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    Bihar Election 2025: गंभीर अपराध वालों को टिकट देने में महागठबंधन आगे, 40 प्रतिशत हैं करोड़पति

    Updated: Tue, 28 Oct 2025 08:41 PM (IST)

    एसोसिएशन फॉर डेमोक्रेटिक रिफॉर्म्स (एडीआर) की रिपोर्ट के अनुसार, बिहार विधानसभा चुनाव 2025 में महागठबंधन ने गंभीर आपराधिक पृष्ठभूमि वाले उम्मीदवारों को टिकट देने में बढ़त बनाई है। महागठबंधन के 45% और एनडीए के 38% उम्मीदवारों पर गंभीर आपराधिक मामले दर्ज हैं। रिपोर्ट में यह भी खुलासा हुआ कि महागठबंधन के 40% उम्मीदवार करोड़पति हैं, जबकि एनडीए के 35% उम्मीदवार करोड़पति हैं।

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    गंभीर अपराध वालों को टिकट देने में महागठबंधन आगे, 40 प्रतिशत हैं करोड़पति

    जागरण संवाददाता, पटना। एसोसिएशन फॉर डेमोक्रेटिक रिफॉर्म्स (एडीआर) और बिहार इलेक्शन वॉच ने मंगलवार को विधानसभा के पहले चरण की 121 सीटों के 1303 प्रत्याशियों के शपथ पत्रों का विश्लेषण किया है। इसमें 423 (32 प्रतिशत) ने अपने ऊपर आपराधिक मामले की घोषणा की है। 354 (27 प्रतिशत) ने गंभीर आपराधिक मामले दर्ज होने की जानकारी दी है।

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    33 ने हत्या, 86 ने हत्या का प्रयास, 42 ने महिलाओं पर अत्याचार तथा दो ने दुष्कर्म से संबंधित मामले दर्ज होने की घोषणा किए हैं। पहले चरण में शामिल प्रत्याशियों में 40 प्रतिशत से अधिक की संपत्ति एक करोड़ रुपये से अधिक है। गंभीर अपराध वाले प्रत्याशियों को मैदान में उतारने के मामले में महागठबंधन के दल एनडीए से आगे हैं।

    पहले चरण की 121 सीटों में महागठबंधन के दलों में राजद के 70 में से 42 (60 प्रतिशत), कांग्रेस के 23 में 12 (52 प्रतिशत), भाकपा माले के 14 में नौ (64 प्रतिशत), भाकपा के पांच में चार (80 प्रतिशत) और माकपा के तीन में तीन (100 प्रतिशत) तथा एनडीए के दलों में जदयू के 57 में 15 (26 प्रतिशत), भाजपा के 48 में 27 (56 प्रतिशत) लोजपा (रामविलास) के 13 में पांच (38 प्रतिशत) प्रत्याशियों ने अपने ऊपर गंभीर धाराओं में प्राथमिकी है।

    गंभीर आपराधिक मामले में जनसुराज पार्टी 114 में 49 (43 प्रतिशत), बीएसपी के 89 में 16 (18 प्रतिशत) तथा आप के 44 में नौ (20) प्रत्याशी हैं।

    वहीं, राजद के 70 में 53(76 प्रतिशत), जदयू के 57 में 22 (39 प्रतिशत), भाजपा के 48 में 31 (65 प्रतितश), कांग्रेस के 23 में 15 (65 प्रतिशत), भाकपा माले के 14 में 13 (93 प्रतिशत), लोक जनशक्ति पार्टी (रामविलास) के 13 में सात (54 प्रतिशत), भाकपा के पांच में पांच (100 प्रतिशत), माकपा के तीन में तीन (100 प्रतिशत), जनसुराज पार्टी के 114 में 50 (44 प्रतिशत), बीएसपी के 89 में 18 (20 प्रतिशत) तथा आप के 44 में 12 (27 प्रतिशत)प्रत्याशियों पर आपराधिक मामले दर्ज हैं।

    राजद के 97 प्रतिशत प्रत्याशी करोड़पति:

    पहले चरण के 1303 में 519 (40 प्रतिशत) प्रत्याशी करोड़पति हैं। प्रत्याशियों की औसत संपत्ति 3.26 करोड़ है। दलवार विश्लेषण में राजद के प्रत्याशी सभी से आगे हैं। राजद के 70 में 68 (97 प्रतिशत), जदयू के 57 में 52 (91 प्रतिशत), भाजपा के 48 में 44 (92 प्रतिशत), कांग्रेस के 23 में 18 (78 प्रतिशत), लोजपा आर के 13 में 10 (77 प्रतिशत), भाकपा के पांच में तीन (60 प्रतिशत), माकपा के तीन में दो (67 प्रतिशत), भाकपा माले के 14 में दो (14 प्रतिशत) तथा जनसुराज के 114 में 81 (81 प्रतिशत) प्रत्याशी करोड़पति हैं।

    सबसे अधिक संपत्ति के मामले में मुंगेर विधानसभा सीट से भाजपा के प्रत्याशी कुमार प्रणय पहले स्थान पर हैं। उन्होंने 170 करोड़ से अधिक की संपत्ति बताई है। सिवान जिले के महाराजगंज से कांग्रेस के राज किशोर गुप्ता के पास 137 करोड़ व पटना जिले के मोकामा सीट से जदयू के अनंत कुमार सिंह 100 करोड़ से अधिक की संपत्ति के साथ क्रमश: दूसरे व तीसरे स्थान पर हैं।

    सबसे कर्जदार प्रत्याशियों में बक्सर के ब्रह्मपुर के प्रत्याशी शंभू नाथ यादव हैं। उनके ऊपर 66 करोड़ की देनदारी है। डुमराव से बसपा के प्रत्याशी पूर्व मंत्री ददन यादव 46 करोड़ तो मोकामा के अनंत कुमार सिंह के पास 25 करोड़ रुपये की देनदारी है। मैदान में 1000 रुपये संपत्ति वाले भी दो प्रत्याशी हैं।

    भाजपा प्रत्याशियों की औसत संपत्ति 11 करोड़ से अधिक:

    भाजपा के प्रत्याशी औसत संपत्ति के मामले में अन्य दलों के प्रत्याशियों से आगे हैं। भाजपा प्रत्याशियों की औसत संपत्ति 11 करोड़ है। आइपी गुप्ता की पार्टी आईआईपी के तीन प्रत्याशी मैदान में हैं। इनकी औसत संपत्ति 12 करोड़ से अधिक हैं। राजद, वीआईपी व लोजपा आर के प्रत्याशी भी ज्यादा पीछे नहीं हैं, इनकी औसत संपत्ति 10 करोड़ है।

    जदयू प्रत्याशियों की आठ करोड़, जनसुराज का पांच करोड़, तेज प्रताप यादव की पार्टी जनशक्ति जनता दल के 28 प्रत्याशी हैं, इनकी औसत संपत्ति दो करोड़, सीपीआइ का चार करोड़, सीपीआइ एम का एक करोड़ रुपये से अधिक है।

    गंभीर आपराधिक मामलों के मापदंड

    1. पांच साल या उससे अधिक सजा वाले अपराध
    2. गैर जमानती अपराध
    3. चुनाव से संबंधित अपराध (रिश्वतखोरी)
    4. सरकारी खजाने को नुकसान पहुंचाने से संबंधित अपराध
    5. हमला, हत्या, अपहरण, बलात्कार से संबंधित मामले
    6. लोक प्रतिनिधित्व अधिनियम में उल्लेखित अपराध (धारा 8)
    7. भ्रष्टाचार निरोधक अधिनियम कानून के तहत अपराध
    8. महिलाओं और बच्चों के ऊपर अत्याचार से संबंधित मामले

     

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