल बेहद गरम है। नतीजे आने में कुछ ही घंटे बाकी हैं, लेकिन नेताओं और कार्यकर्ताओं की धड़कनें तेज़ हो गई हैं। किसी के घर में पूजा-पाठ चल रहा है, तो कोई टीवी चैनलों के एग्जिट पोल के आंकड़ों पर रणनीति बना रहा है। हर तरफ बस एक ही सवाल गूंज रहा है, कौन संभालेगा बिहार की सत्ता?
“आज की रात बिना नींद के” — यह वाक्य इस समय लगभग हर पार्टी कार्यालय में सच साबित हो रहा है। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के आवास पर रणनीतिक बैठकें जारी हैं, वहीं तेजस्वी यादव के आवास पर भी लगातार कार्यकर्ता पहुंच रहे हैं। दोनों खेमों में माहौल वैसा ही है, जैसा किसी परीक्षा की रात होती है, उम्मीदें भी हैं, और बेचैनी भी।
243 विधानसभा सीटों के लिए हुए चुनाव में इस बार मुकाबला सीधा एनडीए बनाम महागठबंधन के बीच है।
उच्च मतदान प्रतिशत (66.91%) ने राजनीतिक समीकरणों को और पेचीदा बना दिया है। विश्लेषकों का मानना है कि महिलाओं और युवाओं का वोट इस बार निर्णायक भूमिका निभा सकता है।
राजधानी पटना में होटल, पार्टी ऑफिस और नेताओं के आवास पर देर रात तक हलचल बनी हुई है। कई सीटों पर कड़े मुकाबले के चलते प्रत्याशी और उनके समर्थक पूरी रात रिजल्ट ट्रेंड्स पर नजरें गड़ाए रहेंगे।
एनडीए खेमे में उम्मीद की किरणें, तो महागठबंधन में उत्सुकता और आत्मविश्वास दोनों झलक रहे हैं।
पार्टी नेताओं का कहना है कि जनता ने विकास और स्थिरता के पक्ष में मतदान किया है, वहीं विपक्ष का दावा है कि इस बार जनता ने बदलाव के लिए वोट दिया है।
मतगणना सुबह 8 बजे से शुरू होगी, लेकिन नेताओं की रातें पहले ही बेचैनी में कटने लगी हैं। मुख्य निर्वाचन अधिकारी ने बताया कि सुरक्षा व्यवस्था पुख्ता है और देर रात तक परिणामों की औपचारिक घोषणा कर दी जाएगी।
फिलहाल, बिहार की सियासत में सन्नाटा भी है और उम्मीदों की गूंज भी। हर नेता के मन में बस एक ही ख्याल
“अगर आज की रात बिना नींद के है, तो कल की सुबह किसके नाम होगी?”

कमेंट्स
सभी कमेंट्स (0)
बातचीत में शामिल हों
कृपया धैर्य रखें।