Bihar University News: राज्य के विश्वविद्यालयों के वित्तीय प्रबंधन पर नजर रखेगा शिक्षा विभाग, कुलपतियों को आदेश जारी
शिक्षा विभाग के सचिव बैद्यनाथ यादव के मुताबिक सभी विश्वविद्यालयों एवं 268 अंगीभूत महाविद्यालयों में आदर्श वित्तीय व्यवस्था बहाल करना प्राथमिकता है। वि ...और पढ़ें

राज्य ब्यूरो, पटना। बिहार सरकार अब राज्य के विश्वविद्यालयों पर शिंकजा कसने जा रही है। राज्य के विश्वविद्यालयों के 932 निष्क्रिय बैंक खातों में जमा पड़ी 2000 करोड़ 34 लाख की रकम को जानकर भी सरकार हैरान है। यह राशि विश्वविद्यालयों में व्याप्त वित्तीय कुप्रबंधन का नायाब उदाहरण भी है। हालिया ऑडिट रिपोर्ट ने सभी विश्वविद्यालयों में व्याप्त तमाम खामियों की पोल खोलकर रख दी है।
शिक्षा विभाग के सचिव बैद्यनाथ यादव के मुताबिक सभी विश्वविद्यालयों एवं 268 अंगीभूत महाविद्यालयों में आदर्श वित्तीय व्यवस्था बहाल करना प्राथमिकता है। विश्वविद्यालयों की ऑडिट रिपोर्ट से ऐसे बैंक खातों के बारे में पता चला है, जो संचालन में ही नहीं हैं। ऐसे खातों की जानकारी स्वयं कुलपतियों को भी नहीं है। इससे स्पष्ट होता है कि विश्वविद्यालयों और महाविद्यालयों में वित्तीय प्रबंधन किस स्थिति में है।
सामग्रियों की खरीद में नियमों की अनदेखी कर रहे विश्वविद्यालय
इसे गंभीरता से लेते हुए शिक्षा विभाग ने विश्वविद्यालयों में वित्तीय प्रबंधन में पारदर्शिता लाने हेतु कठोर कदम उठाया है। इस वर्ष से वित्तीय प्रबंधन, बजट और खर्च सहित विभिन्न वित्तीय व्यवस्था और उससे संबंधित खातों पर अंकेक्षकों की टीम दृष्टि रखेगी। शिक्षा सचिव बैद्यनाथ यादव के मुताबिक महालेखाकार द्वारा विश्वविद्यालयों का अंकेक्षण करते हुए रिपोर्ट भेजी गई है। इससे स्पष्ट हो रहा है कि सामग्रियों की खरीद, निर्माण कार्यों के संचालन आदि मामलों में वित्तीय नियमों का अनुपालन नहीं किया जा रहा है।
रोकड़ पंजी का संधारण मुख्य रोकड़पंजी के रूप में नहीं करने तथा अनेकों बैंक खात खोलकर चालू खाता में राशि रखी गई है। इसमें कई खाते निष्क्रिय हैं। विभाग ने यह भी कहा है कि सभी चालू खातों को बचत खाते में परिणत किए जाएं अथवा बचत खाता खोलकर चालू खाता की राशि को उसमें जमा किए जाए। इसके बाद चालू खाता बंद कर दिए जाएं। विश्वविद्यालय के सभी खातों का संचालन कुलसचिव और वित्त पदाधिकारी के संयुक्त हस्ताक्षर से किया जाएगा।
इन दोनों में से कोई पद रिक्त रहने पर कुलपति किसी वरीय प्रोफेसर को इसके लिए अधिकृत करेंगे। कॉलेज के सभी खातों का संचालन प्रधानाचार्य और बर्सर के संयुक्त हस्ताक्षर से किया जाएगा। विभाग ने कहा है कि विश्वविद्यालयों में वित्तीय प्रशासन और वित्तीय पारदर्शिता सुनिश्चित करने के लिए उक्त कार्रवाई की जा रही है।

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