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    बिहार कांग्रेस में बगावत की गूंज: अल्लावारू और प्रदेश नेतृत्व के खिलाफ धरने पर बैठे नाराज नेता

    Updated: Thu, 23 Oct 2025 02:47 PM (IST)

    बिहार कांग्रेस में टिकट बंटवारे को लेकर असंतोष बढ़ रहा है। नाराज नेताओं ने सदाकत आश्रम में धरना प्रदर्शन किया और प्रदेश प्रभारी कृष्णा अल्लावारू और प्रदेश नेतृत्व के खिलाफ नारेबाजी की। उन्होंने टिकट वितरण में पारदर्शिता की कमी और बाहरी लोगों को टिकट देने का आरोप लगाया। नेताओं ने पार्टी हाईकमान से जांच की मांग की है।

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    पटना के सदाकत आश्रम परिसर में धरना।

    राज्य ब्यूरो, पटना। बिहार के विपक्षी खेमे में एक ओर जहां चट्टानी एकता के नारे बुलंद किया जा रहे थे वहीं दूसरी ओर कांग्रेस के अंदर विरोध की आग भी सुलग रही है। गुरुवार को पटना में महागठबंधन के नेताओं ने साझा प्रेस कॉन्फ्रेंस कर तेजस्वी को अपना मुख्यमंत्री पद का उम्मीदवार घोषित कर दिया।

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    जबकि दूसरी ओर कांग्रेस मुख्यालय सदाकत आश्रम में बिहार कांग्रेस प्रभारी कृष्ण अल्लवारूअल्लाह और प्रदेश नेतृत्व के खिलाफ विरोध की आवाज भी बुलंद होती दिखी।


    कांग्रेस में टिकट बंटवारे से उपजे असंतोष ने अब खुले विरोध का रूप ले लिया है। पार्टी के कई वरिष्ठ नेता, पूर्व प्रत्याशी और जिलाध्यक्ष अब प्रदेश प्रभारी कृष्णा अल्लावारू और प्रदेश नेतृत्व के खिलाफ मोर्चा खोल चुके हैं। गुरुवार को पटना के सदाकत आश्रम में दर्जनों नाराज नेताओं ने धरना-प्रदर्शन कर पार्टी नेतृत्व के खिलाफ जमकर नारेबाजी की।

    धरने में शामिल नेताओं में आनंद माधव, छत्रपति यादव, गजानंद शाही, नागेंद्र विकल, बच्चू सिंह समेत कई जिलाध्यक्ष और वरिष्ठ कार्यकर्ता मौजूद रहे। इन नेताओं ने आरोप लगाया कि टिकट बंटवारे में पारदर्शिता नहीं बरती गई और पैसों के बल पर कई कमजोर उम्मीदवारों को टिकट दिया गया। नाराज नेताओं ने कहा कि प्रभारी कृष्णा अल्लावारू और प्रदेश अध्यक्ष ने राहुल गांधी को गलत जानकारी देकर कांग्रेस की छवि को नुकसान पहुंचाया है।


    धरना स्थल पर माहौल बेहद गरम रहा। कई नेताओं ने कहा कि जिन कार्यकर्ताओं ने वर्षों तक पार्टी के लिए संघर्ष किया, उन्हें दरकिनार कर बाहरी लोगों को टिकट दे दिया गया। आनंद माधव ने कहा कि “बिहार कांग्रेस अब कुछ लोगों की जागीर बन चुकी है। मेहनती कार्यकर्ताओं को सम्मान नहीं मिल रहा।

    पार्टी को जमीनी कार्यकर्ताओं से नहीं, दलालों से चलाया जा रहा है।” वहीं, छत्रपति ने आरोप लगाया कि प्रभारी और अध्यक्ष ने मिलकर कांग्रेस की परंपरा को कलंकित किया है।धरना में उपस्थित नेताओं ने पार्टी हाईकमान से मांग की कि टिकट वितरण प्रक्रिया की जांच कराई जाए और दोषी नेताओं के खिलाफ कार्रवाई हो। साथ ही, सभी जिलाध्यक्षों को भरोसे में लेकर नई रणनीति बनाई जाए, ताकि संगठन में फिर से विश्वास बहाल हो सके।


    प्रदर्शन के दौरान नेताओं ने सदाकत आश्रम के बाहर बैनर-पोस्टर लगाए, जिन पर लिखा था पार्टी बेचने वालों को बख्शा नहीं जाएगा। कांग्रेस कार्यकर्ताओं का अपमान बंद करो।


    सूत्रों के मुताबिक, इस धरने में शामिल कई नेता आगामी दिनों में दिल्ली जाकर कांग्रेस आलाकमान से मुलाकात करने की तैयारी में हैं। वहीं, कांग्रेस के आधिकारिक प्रवक्ता ने कहा है कि “पार्टी में हर किसी को अपनी बात कहने का अधिकार है, लेकिन ऐसे समय में विरोध करने से केवल विरोधियों को फायदा होगा।

    बहरहाल, बिहार कांग्रेस में बढ़ती नाराजगी ने पार्टी के अंदर नेतृत्व संकट को और गहरा कर दिया है। विधानसभा चुनाव के इस नाजुक मोड़ पर जब कांग्रेस को एकजुटता की जरूरत है, ऐसे में लगातार उठते बागी स्वर संगठन के लिए बड़ा सिरदर्द बनते जा रहे हैं।