Trending

    Move to Jagran APP
    pixelcheck
    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    Bihar Politics: करारी हार के बाद बिहार कांग्रेस में सियासी भूचाल, 43 नेताओं को थमाया नोटिस

    By SUNIL RAAJEdited By: Rajat Mourya
    Updated: Tue, 18 Nov 2025 03:28 PM (IST)

    बिहार विधानसभा चुनाव में हार के बाद कांग्रेस में कलह खुलकर सामने आ गई है। पार्टी ने 43 नेताओं को नोटिस जारी कर 21 नवंबर तक जवाब मांगा है। नेताओं पर पार्टी विरोधी गतिविधियों में शामिल होने का आरोप है। इस फैसले से प्रदेश कांग्रेस में असंतोष और बढ़ गया है। नाराज नेताओं ने नेतृत्व पर सवाल उठाए हैं और आलोचना को दबाने का आरोप लगाया है।

    Hero Image

    राज्य ब्यूरो, पटना। बिहार विधानसभा चुनाव में करारी हार के बाद कांग्रेस की अंदरूनी कलह अब खुलकर सतह पर आने लगी है। पार्टी ने अपने वफादार 43 नेताओं को नोटिस थमा दिया है। कांग्रेस के प्रदेश नेतृत्व ने नोटिस वाले नेताओं पर कई आरोप लगाते हुए 21 नवंबर तक जवाब देने की मोहलत दी है। पार्टी के इस फैसले ने प्रदेश कांग्रेस में असंतोष की आग को और भड़का दिया है।

    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    कांग्रेस ने अपने आदेश में कहा है कि बिहार विधानसभा चुनाव 2025 के दौरान पार्टी-विरोधी गतिविधियों में संलिप्त पाए जाने के कारण कांग्रेस पार्टी अनुशासन समिति ने नेताओं को कारण-पत्र (शोकॉज नोटिस) जारी किया है।

    चुनावी अवधि में इन व्यक्तियों द्वारा मीडिया सहित अन्य सार्वजनिक मंचों पर पार्टी की आधिकारिक लाइन से हटकर बयान दिए गए थे, जिससे पार्टी की छवि, प्रतिष्ठा तथा चुनावी प्रदर्शन पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ा।

    प्रदेश कांग्रेस अनुशासन समिति के अध्यक्ष कपिलदेव प्रसाद यादव के अनुसार संबंधित सभी व्यक्तियों को निर्देशित किया गया है कि वे 21 नवंबर की दोपहर 12 बजे तक अपना लिखित स्पष्टीकरण समिति के समक्ष प्रस्तुत करें।

    दरअसल, कांग्रेस में चुनाव के दौरान ही टिकट बंटवारे में मनमानी, नेतृत्व की बंद कमरे की रणनीति और स्थानीय नेताओं की अनदेखी को लेकर विरोध शुरू हो गया था। नाराज नेताओं ने न सिर्फ चुनाव संचालन पर सवाल उठाए, बल्कि प्रदेश अध्यक्ष राजेश राम और प्रभारी कृष्णा अल्लावारू की कार्यशैली को भी हार का प्रमुख कारण बताया।

    इस विरोध की आवाज दबाने के बजाय पार्टी ने जिस तरह नोटिस जारी कर 21 नवंबर तक जवाब तलब किया है। जिसे लेकर नाराज नेता और आक्रामक हो गए हैं। संसाधनों की कमी और कमजोर नेतृत्व को लेकर आवाज उठाने वाले नेताओं का कहना है कि कांग्रेस नेतृत्व आलोचना सुनने के बजाय उसे खामोश करना चाहता है।

    इन नेताओं को थमाया गया नोटिस

    1. अफाक आलम, पूर्व मंत्री
    2. आनन्द माधव, पूर्व प्रवक्ता, प्रदेश कांग्रेस
    3. छत्रपति यादव, पूर्व विधायक
    4. वीणा शाही, पूर्व मंत्री
    5. अजय कुमार सिंह, पूर्व विधान पार्षद
    6. गजानन्द शाही उर्फ मुन्ना शाही, पूर्व विधायक
    7. सुधीर कुमार उर्फ बंटी चैधरी, पूर्व विधायक
    8. कंचना कुमारी, अध्यक्ष, बांका जिला कांग्रेस कमिटी
    9. बच्चू कुमार बीरू, अध्यक्ष, सारण जिला कांग्रेस कमिटी
    10. राज कुमार राजन, पूर्व युवा कांग्रेस अध्यक्ष
    11. नागेन्द्र पासवान विकल, पूर्व युवा कांग्रेस अध्यक्ष
    12. मधुरेन्द्र कुमार सिंह, सदस्य, अखिल भारतीय कांग्रेस कमिटी
    13. प्रदुमन यादव, अध्यक्ष, प्रदेश खेल प्रकोष्ठ
    14. सकीलुर रहमान, पूर्व उपाध्यक्ष, प्रदेश कांग्रेस
    15. अशोक गगन, पूर्व प्रवक्ता
    16. सूरज सिन्हा, प्रवक्ता, प्रदेश कांग्रेस
    17. उर्मिला सिंह नीलू, महिला कांग्रेस
    18. सुधा मिश्रा, महिला कांग्रेस
    19. अब्दुल बाकी सज्जन
    20. वसी अख्तर
    21. रमेश सिंह
    22. कैशर खान, पूर्व महासचिव, प्रदेश कांग्रेस
    23. कुन्दन गुप्ता, पूर्व अध्यक्ष, अति पिछड़ा प्रकोष्ठ
    24. राज कुमार शर्मा, पूर्व अध्यक्ष, किसान कांग्रेस
    25. आशुतोष शर्मा, पूर्व जिलाध्यक्ष, पटना ग्रामीण-1
    26. कुमार संजीत
    27. नीरज कुमार
    28. राणा अजय कुमार सिंह, पूर्व प्रत्याशी
    29. रेखा पटेल, पूर्व सदस्य, अ0भा0कां0क0
    30. रीना देवी, नालन्दा जिला महिला अध्यक्ष
    31. अजय प्रताप सिंह
    32. शिवनीती सिंह, खगड़िया
    33. सुदय शर्मा, पटना महानगर
    34. सुनीता कुमारी
    35. आदित्य पासवान, पूर्व उपाध्यक्ष, सेवादल
    36. राहुल मिश्रा, सोशल मीडिया
    37. अरविन्द पासवान
    38. खुशबू कुमारी, सदस्य, प्रदेश चुनाव समिति
    39. रवि गोल्डेन, नालन्दा
    40. निधि पाण्डेय
    41. राजीव मेहता
    42. धीरेन्द्र कुमार सिंह, औरंगाबाद
    43. रवि सिंह राजपूत, औरंगाबाद