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    बिहार: को‍विड- 19 में अनाथ हुए बच्‍चों को मिलेगी 'परवरिश' की राशि, सरकार ने जारी किए निर्देश

    By Sumita JaiswalEdited By:
    Updated: Mon, 24 May 2021 02:22 PM (IST)

    कोरोना काल में बिहार सरकार की अनाथ बच्‍चों के लिए परवरिश योजना गति पकड़ेगी। अनाथ गरीब बेसहारा व असाध्य रोग से पीडि़त बच्चों के पालन-पोषण को 18 वर्ष की उम्र तक एक निश्चित राशि दी जाएगी। यहां पढि़ए आवेदन करने और योजना की पूरी जानकारी।

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    परवरिश के लिए बिहार सरकार ने जारी किए निर्देश, सांकेतिक तस्‍वीर ।

    गोपालगंज, जागरण संवाददाता। कोरोना काल के बाद एक बार फिर गरीब परिवार के बच्चों की परवरिश को राशि देने की योजना गति पकड़ेगी। परवरिश योजना के तहत अनाथ, गरीब, बेसहारा व असाध्य रोग से पीडि़त बच्चों के पालन पोषण के लिए सरकार प्रतिमाह अनुदान की राशि उपलब्ध कराएगी। इसके तहत बच्चों को 900 व एक हजार की राशि प्रति माह उपलब्ध कराई जाएगी। इस योजना का लाभ बच्चों को 18 साल की आयु पूर्ण होने तक मिलेगी। इतना ही नहीं एड्स जैसे रोग से ग्रसित लोगों के बच्चों को भी इस योजना का लाभ दिया जाएगा। इस संबंध में समाज कल्याण विभाग ने जिला प्रशासन को आवेदन प्राप्त करने का निर्देश जारी किया है। ताकि बच्चों की बेहतर परवरिश के लिए योजना का अधिक से अधिक लाभ बच्चों को दिया जा सके। योजना के तहत आवेदन पत्र प्राप्त करने की प्रक्रिया आंगनबाड़ी सेविका के माध्यम से किए जाने का प्रावधान किया गया है। आवेदन मिलने के बाद उसकी स्वीकृति एसडीओ के माध्यम से दी जाएगी। इसके बाद निदेशक, जिला बाल संरक्षण इकाई सीडीपीओ से संबंधित लाभुक का खाता नंबर प्राप्त कर राशि खाते में राशि उपलब्ध कराएंगे।

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    क्या है योजना का उद्देश्य

    गोपालगंज : इस योजना का उद्देश्य राज्य सरकार द्वारा बच्चों की देखरेख एवं संरक्षण के गैर सांस्थानिक कार्यक्रम के तहत लाभ पहुंचाना है। इस योजना के अंतर्गत अनाथ एवं बेसहारा बच्चों एवं असाध्य रोग से पीडि़त बच्चों व दिव्यांग माता-पिता की संतान को समाज में बेहतर पालन पोषण एवं उनकी गैर संस्थानिक देखरेख को प्रोत्साहित करने के लिए अनुदान भत्ता प्रदान करना है।

    कौन होंगे इसके पात्र

    - आर्थिक रूप से विपन्न परिवार जिनका नाम बीपीएल सूची में दर्ज हो।

    - जिनकी आय वार्षिक 60 हजार से कम हो।

    - अनाथ या बेसहारा बच्चे अथवा अनाथ बच्चे जो अपने निकटतम संबंधी या नाते रिश्तेदार के साथ रह रहे हैं।

    - एचआइवी पॉजिटिव, एड्स व कुष्ठ रोग से पीडि़त बच्चे।

    - एचआइवी पॉजिटिव, एड्स व कुष्ठ रोग के कारण 40 प्रतिशत तक विकलांग माता पिता की संतानें।

    पात्रता व अर्हता

    - बच्चे की आयु 18 वर्ष से कम हो।

    -पालन पोषण कर्ता गरीबी रेखा के अधीन सूचीबद्ध हों।

    - उनकी वार्षिक आय 60 हजार से कम हो।

    -एड्स मामले में गरीबी रेखा के अधीन या वार्षिक आय 60 हजार से कम की अनिवार्यता नहीं होगी।

    क्या मिलेगी अनुदान की राशि

    - शून्य से छह वर्ष के बच्चे को 900 रुपये प्रतिमाह।

    - 6 से 18 वर्ष के बच्चों को 1000 रुपये प्रतिमाह।

    लाभुकों के चयन की प्रक्रिया

    - सहायक निदेशक जिला बाल संरक्षण इकाई या सीडीपीओ कार्यालय से प्राप्त करें निश्शुल्क आवेदन पत्र।

    - आवेदन पत्र भरकर आंगनबाड़ी सेविका को उपलब्ध कराएं।

    - आवेदन के साथ बीपीएल सूची में अंकित नाम का कागजात व बच्चे का जन्म प्रमाण पत्र देना अनिवार्य।

    - 15 दिन में सेविका अपने मंतव्य के साथ सीडीपीओ कार्यालय को उपलब्ध कराएंगी।

    - सेविका को इस कार्य के लिए 50 रुपये प्रोत्साहन शुल्क मिलेगा।

    - सीडीपीओ सात दिन के अंदर एसडीओ को उपलब्ध कराएंगी।

    - एसडीओ देंगे स्वीकृति आदेश।

    - जिला बाल संरक्षण इकाई उपलब्ध कराएगी खाते में राशि।

     

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