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    सरकारी डॉक्टरों की निजी प्रैक्टिस रोकने की योजना, बिहार स्वास्थ्य सेवा संघ ने किया स्वागत

    Updated: Tue, 23 Dec 2025 07:48 AM (IST)

    बिहार में सरकारी डॉक्टरों की निजी प्रैक्टिस पर रोक लगाने की योजना का बिहार स्वास्थ्य सेवा संघ ने स्वागत किया है। संघ ने सरकार के इस कदम को स्वास्थ्य स ...और पढ़ें

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    सरकारी डॉक्टरों की निजी प्रैक्टिस। फाइल फोटो

    जागरण संवाददाता, पटना। प्रदेश में सुलभ स्वास्थ्य, सुरक्षित जीवन के लिए सात निश्चय 3.0 में किए गए पांच संकल्पों में से अंतिम दो को आमूलचूल परिवर्तन के वाहक होंगे। बिहार स्वास्थ्य सेवा संघ के महासचिव डॉ. अमिताभ कुमार ने मुख्यमंत्री नीतीश कुमार व कैबिनेट को इन संकल्पों के लिए धन्यवाद ज्ञापित किया है।

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    डॉ. अमिताभ कुमार ने कहा कि मुख्यमंत्री व कैबिनेट द्वारा पारित सात निश्चय-3 के तहत सुलभ स्वास्थ्य-सुरक्षित जीवन से जुड़े पांचवें निश्चय से प्रदेश की स्वास्थ्य सेवाओं में व्यापक व सकारात्मक बदलाव आएगा। डॉ. अमिताभ कुमार ने कहा कि इस निर्णय से सरकारी स्वास्थ्य संस्थानों की गुणवत्ता, पहुंच व विश्वसनीयता में उल्लेखनीय सुधार होगा।

    उन्होंने बताया कि नीति के तहत प्रखंड स्तर से लेकर जिला स्तर तक स्वास्थ्य ढांचे को सशक्त बनाने की स्पष्ट योजना है। प्रखंड सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्रों को विशिष्ट चिकित्सा केंद्र (स्पेशियलिटी हास्पिटल) व जिला अस्पतालों को अति विशिष्ट चिकित्सा केंद्र (सुपरस्पेशियलिटी हास्पिटल) के रूप में विकसित करने से लोगों को पटना पर निर्भर नहीं रहना पड़ेगा।

    दूरस्थ ग्रामीण क्षेत्रों में बेहतर चिकित्सा सुविधा सुनिश्चित करने के लिए चिकित्सकों को अलग से प्रोत्साहन राशि व अन्य सुविधाएं देने की व्यवस्था की गई है। वहीं, सरकारी चिकित्सकों की निजी प्रैक्टिस पर रोक लगाने से सरकारी अस्पतालों में डॉक्टरों की उपलब्धता व सेवाओं की गुणवत्ता में सुधार होगा

    इसका सीधा लाभ गरीब मरीजों को होगा। मुख्यमंत्री का यह दूरदर्शी निर्णय प्रदेश में सुलभ स्वास्थ्य सुरक्षित जीवन के लक्ष्य को साकार करने में मील का पत्थर साबित होगा।

    सुलभ स्वास्थ्य-सुरक्षित जीवन के पांच संकल्प

    - प्रखंड सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्रों को विशिष्ट चिकित्सा केंद्र के रूप में विकसित करना।
    - जिला अस्पतालों को अति विशिष्ट चिकित्सा केंद्र के रूप में विकसित करना।
    -नए मेडिकल कॉलेज एवं अस्पतालों में बेहतर पढ़ाई व इलाज के लिए सरकारी-निजी भागीदारी को प्रोत्साहित करना।
    - प्रतिष्ठित निजी क्षेत्र के अस्पतालों को प्रदेश में अपनी शाखा खोलने के लिए प्रोत्साहित करना।
    - दूरस्थ ग्रामीण क्षेत्रों में बेहतर चिकित्सा सुविधा सुनिश्चित करने के लिए चिकित्सकों को अलग से प्रोत्साहन राशि व अन्य सुविधाओं की व्यवस्था करना।
    - सरकारी चिकित्सकों की निजी प्रैक्टिस पर रोक लगाने के लिए नन प्रैक्टिसिंग अलाउंस लागू करना।