Bihar Crime: साइबर ठगों का नया खेल, कमीशन का लालच देकर ले रहे बैंक खाता; EOU ने तेज की जांच
साइबर ठगी की राशि सीधे अपने खाते में ट्र्रांसफर न कर अपराधी इसे कमीशन पर लिए गए दूसरे खातों में भेज रहे हैं। यह ऐसे खाते होते हैं जो ग्रामीणों से किराये पर लिए जाते हैं। फिर ऐसे खातों में साइबर ठगी की राशि निकालकर उसका दो से चार प्रतिशत तक खाताधारी को दे दिया जाता है। आर्थिक अपराध इकाई (ईओयू) की जांच में ऐसे कई मामले सामने आए हैं।

राज्य ब्यूरो,पटना। साइबर ठगी की राशि सीधे अपने खाते में ट्र्रांसफर न कर अपराधी इसे कमीशन पर लिए गए दूसरे खातों में भेज रहे हैं। यह ऐसे खाते होते हैं, जो ग्रामीणों से किराये पर लिए जाते हैं। फिर ऐसे खातों में साइबर ठगी की राशि निकालकर उसका दो से चार प्रतिशत तक खाताधारी को दे दिया जाता है।
आर्थिक अपराध इकाई (ईओयू) की जांच में ऐसे कई मामले सामने आए हैं। इस मामले में बैंककर्मियों की मिलीभगत की भी जांच की जा रही है। पूर्वी चंपारण स्थित कुंडवा चैनपुर के 20वीं वाहिनी सशस्त्र सीमा बल में तैनात संजय कुमार यादव के साथ हुई ठगी में ऐसा ही मामला सामने आया है।
इस मामले में गिरफ्तार राहुल कुमार ने पुलिस को बताया कि अतिकउर रहमान उर्फ जोया तथा विवेक उर्फ राजेश रंजन से उसकी दोस्ती थी। राहुल को तौसिफ बैंक खाता, एटीएम कार्ड, चेकबुक उपलब्ध कराता था। इसके बदले दस से 20 हजार रुपये प्रति बैंक खाता दिया जाता था।
बैंक खाता खुलवाने एवं फार्म भरवाने के लिए कई लड़कियों की भी मदद ली जाती है। इसके लिए लड़कियों को कमीशन दिया जाता है। अपराध से प्राप्त पैसा को गिरफ्तार अभियुक्तों द्वारा 20-22 अलग-अलग बैक खातों में पैसा हस्तांतरित किया जाता है।
दरअसल यह गिरोह गूगल पर विभिन्न कंपनियों के फर्जी कस्टमर केयर नंबर डाल कर लोगों को फंसाता है। एसएसबी जवान संजय भी बैंक का हेल्पलाइन नंबर गूगल पर खोजने के क्रम में इस पर फंस गए। संदिग्ध ने संजय के मोबाइल पर रस्कडेस्क डाउनलोड करा कर उनके खाते से करीब एक लाख रुपये की अवैध निकासी कर ली। ईओयू अधिकारियों के अनुसार, साइबर ठग पुलिस को चकमा देने के लिए भोले-भाले लोगों के साथ कमीशन पर खाता देने वाले लोगों का इस्तेमाल कर रहे हैं।
ताकि खाते की जांच में खुद न फंसे। इन मामलों को देखते हुए ही ईओयू ने एडवाइजरी भी जारी की है। ईओयू ने अपील की है कि कभी भी गूगल से किसी कंपनी का कस्टमर केयर का नंबर प्राप्त न करें।
इसके लिए कंपनी की वेबसाइट पर जाकर कस्टमर केयर का मोबाइल नंबर प्राप्त करें। अनजन एप डाउनलोड न करें। साथ ही किसी के साथ भी ओटीपी शेयर न करें।
कमेंट्स
सभी कमेंट्स (0)
बातचीत में शामिल हों
कृपया धैर्य रखें।