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    Bihar Congress: बिहार में कांग्रेस का सख्त एक्शन, 7 नेता 6 साल के लिए पार्टी से बाहर

    By Vyas ChandraEdited By: Vyas Chandra
    Updated: Mon, 24 Nov 2025 06:07 PM (IST)

    बिहार कांग्रेस ने अनुशासनहीनता के चलते सात नेताओं को छह साल के लिए निष्कासित कर दिया है। इन नेताओं पर पार्टी विरोधी गतिविधियों में शामिल होने का आरोप है। पार्टी ने यह कदम अनुशासन बनाए रखने के लिए उठाया है।

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    राजेश राम और कृष्‍णा अल्‍लावारू

    राज्‍य ब्‍यूरो, पटना। पार्टी-विरोधी गतिविधियों के आरोप में बिहार कांग्रेस ने सात नेताओं को पार्टी की प्राथम‍िक सदस्‍यता से निष्‍कासित कर दिया है।  

    जिनपर कार्रवाई की गई है उनमें कांग्रेस सेवा दल के पूर्व उपाध्‍यक्ष आदित्‍य पासवान, प्रदेश कांग्रेस के पूर्व उपाध्‍यक्ष शकीलुर रहमान, क‍िसान कांग्रेस के पूर्व अध्‍यक्ष राजकुमार राजन, अत‍िपिछड़ा विभाग के पूर्व अध्‍यक्ष कुंदन गुप्‍ता, बांका जिला कांग्रेस कमेटी की अध्‍यक्ष कंचना कुमारी एवं नालंदा के रवि गोल्‍डेन शामिल हैं। 

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    प्रदेश कांग्रेस अनुशासन समिति ने छह वर्षों के लिए निष्‍कासन की कार्रवाई की है। अनुशासन समिति के अध्‍यक्ष कपिलदेव प्रसाद ने इस आशय का आदेश जारी किया है। 

    संतोषजनक स्‍पष्‍टीकरण नहीं मिलने पर कार्रवाई

    अनुशासन समिति के अध्यक्ष ने कहा है कि संबंधित नेताओं से प्राप्त स्पष्टीकरण समिति को संतोषजनक नहीं लगा। उनके कार्य पार्टी अनुशासन उल्लंघन के पांच मानकों में से तीन के अंतर्गत स्पष्ट रूप से आते हैं।

    समिति ने उल्लेख किया कि, नेताओं ने कांग्रेस के कार्यक्रमों और निर्णयों के विरुद्ध लगातार पार्टी मंचों से बाहर बयान दिए। 

    सक्षम अधिकारियों के निर्देशों की जानबूझकर अवहेलना की। प्रिंट और सोशल मीडिया में टिकट खरीद–फरोख्त जैसे निराधार और भ्रामक आरोप लगाकर पार्टी की प्रतिष्ठा को गंभीर क्षति पहुंचाई।

    समिति ने यह भी स्पष्ट किया कि जिन मुद्दों को उठाकर नेताओं ने दुष्प्रचार किया, उन पर पार्टी ने पूर्ण पारदर्शिता अपनाई थी।

    संगठन में भ्रम फैलाने की कोशि‍श 

    पर्यवेक्षकों की नियुक्ति, जनसंपर्क कार्यक्रम, प्रदेश चुनाव समिति की बैठकों तथा अखिल भारतीय चुनाव समिति द्वारा विस्तृत समीक्षा के बाद ही अधिकृत प्रत्याशियों की घोषणा की गई थी।

    इसके बावजूद संबंधित नेताओं के आचरण से पार्टी के विभिन्न स्तरों के निर्णयों की अवमानना हुई। संगठन के भीतर भ्रम फैलाने की कोशिश की गई।

    समिति ने यह भी बताया कि केंद्रीय पर्यवेक्षक अविनाश पाण्डेय की सहमति से विधान सभा पर्यवेक्षक बनाए जाने के बाद भी इन नेताओं ने अनुशासनहीनता जारी रखी।

    इन सभी तथ्यों के आधार पर प्रदेश कांग्रेस अनुशासन समिति ने निम्नलिखित व्यक्तियों को छह वर्षों के लिए कांग्रेस की प्राथमिक सदस्यता से निष्कासित करने का निर्णय लिया है।