Bihar Politics: ये तीन विधायक क्यों नहीं गए हैदराबाद? बगावत की तैयारी तो नहीं! इस कांग्रेस विधायक ने कर दिया क्लियर
Bihar Politics बिहार के प्रदेश अध्यक्ष डॉ. अखिलेश प्रसाद सिंह कुल 19 में से 16 विधायकों को लेकर हैदराबाद पहुंचे हैं। बाकी तीन विधायकों को भी यथाशीघ्र पहुंचने का निर्देश है। 12 फरवरी को विश्वास मत के दिन उन्हें वहां से सीधे पटना लाया जाएगा। विधानसभा का अंकगणित अभी राजग के पक्ष में है। इस बीच कांग्रेस के एक विधायक ने इस मामले में बयान दिया है।
जागरण टीम, पटना। Bihar Political News In Hindi सत्तारूढ़ राजग (राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन) द्वारा डोरे डाले जाने की चर्चा को अफवाह करार देते हुए बिहार कांग्रेस (Congress) अपने सभी 19 विधायकों को एकजुट बता रही। हालांकि, खरीद-फरोख्त की आशंका पर कांग्रेस नेता गोल-मटोल उत्तर दे रहे।
जिन विधायकों पर अंगुली खड़ी की जा रही, वे अगर सामने नहीं आ रहे तो पर्दे के पीछे से भी कोई प्रतिक्रिया नहीं दे रहे। ऐसे में चर्चाएं सिर चढ़कर बोल रहीं। इस बीच आलाकमान के निर्देश पर दिल्ली में रोके गए विधायक हैदराबाद पहुंचा दिए गए हैं।
विधानसभा का अंकगणित अभी राजग के पक्ष में
प्रदेश अध्यक्ष डॉ. अखिलेश प्रसाद सिंह कुल 19 में से 16 विधायकों को लेकर हैदराबाद पहुंचे हैं। बाकी तीन विधायकों को भी यथाशीघ्र पहुंचने का निर्देश है। 12 फरवरी को विश्वास मत के दिन उन्हें वहां से सीधे पटना लाया जाएगा। विधानसभा का अंकगणित अभी राजग के पक्ष में है।
अखिलेश बता रहे कि तेलंगाना की नवगठित सरकार को शुभकामना देने के लिए वे दल-बल के साथ पहुंचे हैं। विधायक विजय शंकर दूबे का कहना है कि कांग्रेस में टूट की आशंका निर्मूल है और ऐसी बातों का कोई पुष्ट आधार नहीं। बैठक में कोई एक-दो विधायक नहीं पहुंचा तो उसका कारण व्यक्तिगत-पारिवारिक व्यस्तता है।
एक भी विधायक इधर-उधर नहीं होने वाला। कांग्रेस पहले भी ऐसे दौर और अफवाहों को झेल चुकी है। दुबे परिवार में शादी समारोह की तैयारी के क्रम में घर आए हैं और बहुत संभव है कि दो-तीन दिन में हैदराबाद लौट जाएं।
यह तीन विधायक नहीं गए हैदराबाद
उनके अलावा अररिया के विधायक आबिदुर्रहमान और बिक्रम के सिद्धार्थ सौरव हैदराबाद में नहीं हैं। आबिदुर्रहमान तो पुत्री की चिकित्सा के कारण अनुपस्थित हैं और उन्हें निष्ठावान बताया जा रहा, सिद्धार्थ सौरव को लेकर पार्टी पूर्णत: आश्वस्त नहीं। वे नेतृत्व से असंतुष्ट बताए जा रहे और पहले भी अपना विरोध दर्ज कराते रहे हैं।
राहुल गांधी की भारत जोड़ो न्याय यात्रा की एक दिन पहले (28 जनवरी) को पूर्णिया में हुई बैठक में भी वे आखिरी क्षण तक नहीं पहुंचे थे। हालांकि, डॉ. खान पूर्णिया की बैठक में सभी विधायकों की सहभागिता का दावा कर रहे। उनका कहना है कि तब भी कांग्रेस विधायक एकजुट थे और वे आज भी एकजुट हैं।
क्षेत्र की समस्या प्राथमिक- सिद्धार्थ सौरव
अब सिद्धार्थ सौरव ने मीडिया से बात करते हुए कहा कि सभी विधायकों को हैदराबाद ले जाया गया है, ये अच्छी बात है, उनका टूर हो जाएगा। उन्होंने कहा कि वह इसलिए नहीं गए क्योंकि क्षेत्र की समस्याएं प्राथमिक हैं।
उन्होंने कहा कि उनसे भी हैदराबाद जाने का आग्रह किया गया था, लेकिन शादी के न्योताओं और क्षेत्र की समस्याओं को देखते हुए उन्होंने मना कर दिया।
वहीं, विधायक तोड़ने के सवाल पर जवाब देते हुए कांग्रेस विधायक ने कहा कि अभी एनडीए को इसकी जरूरत नहीं है, उनके पास पर्याप्त विधायक हैं, इसकी जरूरत तब होती है, जब विधायक कम हों। उन्होंने कहा कि ऐसा हो सकता है कि कांग्रेस आलाकमान टूट की अफवाहों से चिंतित हों और सुरक्षा के तौर पर इस तरह का कदम उठाया हो।
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