सम्राट का नया फरमान, सूद देने वाले हो जाएं सावधान; 18 हजार सिपाहियों की बहाली पर भी डिप्टी सीएम ने दिया अपडेट
बिहार में अवैध रूप से सूद पर पैसा देने वाले गुंडा बैंक अब बंद होंगे। गृह मंत्री सम्राट चौधरी ने पुलिस मुख्यालय को इस बारे में निर्देश दिया है। आरबीआई ...और पढ़ें

नियुक्ति पत्र देते उपमुख्यमंत्री सम्राट चौधरी, साथ में एसीएस अरविंद कुमार चौधरी, डीजीपी विनय कुमार व अन्य। जागरण
राज्य ब्यूरो, पटना। राज्य में अवैध रूप से सूद (ब्याज) पर पैसा देने वाले गुंडा बैंक को पूरी तरह बंद किया जाएगा। उपमुख्यमंत्री सह गृह मंत्री सम्राट चौधरी ने बुधवार को पुलिस मुख्यालय के वरीय अधिकारियों को इससे जुड़ा दिशा-निर्देश दिया।
सरदार पटेल भवन स्थित पुलिस मुख्यालय के सभागार में आशु सहायक अवर निरीक्षकों के नियुक्ति पत्र वितरण कार्यक्रम में सम्राट ने कहा कि बिहार में अब रिजर्व बैंक आफ इंडिया (RBI) के द्वारा अधिकृत बैंक ही चलेंगे। गुंडा बैंक की कोई जगह नहीं है।
राज्य के कुछ असामाजिक व्यक्तियों के द्वारा आमजनों को बहुत अधिक ब्याज पर कर्ज दिया जाता है। कई बार लोगों को जमीन गिरवी रखने पर भी मजबूर किया जाता है। आमजनों में यह गुंडा बैंक के रूप में प्रचलित है।
इस अवैध व्यवस्था को बंद करना सरकार की शीर्ष प्राथमिकता है। गुडा बैंक चलाने वाले लोगों के विरुद्ध कानूनी कार्रवाई की जाएगी। उन्होंने सभी जिलों के एसपी को एक दिन के अंतराल पर थानों का निरीक्षण करने और जनता से जनसंवाद करने का निर्देश भी दिया। जघन्य मामलों का स्पीडी ट्रायल सुनिश्चित करने का टास्क भी दिया गया।
लगेंगे दस हजार कैमरे, सभी गांवों के प्रवेश-निकास द्वार पर लगाए जाएंगे
गृह मंत्री ने कहा कि राज्य की सुरक्षा व्यवस्था को अत्याधुनिक बनाने के लिए बड़े पैमाने पर आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) आधारित कैमरे लगाए जाएंगे।
रेलवे जंक्शनों, शहरों, चौक-चौराहों और शहरी इलाकों के साथ प्रत्येक गांव के प्रवेश और निकास वाले रास्ते पर सीसीटीवी कैमरों से निगरानी की जाएगी। इसके लिए पंचायती राज विभाग से समन्वय कर कैमरे लगाए जाएंगे।
मार्च तक पूरी हो जाएगी 19,838 सिपाहियों की बहाली
गृह मंत्री ने 54 में 48 नवनियुक्त आशु सहायक अवर निरीक्षकों को नियुक्ति पत्र का वितरण किया। इनमें 18 दिव्यांगजन और 29 महिलाएं हैं। सभी नवनियुक्त आशु सहायक अवर निरीक्षकों को सत्यनिष्ठा और मद्यनिषेध शपथ भी दिलाई गई।
सम्राट ने कहा कि मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के नेतृत्व में 2005 से सरकारी नियुक्तियों की प्रक्रिया निरंतर पारदर्शी तरीके से चल रही है। 2005 से 2020 तक 7.5 लाख से अधिक नियुक्तियां हुईं।

(शपथ लेते नवनियुक्त कर्मी।)
पिछले पांच वर्षों में 11.5 लाख से ज्यादा युवाओं को सरकारी नौकरी मिली है। इसी क्रम में पुलिस मुख्यालय द्वारा आशु सहायक अवर निरीक्षक को नियुक्ति पत्र दिया जा रहा है। उन्होंने बताया कि वर्तमान में बिहार पुलिस के सभी पदों की स्वीकृत संख्या 2 लाख 29 हजार 651 है। इस वर्ष 21 हजार 391 सिपाहियों की नियुक्ति कर उन्हें प्रशिक्षण दिया जा रहा है।
वहीं 19,838 सिपाही पदों के लिए लिखित परीक्षा हो चुकी है, जबकि शारीरिक परीक्षा इसी माह शुरू होगी। मार्च 2026 तक इनका चयन पूरा कर लिया जाएगा। अवर निरीक्षक कोटि के 1218 पदाधिकारियों का प्रशिक्षण राजगीर अकादमी में पूरा होने वाला है।
अवर निरीक्षक के 1799 पदों पर नियुक्ति का विज्ञापन प्रकाशित है। बिहार लोक सेवा आयोग द्वारा चयनित पुलिस उपाधीक्षक के 19 पदाधिकारियों का प्रशिक्षण जारी है।
इसके अलावा चालक सिपाही के 4300 पदों पर नियुक्ति प्रक्रिया के तहत लिखित परीक्षा आयोजित की गई है। मौके पर गृह विभाग के अपर मुख्य सचिव अरविंद कुमार चौधरी, डीजीपी विनय कुमार सहित पुलिस मुख्यालय के वरीय पदाधिकारी मौजूद रहे।

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