Bihar Election: जान लें चुनावी खर्च की प्रक्रिया और नियम, वरना रद हो सकता है नामांकन
बिहार विधानसभा चुनाव में नामांकन प्रक्रिया पूरी होने के बाद, चुनावी खर्च की निगरानी शुरू हो गई है। जिला निर्वाचन पदाधिकारी ने 21 अक्टूबर को उम्मीदवारों की बैठक बुलाई है, जिसमें खर्च की सीमा, विवरण प्रस्तुत करने की प्रक्रिया और मान्य खर्चों के बारे में जानकारी दी जाएगी। नियमों का उल्लंघन करने पर नामांकन रद्द हो सकता है। उम्मीदवारों को खर्च का पूरा विवरण रखने की सलाह दी गई है।

चुनाव खर्च निगरानी की जानें प्रक्रिया, नहीं तो रद हो सकता नामांकन या चुनाव परिणाम। फोटो जागरण
जागरण संवाददाता, पटना। विधानसभा चुनाव में नामांकन व स्क्रूटनी प्रक्रिया पूरी हो चुकी है। सोमवार को नाम वापसी की अंतिम तिथि है। इसके बाद स्पष्ट हो जाएगा कि किस विधानसभा में कितने प्रत्याशी चुनाव लड़ेंगे।
अब चुनाव खर्च की निगरानी की प्रक्रिया, प्रत्याशियों को किस प्रकार खर्च का ब्योरा देना, कौन से खर्च अनुमन्य है आदि की जानकारी दी जाएगी ताकि उनका नामांकन या चुनाव परिणाम रद नहीं हो।
इसके लिए जिला निर्वाचन पदाधिकारी सह डीएम डॉ. त्यागराजन एसएम ने मंगलवार 21 अक्टूबर को सभी प्रत्याशियों की बैठक बुलाई है। व्यय लेखा एवं अनुश्रवण कोषांग द्वारा आयोजित इस बैठक में प्रत्याशियों या उनके प्रतिनिधियों के अलावा निर्वाची व सहायक निर्वाची पदाधिकारी मौजूद रहेंगे।
जिला से लेकर अनुमंडलस्तर पर विधानसभा वार यह बैठक बुलाई गई है। इसमें चुनावी व्यय की निगरानी, लेखा प्रस्तुतिकरण की प्रक्रिया एवं निर्वाचन आयोग द्वारा जारी दिशा-निर्देशों की जानकारी दी जाएगी।
प्रत्याशियों को दी जाएंगी ये जानकारी
- चुनावी खर्च की सीमा क्या है और किस प्रकार उसका पालन करना है।
- कैसे व कब खर्च का विवरण प्रस्तुत करना होगा।
- क्या खर्च मान्य है और क्या नहीं, यानी वैध और अवैध खर्चों में अंतर।
- चुनाव आयोग द्वारा उपलब्ध कराए गए प्रपत्र कैसे भरने हैं।
- मीडिया निगरानी, फ्लाइंग स्क्वायड, वीडियो निगरानी आदि के माध्यम से व्यय की निगरानी कैसे की जाएगी।
- बैंक खाता खोलने की अनिवार्यता और उसका प्रयोग।
- प्रत्याशियों के द्वारा किए गए खर्च का आडिट कैसे किया जाएगा।
उल्लंघन पर रद हो सकता नामांकन या चुनाव परिणाम
- निर्वाचन आयोग के नियमों का पालन नहीं करने पर प्रत्याशी का नामांकन या चुनाव परिणाम रद किया जा सकता है।
- यह बैठक चुनावी प्रक्रिया को पारदर्शी और निष्पक्ष बनाने का एक हिस्सा है।
- प्रत्याशी हर खर्च का विवरण रखें और निर्धारित सीमा से बाहर नहीं जाएं, इसकी जानकारी देना।
- यदि प्रत्याशी स्वयं उपस्थित नहीं हो सकते तो अपने अधिकारिक प्रतिनिधि को भेज सकते हैं।
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