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    Bihar: शिक्षा मंत्री की श‍िक्षकों को सलाह, हित में कदम उठाने का भी दिया भरोसा

    By Dina Nath Sahani Edited By: Vyas Chandra
    Updated: Tue, 25 Nov 2025 05:49 PM (IST)

    बिहार के शिक्षा मंत्री ने शिक्षा प्रणाली को बेहतर बनाने की दिशा में काम करने की सलाह श‍िक्षकों को दी है। उन्होंने शिक्षकों को उनके हित में कदम उठाने का भरोसा दिलाया। यह भी कहा क‍ि वे समय पर स्‍कूल पहुंचें और अनुशासन का पालन करें। 

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    शिक्षा मंत्री सुनील कुमार का स्‍वागत करते अधिकारी। सौ-एक्‍स

    राज्य ब्यूरो, पटना। Nitish Kumar Cabinet: शिक्षा मंत्री सुनील कुमार ने मंगलवार को विभाग का कार्यभार
    संभाल लिया।

    इस मौके पर उन्होंने कहा कि शिक्षा विभाग ऐसी व्यवस्था विकसित करेगा जिससे युवाओं के लिए रोजगार के अवसर में वृद्धि हो और शिक्षा व्यवस्था राज्य के विकास के साथ सीधे जुड़ सके।

    उन्होंने सभी शिक्षकों से आग्रह किया कि वे पूरे मनोयोग से बच्चों की पढ़ाई पर ध्यान दें, समय पर विद्यालय आएं और अनुशासन का पालन करें क्योंकि गुणवत्तापूर्ण शिक्षा में शिक्षक की भूमिका सर्वोपरि है। 

    शिक्षकों के हि‍त में जरूरी कदम उठाएगा विभाग 

    उन्होंने शिक्षकों को यह भरोसा दिया कि शिक्षा विभाग शिक्षकों के हित में सभी आवश्यक कदम उठाएगा और उनकी समस्याओं के समाधान में पूरी प्रतिबद्धता के साथ कार्य करेगा। 

    वहीं विभागीय अधिकारियों ने मंत्री को योजनाओं, कार्यक्रमों और वर्तमान प्रगति से अवगत कराया। उन्‍हें जरूरी जानकारी दी।

    इससे पहले शिक्षा विभाग के सचिव अजय यादव, सचिव दिनेश कुमार, प्राथमिक शिक्षा निदेशक साहिला, राज्य परियोजना निदेशक मयंक वड़वड़े तथा उच्च शिक्षा निदेशक एनके अग्रवाल समेत अन्य पदाधिकारियों ने पुष्प-गुच्छ भेंट कर मंत्री का स्वागत किया।

    एनसीईआरटी की पुस्तक पढ़ाना अनिवार्य

    जागरण संवाददाता, पटना। केंद्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड (सीबीएसई) ने संबद्ध स्कूलों को एनसीईआरटी की पुस्तकों को प्राथमिकता देने का निर्देश दिया है।

    बोर्ड ने कहा है कि कक्षा एक से आठवीं तक में अनिवार्य रूप से एनसीईआरटी की पुस्तक बच्चों को पढ़ाई जाए। निजी प्रकाशकों की किताबों से दूर रहने की सलाह दी गई है।

    बोर्ड ने कहा है कि इसका उद्देश्य बच्चों व अभिभावकों पर पुस्तकों का बोझ कम पड़े। बोर्ड ने कक्षा नौ वे 12 वीं तक में भी एनसीईआरटी की पुस्तक बच्चों को पढ़ाने का निर्देश दिया है।

    इससे होगा कि विद्यार्थियों को आगे चलकर प्रतियोगिता परीक्षा देने में आसानी होगी। प्रतियोगिता परीक्षा में एनसीईआरटी (NCERT) के पुस्तक से अधिक प्रश्न पूछे जाते हैं।

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