'शिक्षण सिर्फ नौकरी नहीं, भविष्य निर्माण की जिम्मेदारी है', नवादा में बोले अपर मुख्य सचिव डॉ. सिद्धार्थ
शिक्षा विभाग के अपर मुख्य सचिव ने कहा कि शिक्षकों का काम सिर्फ़ नौकरी नहीं बल्कि पीढ़ी बनाने का दायित्व है। उन्होंने नवादा के अकबरपुर प्रखंड में अल्पसंख्यक स्कूलों का निरीक्षण किया और शिक्षकों की समस्याएं सुनीं। उन्होंने शिक्षकों को उनके इच्छानुसार स्थान मिलने की बात कही और समस्या होने पर आवेदन करने को कहा। नवादा से लौटते समय उन्होंने ढाबे पर चाय बनाई और लिट्टी का आनंद लिया।

डिजिटल डेस्क, पटना। शिक्षकों का काम अन्य सरकारी कार्यों से एकदम अलग है। यह सिर्फ सुबह 9 बजे से शाम 4 बजे तक की नौकरी नहीं है। यह छात्रों को पढ़ाने यानी आने वाली पीढ़ियों का कॉरियर बनाने का बेहद ही महत्वपूर्ण दायित्व है। इस दायित्व को सभी शिक्षकों को पूरी मेहनत और लगन से अपने दायित्व का निर्वहन करें। ये बातें शिक्षा विभाग के अपर मुख्य सचिव डॉ. एस सिद्धार्थ ने कही। वे रविवार को नवादा जिला के अकबरपुर प्रखंड स्थित अल्पसंख्यक समुदाय के स्कूलों का निरीक्षण करने पहुंचे थे। इस मौके पर उन्होंने शिक्षकों की तरफ से आयोजित एक कार्यक्रम को भी संबोधित किया। मौके पर शिक्षकों की समस्याएं भी सुनी और उनके जल्द समाधान का आश्वासन भी दिया।
स्कूल में शिक्षकों के साथ बेंच पर बैठकर अपर मुख्य सचिव ने शिक्षकों के साथ संवाद किया। ट्रांसफर मामले पर कहा कि सभी शिक्षकों को उनकी इच्छा के अनुसार स्थान मिला है। कुछ शिक्षकों ने इसे लेकर अपनी समस्या बताई, तो उन्होंने कहा कि आवेदन कर दें, इन मामलों पर विचार किया जाएगा।
अपर मुख्य नवादा से लौटने के दौरान बख्तियारपुर मोड़ के पास एनएच के किनारे स्थित ढाबा पर रुके और अपने हाथ से चाय बनाई। साथ ही दुकानवाले के साथ लिट्टी भी सेंकी और इसका लुफ्त उठाने के बाद पटना की तरफ लौटे। अपर मुख्य सचिव ने नवादा के अकबरपुर प्रखंड में अल्पसंख्यक स्कूलों के आसपास मौजूद कुछ मदरसा में भी शैक्षणिक कार्यों का मुआयना किया। गौरतलब है कि अल्पसंख्यक स्कूलों में शुक्रवार को छुट्टी होती है, रविवार को इनमें आमदिनों की तरह ही शैक्षणिक गतिविधि जारी रहती है।
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