माफियाओं की उलटी गिनती शुरू: 20 नामों की लिस्ट आई सामने, ED करेगी 55 करोड़ की कुर्की; पूर्व विधायक के भाई तक चपेट में
बिहार में माफियाओं के खिलाफ सरकार सख्त हो गई है। उपमुख्यमंत्री सम्राट चौधरी के एलान के बाद जमीन, बालू और शराब माफिया पर कार्रवाई शुरू हो गई है। पहले च ...और पढ़ें

माफियाओं की उलटी गिनती शुरू
राज्य ब्यूरो, पटना। बिहार में माफिया के खिलाफ सरकार का सख्त रुख अब जमीन पर उतरता दिख रहा है। गृह मंत्री बनने के बाद उपमुख्यमंत्री सम्राट चौधरी द्वारा किए गए एलान के अनुरूप जमीन, बालू और शराब माफिया पर निर्णायक कार्रवाई की शुरुआत हो चुकी है। राज्य में पहली चरण की कार्रवाई के तहत 20 कुख्यात माफियाओं की करीब 54 करोड़ 88 लाख रुपये की चल-अचल संपत्ति जब्त करने की प्रक्रिया शुरू की गई है। आर्थिक अपराध इकाई (ईओयू) और जिला पुलिस की संयुक्त जांच के बाद प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) को इसका प्रस्ताव भेजा गया है।
सूत्रों के मुताबिक, इस सूची में जमीन और बालू कारोबार से जुड़े बड़े नाम शामिल हैं। 20 माफियाओं की सूची में 9 यादव समुदाय से हैं, जिनमें दानापुर से राजद के पूर्व विधायक रीतलाल यादव के भाई पिंकू यादव उर्फ टिंकू यादव का नाम भी शामिल है।
पिंकू यादव के साथ-साथ रीतलाल यादव भी फिलहाल जेल में बंद हैं। दोनों पर एक बिल्डर से 50 लाख रुपये की रंगदारी मांगने और जान से मारने की धमकी देने का आरोप है।
जांच एजेंसियों का मानना है कि इन लोगों ने अवैध गतिविधियों के जरिए बड़ी मात्रा में संपत्ति अर्जित की है।
सूची में कुल 8 भू-माफिया भी शामिल हैं, जिनमें पटना जिले के 5 कुख्यात नाम बताए जा रहे हैं। दानापुर क्षेत्र के पारस राय और उसका बेटा राजबल्लभ कुमार भी इस कार्रवाई की जद में आए हैं।
वहीं बालू माफियाओं पर भी शिकंजा कसा गया है। 12 बालू माफियाओं की संपत्ति जब्त करने का प्रस्ताव भेजा गया है, जिनमें बांका जिले के 6 माफिया शामिल हैं।
इनमें नीलेश यादव-संजय यादव और बादल यादव-आजाद यादव की जोड़ी भी शामिल है। इसके अलावा मनेर के रामप्रवेश सिंह और उनके भाई विशुन दयाल सिंह का नाम भी सूची में दर्ज है।
ईओयू के डीआईजी मानवजीत सिंह ढिल्लों के अनुसार, जांच में यह स्पष्ट हुआ है कि इन माफियाओं ने अवैध तरीकों से संपत्ति अर्जित की है।
अब ईडी धनशोधन निवारण अधिनियम (PMLA) के तहत ईसीआईआर दर्ज कर संपत्तियों की विस्तृत जांच करेगी। जांच पूरी होने के बाद संपत्तियों को अस्थायी और फिर स्थायी रूप से जब्त करने की कार्रवाई की जाएगी।
सरकार की कार्रवाई यहीं तक सीमित नहीं है। अवैध शराब कारोबार से संपत्ति खड़ी करने वाले 289 शराब माफियाओं को भी चिह्नित किया गया है।
भारतीय न्याय संहिता (BNS) की धारा 107 के तहत इनकी संपत्तियां जब्त करने की प्रक्रिया शुरू की जा रही है। अब तक 132 मामलों में प्रस्ताव दाखिल किए जा चुके हैं, जबकि शेष मामलों पर कार्रवाई जारी है।
इस बीच ईडी की एक और बड़ी कार्रवाई ने संकेत दे दिया है कि माफिया और आर्थिक अपराधियों के लिए बिहार में अब राहत की कोई गुंजाइश नहीं है।
ईडी ने बिहार, बंगाल और असम में प्रयाग ग्रुप ऑफ कंपनीज की करीब 110 करोड़ रुपये की अचल संपत्ति अस्थायी रूप से कुर्क कर ली है।
इसमें कंपनी के नाम पर 450 एकड़ से अधिक जमीन और सुपर स्ट्रक्चर शामिल हैं। कंपनी के निदेशक और प्रमोटर पहले से ही जेल में बंद हैं।
कुल मिलाकर, सरकार का संदेश साफ है, अवैध संपत्ति, माफिया नेटवर्क और संगठित अपराध के खिलाफ जीरो टॉलरेंस। आने वाले दिनों में यह कार्रवाई और तेज होने की उम्मीद है, जिससे बिहार में माफिया राज पर निर्णायक चोट मानी जा रही है।

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