Bihar election: 20 वर्षों बाद चौखट पर पहुंचा लोकतंत्र, गांव के बूथ पर मतदानकर्मियों का ग्रामीणों ने किया स्वागत
Bihar vidhan sabha chunav 2025 Voting बिहार में 20 वर्षों बाद एक गांव के बूथ पर लोकतंत्र वापस लौटा है। ग्रामीणों ने मतदानकर्मियों का हार्दिक स्वागत किया, जो लोकतंत्र के प्रति उनके अटूट विश्वास को दर्शाता है। गांव में मतदान केंद्र खुलने से लोगों में खुशी की लहर है और वे उत्साहपूर्वक मतदान में भाग ले रहे हैं। यह घटना बिहार में लोकतंत्र की मजबूती का प्रतीक है।

गांववासियों ने मतदानकर्मियों का किया स्वागत।
अवनीश कुमार, पटना। गया जिले के इमामगंज प्रखंड मुख्यालय से लगभग तीस किलोमीटर दूर बसे हेरहंज, केवलडीह व पथरा गांव में मंगलवार को उत्सव जैसा माहौल दिखा, लोगों के चेहरे खिले हुए थे। मतदान केंद्र बनाए गए राजकीय मध्य विद्यालय पथरा-1 पर पहुंचे मतदानकर्मियों का ग्रामीणों स्वागत किया।
मतदान करने पहुंचे मतदाताओं ने पहले मतदान कर्मियों का माला और शाल ओढ़ाकर स्वागत किया फिर वहां चुनाव की प्रक्रिया शुरू हुई। सुबह सात बजे शुरू हुई चुनाव प्रक्रिया में मतदाताओं ने उत्साहपूर्वक हिस्सा लिया। गांव में बने बूथों पर सुबह से ही उत्साह का माहौल था।
यह व्यवस्था इन गांवों के लिए सामान्य बात नहीं है, आज 20 वर्षों बाद ग्रामीणों की चौखट पर लोकतंत्र पहुंचा है।
2005 के बाद लंबे अंतराल पर लोग अपने गांव में ही मतदान कर रहे हैं। आधा किमी के दायरे में पहाड़ी नदियों से घिरे इन गांवों में कुल 1350 महिला व पुरुष वोटर हैं।
बूथ बनाए गए विद्यालय परिसर में मिले ग्रामीण असलम शाह, छोटू शाह, राजेश पासवान, अनिल पासवान, उपेंद्र प्रसाद, देवनंदन साव, ताबिश हसन ने बताया कि इससे पहले के चुनावों में मुश्किल से दो-तीन दर्जन लोग ही मतदान कर पाते थे।
बूथ 12 किलोमीटर दूर सलैया मध्य विद्यालय में होता था। ग्रामीणों ने कहा कि इस बार दोगुने उत्साह से मतदान कर रहे हैं। गांव में जो भी हैं सब इस महापर्व में हिस्सा लेंगे।
जीविका से जुड़ी महिला मतदाताओं ने दैनिक जागरण को बताया कि गांव की नई नवेली दुल्हन और पहली बार वोट करने वाले मतदाताओं में काफी खुशी है। एक हफ्ते पहले राजग व महागठबंधन दोनों की महिला प्रत्याशी वोट मांगने गांव आईं थीं।
ग्रामीणों ने बताया कि इसके पूर्व विधानसभा चुनाव हो या लोकसभा या पंचायत चुनाव, ठीक मतदान के एक दिन पहले मतदान केंद्र मध्य विद्यालय, सलैया में स्थानांतरित कर दिया जाता था। इस बार गांव के स्कूल में बूथ होने से शत-प्रतिशत मतदाता वोट करेंगे।
तीनों गांव तीन ओर से पहाड़ी नदियों से घिरे हैं। आने-जाने को पैदल ही मोरहर, जोगनी और सुखाड़ी नदी पार करना पड़ता है। केवलडीह, हेरहंज और पथरा की दूरी पड़ोसी राज्य झारखंड के पलामू जिला अंतर्गत मनातू थाना क्षेत्र के बौराशरीफ से मात्र आधा किलोमीटर है।
ग्रामीणों ने बताया कि बिहार का प्रखंड व थाना हमसे काफी दूर है। इस कारण पहले यह क्षेत्र घोर नक्सल प्रभावित था, परंतु केंद्र और राज्य सरकार के अभियानों से यह क्षेत्र नक्सल मुक्त हो गया है।
बूथ संख्या 202 और 203 तीन गांवों की नई राजनीतिक पहचान
इमामगंज निर्वाचन विभाग के अनुसार इस बार विधानसभा चुनाव में राजकीय मध्य विद्यालय पथरा-1 में दो बूथ 202 और 203 बनाए गए हैं।
बूथ नंबर 202 पर पुरुष 365 व महिला 337 और बूथ नंबर 203 पर पुरुष 344 व महिला मतदाता 304 हैं। आबादी की बात करें तो तीनों गांवों मिलाकर साढ़े तीन हजार लोग निवास करते हैं।
इनमें सबसे ज्यादा मांझी समाज के हैं। सलैया पंचायत के मुखिया प्रतिनिधि संतन पासवान ने बताया कि बूथ नंबर 202 व 203 तीन गांवों की नई राजनीतिक पहचान बन गई है।
वर्ष 2005 में विधानसभा चुनाव के बाद सुरक्षा के दृष्टिकोण से 12 किलोमीटर दूर सलैया मध्य विद्यालय में बूथ स्थानांतरित कर दिया गया था।

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