अमित शाह की काट के लिए नीतीश कुमार ने चला नया दांव, जेपी के नाम पर बिहार में राजनीति तेज
Bihar News अमित शाह के बिहार दौरे से पहले जदयू ने बदली रणनीति। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने चला नया दांव। केंद्रीय गृह मंत्री से पहले ही जाएंगे सिताब दियारा। अब राजकीय समारोह के रूप में मनेगी जेपी की पुण्यतिथि भी

पटना, जागरण टीम। लोकनायक जय प्रकाश नारायण भारतीय राजनीति का अहम चेहरा हैं। उनके घनघोर विरोधी भी उनको अनदेखा करने की जुर्रत नहीं कर सकते हैं। लेकिन, आजकल बिहार में जेपी को लेकर नई ऊर्जा का संचार हो रहा है। यह सब हुआ है बिहार में राजनीतिक परिवर्तन के बाद। जब से यह खबर आई कि केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह जेपी के गांव आने वाले हैं, एक बड़े वर्ग में बेचैनी और प्रतिक्रिया साफ तौर पर दिखी।
जेपी के बहाने जदयू को निशाना बनाने की कोशिश
भाजपा की कोशिश है कि जेपी के बहाने जदयू और नीतीश कुमार को घेरा जाए। इस बात के लिए वे कांग्रेस के साथ चले गए, जिसके खिलाफ जेपी ने संघर्ष किया था। जदयू जानता है कि यह मसला गंभीर है, इसलिए पार्टी अपनी ओर से कोई माइलेज भाजपा को नहीं देना चाहती है।
अमित शाह से पहले अब नीतीश जाएंगे सिताब दियारा
बिहार के मुख्यमंत्री जेपी की पुण्यतिथि पर नगालैंड के एक कार्यक्रम में शामिल होने वाले थे। इस बीच जैसे ही खबर लगी कि अमित शाह सिताब दियारा आने वाले हैं, जदयू ने अपनी रणनीति में बदलाव किया। अमित शाह के आगमन से पहले ही नीतीश कुमार के सिताब दियारा जाने का कार्यक्रम बन गया। इससे पहले नीतीश कुमार ने एक वर्चुअल कार्यक्रम में सिताब दियारा के लिए कई घोषणाएं कीं, और आधा यूपी आधा बिहार में बसे इस गांव के विकास के लिए उत्तर प्रदेश की योगी आदित्यनाथ योगी सरकार को घेरने की कोशिश की।
जयंती के साथ पुण्यतिथि पर भी राजकीय समारोह
लोकनायक जयप्रकाश नारायण की जयंती के साथ ही उनकी पुण्यतिथि पर भी राजकीय समारोह आयोजित होगा। सरकार ने इस संबंध में घोषणा कर दी है। राज्य में अब तक सरकार जयप्रकाश नारायण की जयंती 11 अक्टूबर को राजकीय समारोह आयोजित करती रही है। इसी कड़ी में अब आठ अक्टूबर को जेपी की पुण्यतिथि पर भी राजकीय समारोह आयोजित करने का फैसला किया है।
गांधी मैदान में होगा सरकार का कार्यक्रम
मंत्रिमंडल सचिवालय ने इस संबंध में आदेश भी जारी किया है। आदेश के मुताबिक प्रसिद्ध स्वतंत्रता सेनानी, समाजवादी एवं संपूर्ण क्रांति के अग्रदूत लोकनायक जयप्रकाश नारायण के भारतीय राजनीति में अविस्मरणीय योगदान को देखते हुए उनकी स्मृति में राज्य सरकार ने यह निर्णय लिया है कि प्रत्येक वर्ष आठ अक्टूबर को गांधी मैदान के दक्षिण-पश्चिम छोर पर स्थित जेपी के प्रतिमा स्थल पर उनकी पुण्यतिथि राजकीय समारोह के रूप में आयोजित की जाएगी। मंत्रिमंडल सचिवालय ने सरकार के संकल्प को बिहार राजपत्र में जन साधारण के सूचनार्थ प्रकाशित करने का निर्देश भी दिया है।
जेपी सेनानी पेंशन चालू करने वाला राज्य
बिहार में जेपी को लेकर सियासत नई बात नहीं है। एक वक्त राजद और जदयू में जेपी का असली चेला बताने की होड़ लगी रहती थी। लालू यादव और नीतीश कुमार एक-दूसरे को जेपी को धोखा देने वाले बताते थे। नीतीश कुमार ने बिहार का मुख्यमंत्री बनते ही संपूर्ण क्रांति के आंदोलनकारियों के लिए जेपी सेनानी पेंशन शुरू की थी।
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