Bihar Chunav: महागठबंधन के घोषणापत्र को एनडीए ने कहा 'झूठ का पुलिंदा', नित्यानंद राय बोले-तेजस्वी सपने बेचने का कर रहे प्रयास
बिहार चुनाव के माहौल में, एनडीए ने महागठबंधन के घोषणापत्र को 'झूठ का पुलिंदा' बताया है। नित्यानंद राय ने तेजस्वी यादव पर युवाओं को सपने बेचने का आरोप लगाया। एनडीए नेताओं ने घोषणापत्र में किए गए वादों को अविश्वसनीय बताया, जबकि महागठबंधन ने रोजगार और किसानों के लिए कर्ज माफी जैसे वादे किए हैं।

नित्यानंद राय ने तेजस्वी के घोषणापत्र पर किया तंज। जागरण
राज्य ब्यूरो, पटना। केंद्रीय गृह राज्यमंत्री नित्यानंद राय ने महागठबंधन के घोषणा पत्र पर प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए कहा कि तेजस्वी यादव सपने बेचने का प्रयास कर रहे हैं। राजद नेता ने झूठे वादों का पुलिंदा जारी किया है। बिहार की जनता को मालूम है कि यह लोग वादे करते हैं और वादे के नाम पर बिहार में एक बार फिर से जंगल राज स्थापित करना चाहते हैं। बिहार की जनता सब जानती है, सबको पहचानती है। कौन बिहार का विकास करेगा। कौन बिहार का विनाश करेगा। यह बिहार के लोग भली-भांति जानते हैं इसीलिए एक बार फिर से बिहार में एनडीए की सरकार 14 नवंबर को बनने जा रही है।
तेजस्वी दावा कर रहे हैं कि बिहार को क्राइम फ्री बनाएंगे जबकि पूरा बिहार जानता है कि बिहार को अपराध के दलदल में धकेलने वाले तो कोई और नहीं राजद के लोग हैं। ऐसे में अगर गलती से राजद के लुभावने वादे में बिहार की जनता फंस गई तो बिहार में एक बार फिर से जंगल राज की शुरुआत हो जाएगी। दिनदहाड़े अपहरण का दौर शुरू हो जाएगा। लूट, हत्या, बलात्कार फिर से बिहार में आम बात हो जाएगी। बिहार के सड़कों पर एक बार फिर से दुकान की लूट, मकान की लूट एवं जमीन की लूट शुरू हो जाएगी। अब बिहार की जनता अराजक लोगों को कभी सत्ता नहीं सौपेगी। जंगल राज की आहट भर से बिहार की जनता काप जाती है ऐसे जंगल राज के नायक को बिहार की जनता ने सबक सिखाने का मन बना चुकी है ।
तेजस्वी की कथनी-करनी में अंतर
लोक जनशक्ति पार्टी (रामविलास) के मुख्य प्रवक्ता राजेश भट्ट ने महगठबंधन के संकल्प पत्र को झूठ का पिटारा बताया है। उन्होंने कहा कि तेजस्वी यादव के कथनी और करनी में अंतर है । तेजस्वी को रोजगार की बात करने का कोई नैतिक अधिकार नहीं है क्योंकि जब रोजगार देने का मौका आया तो उन्होंने गरीबों और बेरोजगारों से नौकरी के बदले सिर्फ जमीन हड़पने का काम किया जो जग जाहिर है। राजेश भट्ट ने कहा कि यह वे लोग हैं जिन पर बिहार की जनता का पूरी तरह भरोसा खत्म हो गया है। बिहार विधानसभा चुनाव में बुरी हार का पूर्वानुमान उन्हें हो गया है जिससे तेजस्वी हार की बौखलाहट में सभी बिहार वासियों को अनाप-शनाप तौर पर बरगलाने का काम कर रहे हैं।

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