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    सीबीएसई के सिलेबस से मुगल काल हटाने का बिहार में विरोध, शिक्षा मंत्री बोले- हम नहीं होने देंगे ऐसा

    By Shubh Narayan PathakEdited By:
    Updated: Mon, 25 Apr 2022 07:13 PM (IST)

    बिहार के शिक्षा मंत्री बोले- मुगल काल की बातों को पाठ्यक्रम से हटाना उचित नहीं सीबीएसई पाठ्यक्रम से मुगलकाल गुटनिरपेक्ष व शीतयुद्ध की जानकारी को हटाने पर आपत्ति जताई बोले-बिहार के स्कूली पाठ्यक्रम में कोई बदलाव नहीं होगा

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    बिहार सरकार के शिक्षा मंत्री विजय कुमार चौधरी। फाइल फोटो

    राज्य ब्यूरो, पटना। बिहार के शिक्षा एवं संसदीय कार्य मंत्री विजय कुमार चौधरी ने सीबीएसई (केंद्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड) के 11वीं एवं 12वीं कक्षा के पाठ्यक्रम से गुटनिरपेक्ष आंदोलन, शीतयुद्ध के दौर, अफ्रीकी-एशियाई क्षेत्रों में इस्लामी साम्राज्य के उदय, मुगल दरबारों के इतिहास और औद्योगिक क्रांति से संबंधित अध्याय को हटाने पर कड़ी आपत्ति प्रकट की है। उन्होंने कहा कि सीबीएसई पाठ्यक्रम से कौन-कौन सी बातें हटाई गई हैं, इसकी मुझे कोई ठोस जानकारी नहीं है, किंतु मुगल काल की बातों को पाठ्यक्रम से हटाया जाना कतई उचित नहीं है, क्योंकि इतिहास तो इतिहास है।

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    बिहार में नहीं होगा बदलाव 

    विजय चौधरी ने कहा क‍ि अच्छा-बुरा जो भी है, वह हमारा इतिहास है, उससे हम सीखते हैं। राज्य में सरकारी स्कूलों के पाठ्यक्रम में बदलाव के सवाल पर उन्होंने स्पष्ट कहा कि बिहार में इस तरह का कोई भी बदलाव नहीं होगा। उन्होंने साफ किया कि बिहार में यह बदलाव नहीं होगा। बिहार सरकार के पाठ्यक्रम में फिलहाल जो पढ़ाया जा रहा है, उसमें सरकार कोई भी बदलाव नहीं करने जा रही है।

    सिलेबस में बदलाव का औचित्‍य नहीं

    उन्होंने कहा कि इतिहास के बारे में सभी को जानना चाहिए। ये शिक्षा, देश और समाज का अभिन्न हिस्सा है। उन्होंने यह भी कहा कि पाठ्यक्रम में बदलाव के बारे में अधिकारिक सूचना नहीं दी गई है। पाठ्यक्रम में जो बदलाव किया गया है उसका कोई औचित्य नहीं है। उन्होंने कहा कि भारत के इतिहास का मुगल शासन काल अविभाज्य हिस्सा है। यदि कोई देश का इतिहास समझना चाहेगा तो बीच में किसी काल को हटाया नहीं जा सकता है। 

    गुट निरपेक्ष आंदोलन का किया जिक्र 

    शिक्षा मंत्री ने बताया कि गुट निरपेक्ष आंदोलन और शीत युद्ध भरी इतिहास का हिस्सा है। इसके बारे में जो जानकारी पाठ्यक्रम में शामिल थी, उसे भी हटाना सही नहीं माना जा सकता है। यह छात्रों के लिए जरूरी ज्ञान का हिस्सा है। द्वितीय विश्वयुद्ध के बाद दुनिया के 120 से अधिक विकासशील देशों का नेतृत्व भारत ने किया था। इसे पाठ्यक्रम में रखना और विद्यार्थियों को जानकारी देना जरूरी है।