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    Bihar Chunav 2020 : महागठबंधन में सबकुछ ठीक नहीं! भाकपा ने कांग्रेस उम्‍मीदवार को बताया भाजपा का एजेंट

    By Dina Nath Sahani Edited By: Vyas Chandra
    Updated: Fri, 31 Oct 2025 06:56 PM (IST)

    बिहार चुनाव 2020 के दौरान महागठबंधन में दरार दिखाई दे रही है। भाकपा ने कांग्रेस उम्मीदवार को भाजपा का एजेंट बताकर राजनीतिक माहौल को गरमा दिया है। इस आरोप-प्रत्यारोप के दौर ने महागठबंधन की एकता पर सवाल खड़े कर दिए हैं और राज्य की राजनीति में अस्थिरता बढ़ गई है।

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    महागठबंधन में आपसी तालमेल की कमी। जागरण आर्काइव

    राज्य ब्यूरो,पटना। महागठबंधन में सबकुछ ठीक नहीं चल रहा है। विशेषकर वामपंथी पार्टियों के साथ। भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी (भाकपा) के राज्य सचिव रामनरेश पाण्डेय ने बछवाड़ा सीट से कांग्रेस उम्मीदवार गरीब दास पर भाजपा का एजेंट होने का आरोप लगाया है। वहीं दूसरी ओर भाकपा-माले ने बछवाड़ा सीट पर भाकपा और बिहारशरीफ और राजापाकर सीट पर कांग्रेस के उम्मीदवारों को समर्थन देने की घोषणा की है। इन सीटों पर भाकपा और कांग्रेस के उम्मीदवार एक-दूसरे के विरुद्ध मैदान में हैं।

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    गरीब दास ने की थी भाजपा की मदद  

    भाकपा के रामनरेश पाण्डेय ने शुक्रवार को कहा कि महागठबंधन में 2020 में बछवाड़ा सीट भाकपा को मिली थी, उस वक्त भी गरीब दास ने निर्दलीय लड़कर भाजपा की मदद की थी। 2024 के लोकसभा चुनाव में भी गरीब दास ने भीतर ही भीतर भाजपा उम्मीदवार की मदद की थी। 2025 के विधानसभा चुनाव में भी महागठबंधन में भाकपा को बछवाड़ा सीट मिली है। इसके बावजूद गरीब दास को कांग्रेस ने सिंबल दे दिया है। चुनाव प्रचार के दौरान गरीब दास की भाजपा उम्मीदवार के साथ बैठक की सूचना भी मिली है। इससे साफ हो रहा है कि गरीब दास भाजपा एजेंट के रूप में कार्य कर रहे हैं। बछवाड़ा से भाकपा उम्मीदवार अवधेश राय हैं।

    बछवाड़ा सीट पर भाकपा के उम्‍मीदवार को समर्थन

    दूसरी ओर भाकपा-माले के राज्य सचिव कुणाल ने शुक्रवार को कहा है कि विधानसभा चुनाव में कुछ सीटों पर महागठबंधन के दलों के बीच दोस्ताना संघर्ष है। इसके मद्देनजर हमारी पार्टी ने तय किया है कि बछवाड़ा सीट पर वह भाकपा के उम्मीदवार को समर्थन देगी, जबकि बिहारशरीफ और राजापाकर में कांग्रेस के उम्मीदवार को समर्थन करेगी। कुछ और ऐसी सीटें हैं, जहां दोस्ताना संघर्ष है, उस पर फैसला बाद में लिया जाएगा। 

    महागठबंधन के इस आपसी मतभेद पर एनडीए चुटकी ले रहा है। कहा जा रहा है कि उनमें आपसी तालमेल ही नहीं है।