बिहार कांग्रेस में फूटा टिकट धांधली का लावा, आनंद माधव का दावा — कांग्रेस नहीं जीत पाएगी 10 सीटें भी
बिहार कांग्रेस में टिकट बंटवारे को लेकर असंतोष खुलकर सामने आया है। वरिष्ठ नेताओं ने प्रदेश प्रभारी और अध्यक्ष पर टिकट वितरण में धांधली का आरोप लगाया है। उन्होंने राहुल गांधी से शिकायत करने और कार्रवाई न होने पर आंदोलन की चेतावनी दी है। इस विवाद से महागठबंधन की मुश्किलें बढ़ सकती हैं। नेताओं ने 'टिकट धांधली' का आरोप लगाया है।

प्रभारी और अध्यक्ष पर नेताओं का निशाना
राज्य ब्यूरो, पटना। बिहार विधानसभा चुनाव में टिकट बंटवारे को लेकर कांग्रेस के भीतर गहरा असंतोष खुलकर सामने आ गया है। पार्टी के वरिष्ठ नेता और पूर्व उम्मीदवार अब खुलकर प्रदेश प्रभारी कृष्णा अल्लवरू और प्रदेश अध्यक्ष राजेश राम पर निशाना साध रहे हैं। उनका आरोप है कि टिकट वितरण में भारी धांधली हुई है और कांग्रेस नेतृत्व को गुमराह किया गया है। आनंद माधव का दावा किया है कि 10 भी सीट कांग्रेस नहीं ला पाएगी।
शनिवार को पटना में आयोजित एक प्रेस कांफ्रेंस में कांग्रेस रिसर्च सेल के अध्यक्ष व प्रवक्ता आनंद माधव के अलावा पूर्व प्रत्याशी गजानंद शाही छत्रपति यादव नागेंद्र प्रसाद विकल्प रंजन सिंह बच्चू प्रसाद सिंह राजकुमार राजन बंटी चौधरी समेत अनेक नेताओं ने संयुक्त रूप से प्रेस कॉन्फ्रेंस की और बिहार कांग्रेस के प्रभारी कृष्ण अल्लावारु, राजेश राम और शकील अहमद खान को दलाल बताया और कहा कि यह लोग मिलकर राहुल गांधी के हाथ को कमजोर कर रहे हैं और पार्टी को नुकसान पहुंचा रहे हैं।
आनंद माधव, छत्रपति तिवारी, गजानंद शाही, नागेंद्र विकल और बच्चू सिंह समेत कई दिग्गज नेताओं ने खुले मंच से कहा कि टिकट वितरण में मेहनती और जमीनी कार्यकर्ताओं को दरकिनार कर धनबल और सिफारिश वालों को तरजीह दी गई। उनका कहना था कि बिहार प्रभारी और प्रदेश अध्यक्ष ने राहुल गांधी के निर्देशों की अवहेलना करते हुए निजी स्वार्थ के तहत टिकट बांटे हैं।
नाराज नेताओं ने यहां तक कहा कि प्रभारी और प्रदेश अध्यक्ष ने राहुल गांधी के भरोसे का दुरुपयोग किया है। उनका कहना है कि जिस तरीके से उम्मीदवारों की सूची बनाई गई, उसमें न तो संगठन की राय ली गई और न ही क्षेत्रीय संतुलन का ख्याल रखा गया। कई ऐसे उम्मीदवारों को टिकट दिया गया जो पिछले पांच सालों में पार्टी कार्यक्रमों में नजर तक नहीं आए। नेताओं ने इसे “राहुल गांधी के साथ गद्दारी” और “पार्टी को धोखा” करार दिया।
कांग्रेस के पुराने और मेहनती कार्यकर्ताओं का कहना है कि उन्हें सिर्फ भीड़ जुटाने और प्रचार में लगाने का काम दिया गया, जबकि टिकट बाहरी या पैसे वाले लोगों को थमा दिया गया। आनंद माधव ने कहा कि “हमने जिंदगी के अहम साल पार्टी को दिए, हर आंदोलन में आगे रहे, लेकिन टिकट बेचने वालों ने मेहनत का अपमान किया।
गजानंद शाही ने तो यह भी कहा कि “पार्टी कार्यालय दलालों का अड्डा बन गया है, जहां निष्ठा नहीं, नोट का भाव चलता है। नाराज नेताओं ने कहा कि वे राहुल गांधी और कांग्रेस हाईकमान को पूरी रिपोर्ट भेजेंगे। इसके लिए एक प्रतिनिधिमंडल जल्द दिल्ली जाएगा और टिकट घोटाले से जुड़े सबूत सौंपेगा। नेताओं ने यह भी चेतावनी दी कि अगर कार्रवाई नहीं हुई तो वे संगठनात्मक आंदोलन शुरू करेंगे।
कांग्रेस में यह विवाद ऐसे समय उभरा है जब बिहार में महागठबंधन पहले से ही सीट बंटवारे और उम्मीदवार चयन को लेकर विवादों से जूझ रहा है। अब कांग्रेस के भीतर उठे इस बगावती सुर से महागठबंधन की मुश्किलें और बढ़ सकती हैं। पार्टी नेतृत्व की कोशिश है कि किसी तरह असंतोष को शांत किया जाए, लेकिन नेताओं के आरोपों की गंभीरता को देखते हुए संकट फिलहाल गहराता नजर आ रहा है।
कांग्रेस के लिए यह विवाद चुनावी मौके पर बड़ा झटका साबित हो सकता है, क्योंकि नाराज नेताओं के बगावती रुख से कई सीटों पर सीधे नुकसान की आशंका है।
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