Bihar: सदन में अंग्रेजी देख नाराज हुए सीएम, कहा - ये क्या है, बिहार है ना जी, हिंदी को खत्म ही कर दीजिएगा क्या
यह पहली बार नहीं है जब मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने अंग्रेजी के इस्तेमाल को लेकर आपत्ति जताई है। फरवरी में पटना में राज्य सरकार के द्वारा आयोजित किसान समागम कार्यक्रम में भी उन्होंने किसानों और अफसरों द्वारा अंग्रेजी बोलने पर आपत्ति जताई थी।
पटना, राज्य ब्यूरो। सोमवार को विधानपरिषद की कार्यवाही के दौरान सदन में लगी स्क्रीन पर अंग्रेजी शब्दों के इस्तेमाल पर मुख्यमंत्री नीतीश कुमार खूब नाराज हुए। अल्पसूचित प्रश्नों के सवाल-जवाब के दौरान अचानक मुख्यमंत्री सदन में खड़े हो गए और सभापति का ध्यान सामने लगी स्क्रीन की ओर दिलाया। कहा- 'आनरेबल', 'स्पीकिंग टाइम' ई सब क्या चलवा रहे हैं। माननीय लिखवाइए। हिंदी को एकदम खत्म ही करवा दीजिएगा क्या, बंद कराइए ये सब। सब को हिंदी में कराइए।
इसके बाद सभापति देवेशचंद्र ठाकुर ने मुख्यमंत्री को आश्वासन दिया कि इसमें जल्द ही सुधार करा दिया जाएगा। इसका असर भी थोड़ी ही देर में दिखने भी लगा। विधानसभा की स्क्रीन पर आनरेबल शब्द की जगह विधानपार्षदों के नाम के आगे श्री लिखा जाने लगा।
किसान समागम में भी जताई थी आपत्ति
यह पहली बार नहीं है जब मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने अंग्रेजी के इस्तेमाल को लेकर आपत्ति जताई है। फरवरी में पटना में राज्य सरकार के द्वारा आयोजित किसान समागम कार्यक्रम में भी उन्होंने किसानों और अफसरों के द्वारा अपनी राय देते वक्त अंग्रेजी शब्दों का इस्तेमाल किए जाने पर आपत्ति जताते हुए कहा था ये क्या है, बिहार है ना जी। आप लोग जितना बोलते हैं सब अंग्रेजी शब्द का प्रयोग कर रहे हैं। ये हो क्या गया है आप लोगों को अपने राष्ट्र के और अपने देश के हिंदी शब्द को भूल जाइएगा?
बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने अमित कुमार नाम के एक किसान को अपने जीवन के रोमांच को याद करते समय बहुत सारे "अंग्रेजी वाक्यांशों" का उपयोग करने के लिए फटकार लगाई थी। सीएम नीतीश कुमार महान समाजवादी राम मनोहर लोहिया के प्रबल समर्थक हैं, जिन्होंने सामाजिक असमानता को दूर करने के लिए स्थानीय भाषाओं का समर्थन किया।