गड्ढा दिखा, मोबाइल निकाला और भेज दी शिकायत...अब जनता करेगी ग्रामीण सड़कों की निगरानी
बिहार सरकार ने ग्रामीण सड़कों के रख-रखाव में पारदर्शिता लाने के लिए क्यूआर कोड आधारित फीडबैक प्रणाली शुरू की है। अब आम नागरिक भी प्रधानमंत्री ग्राम सड ...और पढ़ें

अब जनता करेगी ग्रामीण सड़कों की निगरानी
डिजिटल डेस्क, पटना। ग्रामीण सड़कों के रख-रखाव को अधिक पारदर्शी, जवाबदेह और प्रभावी बनाने की दिशा में बिहार सरकार ने बड़ा कदम उठाया है। अब प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना (PMGSY) के तहत बनी सड़कों की निगरानी सिर्फ विभागीय अभियंताओं तक सीमित नहीं रहेगी, बल्कि आम नागरिक भी इस प्रक्रिया का हिस्सा बनेंगे। ग्रामीण कार्य विभाग ने क्यूआर कोड आधारित फीडबैक प्रणाली लागू करने का निर्देश जारी किया है, जिससे सड़क पर गड्ढा, टूट-फूट या अन्य खामियां सीधे विभाग तक पहुंचाई जा सकेंगी।
ग्रामीण कार्य विभाग के अभियंता प्रमुख सह विशेष सचिव ई. निर्मल कुमार ने मंगलवार को विभाग के सभी कार्य प्रमंडलों के कार्यपालक अभियंताओं को निर्देश दिया कि वे ई-मार्ग (eMARG) पोर्टल से जनरेट किए गए क्यूआर कोड को अनिवार्य रूप से सड़क किनारे लगे रख-रखाव सूचना बोर्ड पर लगाएं। यह क्यूआर कोड प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना के अंतर्गत निर्मित प्रत्येक सड़क के लिए अलग-अलग होगा।
क्यूआर कोड स्कैन करने पर नागरिकों को संबंधित सड़क की पूरी जानकारी मिलेगी। साथ ही वे सड़क पर मौजूद गड्ढों, दरारों या अन्य समस्याओं की तस्वीर खींचकर फीडबैक विंडो के माध्यम से सीधे विभाग को भेज सकेंगे। यह फीडबैक विभागीय प्रणाली में स्वतः दर्ज हो जाएगा, जिससे शिकायतों के छूटने की संभावना कम होगी।
अभियंता प्रमुख ने बताया कि यह व्यवस्था पीएमजीएसवाई को तकनीक-सक्षम, पारदर्शी और जवाबदेह बनाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है। नागरिकों द्वारा भेजी गई तस्वीरें और सुझाव नियमित निरीक्षण (RI) प्रक्रिया से जोड़े जाएंगे। इसके साथ ही इन तस्वीरों का विश्लेषण आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) और मशीन लर्निंग (ML) तकनीक के माध्यम से किया जाएगा। इससे अभियंताओं के प्रदर्शन मूल्यांकन (PE) में भी मदद मिलेगी और सड़क मरम्मत से जुड़े निर्णय अधिक सटीक और समयबद्ध हो सकेंगे।
उन्होंने बताया कि 17 नवंबर को राष्ट्रीय ग्रामीण अवसंरचना विकास एजेंसी (NRIDA) के साथ वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से हुई बैठक में यह जानकारी दी गई थी कि क्यूआर कोड आधारित फीडबैक सिस्टम अब पूरी तरह कार्यात्मक हो चुका है। इसके बाद सभी अधिकारियों को निर्देश दिया गया है कि पीएमजीएसवाई के अंतर्गत पंचवर्षीय अनुरक्षण अवधि में आने वाली सड़कों पर क्यूआर कोड को फ्लेक्स सामग्री पर प्रिंट कर सूचना बोर्ड पर तुरंत लगाया जाए।
इस नई पहल से ग्रामीण सड़क रख-रखाव में जनभागीदारी को बढ़ावा मिलेगा। साथ ही डेटा-आधारित निर्णय, त्वरित मरम्मत और पारदर्शिता के जरिए यह सुनिश्चित किया जा सकेगा कि पीएमजीएसवाई के तहत बनी सड़कों की गुणवत्ता लंबे समय तक बनी रहे।

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