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    बिहार चुनाव की तैयारी पर CEC की प्रेस कॉन्फ्रेंस, बताया कब होंगे विधानसभा चुनाव

    Updated: Sun, 05 Oct 2025 03:02 PM (IST)

    मुख्य चुनाव आयुक्त ज्ञानेश कुमार बिहार चुनाव की तैयारियों का जायजा लेने के लिए दो दिवसीय दौरे पर हैं। उन्होंने प्रेस कॉन्फ्रेंस में चुनाव आयोग की तैयारियों की जानकारी दी। ज्ञानेश कुमार ने बिहार के मतदाताओं को मैथिली में अभिवादन किया और लोकतंत्र के पर्व को उत्सव की तरह मनाने का आह्वान किया।

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    बिहार में चुनाव आयोग की प्रेस कॉन्फ्रेंस शुरू

    डिजिटल डेस्क, पटना।  बिहार चुनाव से पहले मुख्य चुनाव आयुक्त ज्ञानेश कुमार के बिहार दौरे का आज दूसरा दिन हैं, जहां वह चुनाव की तैयारियों का जायजा ले रहे हैं। इसी कड़ी में उन्होंने आज प्रेस कॉन्फ्रेंस की और चुनाव आयोग की तैयारियों के बारे में बताया।

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    उन्होंने बिहार के मतदाताओं का मैथिली भाषा में अभिवादन किया। उन्होंने वोटरों को आव्हान करते हुए कहा कि जैसे हम त्यौहारों को मनाते हैं, उसी तरह लोकतंत्र के पर्व को उत्सव के साथ मनाएं। उन्होंने लोगों से वोट करने के लिए कहा।

    CEC ने कहा कि बिहार के 90217 बूथ लेवल ऑफिसर ने ऐसा काम किया, जो पूरे देश के लिए अनुकरणीय है। विश्व को वैशाली ने ही गणतंत्र का रास्ता दिखाया था। वैसे ही बूथ लेवल ऑफिसर लोकतंत्र का रास्ता दिखाएंगे।

    कब होंगे चुनाव

    उन्होंने कहा कि बिहार में 243 विधानसभा सीट हैं। विधानसभा की काल अवधि 22 नवंबर को समाप्त हो रही है। इससे पहले ही चुनाव संपन्न होंगे। चुनाव आयोग के अधिकारी सभी राजनीतिक दलों के साथ बैठक कर चुके हैं।

    इसके अलावा सभी जिम्मेदार अधिकारियों के साथ भी बैठक हुई है। जहां तक चुनाव आयोग एक फेज में कराने की बात है, चुनाव आयोग जल्द निर्णय लेगा।

    बिहार से होगी नवाचार की शुरुआत

    • पहली बार बूथ लेवल एजेंट्स (बीएलए) की ट्रेनिंग हुई। दिल्ली में 700 बीएलए का प्रशिक्षण संपन्न हुआ।
    • एक बूथ पर 1200 से ज्यादा वोटर नहीं होंगे। वोटिंग के लिए ज्यादा इंतजार नहीं करना होगा।
    • बूथ लेवल ऑफिसर के लिए भी फोटो आईडी कार्ड उपलब्ध कराया जाएगा।
    • पोलिंग बूथ के कमरे के बाहर मोबाइल जमा कर वोट डालने की सुविधा होगी। सभी 90 हजार पोलिंग बूथ पर ये सुविधा होगी।
    • मतदाताओं को दी जाने वाली वोटर स्लिप बूथ की संख्या बड़े अक्षरों में होगी, जिससे बूथ ढूंढना आसान होगा। 
    • ईवीएम पर प्रत्याशियों की रंगीन फोटो होगा।

    100 प्रतिशत वेब कास्टिंग

    हर जगहों पर 100 प्रतिशत वेब कास्टिंग होगी। 100 मीटर की दूरी पर हर प्रत्याशी अपना बूथ लगा सकते हैं। चुनाव आयोग 17 नए प्रयोग बिहार चुनाव में करने जा रही है। आगे यह पूरे देश में लागू होगा। 

    वोटर आईडी कार्ड में वोटर आईडी नंबर बड़ा होगा। EVM की काउंटिंग में कोई भी गलती होगी, तो सभी VVPAT की गिनती होगी। इसके अलावा बैलेट वोट की भी गिनती अनिवार्य होगी।

    SIR कानून के अनुसार: CEC

    उन्होंने बिहार में विशेष गहन पुनरीक्षण पर विपक्ष के हमले का जवाब दिया। मुख्य चुनाव आयुक्त ज्ञानेश कुमार ने कहा कि प्रत्येक चुनाव से पहले मतदाता सूचियों का पुनरीक्षण आवश्यक है और चुनाव के बाद इसकी समीक्षा करना कानून के अनुरूप नहीं होगा।

    CEC ने कहा कि मतदाता सूची बनाने की जिम्मेदारी ERO की होती है। बिहार के 243 ERO ने मिलकर मतदाता शुद्धिकरण का काम किया। अगर किसी का नाम वोटर लिस्ट में नाम नहीं आ पाया, तो इसके लिए DM से अपील की जा सकती है।

    पोलिंग एजेंट नियुक्त करें पार्टियां

    हर मतदान केंद्र पर मतदान होने से पहले मॉक पोल होता है। इसमें प्रत्याशियों के सामने EVM में पोलिंग होती है और VVPAT से इसका मिलान होता है। इसके बाद फॉर्म 17 भरा जाता है। उन्होंने सभी पार्टियों से अपने एजेंट जरूर नामित करने के लिए कहा।

    उन्होंने कहा कि खर्च की लिमिट चुनाव आयोग द्वारा जारी किए गए हैं। हर जिले में एक खर्च अधिकारी भी नियुक्त किए गए हैं। क्रिमिनल रिकॉर्ड को लेकर भी हर प्रत्याशी को प्रक्रिया फॉलो करनी होगी।

    नए वोटर कार्ड भी जारी होंगे

    वोटर कार्ड में गलती पर उन्होंने कहा जिन लोगों की वोटर आईडी कार्ड की एंट्री में बदलाव होगा। उन लोगों को सूची फाइनल होने के 15 दिन के भीतर नए वोटर कार्ड भिजवा दिया जाएगा। 

    आधार नागरिकता का प्रमाण नहीं

    SIR में आधार न लेने पर उन्होंने कहा कि आधार नागरिकता का प्रमाण नहीं होता है। सुप्रीम कोर्ट के कई आदेशों के तहत आधार जन्म का प्रमाण नहीं है। आधार एक्ट के तहत भी आधार न तो नागरिकता, जन्मतिथि और निवास का ही प्रमाण है।

    उन्होंने कहा कि सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद हम इसे स्वीकार कर रहे हैं, लेकिन कोर्ट ने भी कहा है कि यह नागरिकता का प्रमाण नहीं है। मतदान की पहली शर्त है कि वह भारत का नागरिक हो और उसकी उम्र 18 वर्ष से अधिक हो और बूथ के आसपास रहता हो। हालांकि आधार पहचान के लिए लिया जा सकता है।

    राजनीतिक दलों को सौंपी गई कटे हुए नामों की लिस्ट

    नाम कटने पर उन्होंने कहा कि जो मतदाता अपात्र हैं, उनके नाम काटे गए हैं। अगर किसी को आपत्ति है, वह अभी भी जिला अधिकारी के पास आवेदन कर सकते हैं। जहां तक संख्या की बात है हर ERO ने कटे हुए नामों की संख्या हर राजनीतिक दलों को दे दी है। दल अपने BLA जरूर नियुक्त करें।