Trending

    Move to Jagran APP
    pixelcheck
    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    बिहार के 42 फीसद बच्‍चों का कद औसत से कम, देश भर में सबसे अधिक बिहार में है ठिगनेपन की दर

    By Shubh Narayan PathakEdited By:
    Updated: Sat, 20 Feb 2021 07:01 AM (IST)

    प्रत्येक माता-पिता की ख्वाहिश होती है कि उनके बच्चे लंबे हों ठिगने न हों। बिहार के लिए खुशी की बात है कि अब यहां के बच्चों की औसत लंबाई बढ़ने लगी है। ...और पढ़ें

    Hero Image
    बिहार के बच्‍चों को नहीं मिल रहा संपूर्ण पोषण। प्रतीकात्‍मक तस्‍वीर

    पटना, राज्य ब्यूरो। प्रत्येक माता-पिता की ख्वाहिश होती है कि उनके बच्चे लंबे हों, ठिगने न हों। लंबाई ठीक-ठाक हो। बिहार के लिए खुशी की बात है कि अब यहां के बच्चों की औसत लंबाई बढ़ने लगी है। आर्थिक सर्वेक्षण की रिपोर्ट बताती है कि बिहार में ठिगनापन के लिहाज से सुधार दिख रहा है। महज चार वर्ष पहले 2015-16 में बिहार के 48.3 फीसद बच्चे ठिगनेपन के शिकार थे, जिसमें 5.4 फीसद की कमी आई है। हालांकि रिपोर्ट के मुताबिक बिहार में अभी भी 42.9 फीसद बच्चे ठिगनेपन के शिकार हैं।

    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    15 वर्ष में ठिगनेपन में करीब 13 फीसद कमी

    बिहार में सुधार के अच्छे संकेत हैं। पिछले 15 वर्षों के आंकड़ों से तुलना करें तो ठिगनेपन में 12.7 फीसद की कमी आई है। 2005 में 55.6 फीसद बच्चे ठिगने होते थे। पड़ोसी राज्य यूपी से अगर तुलना करें तो वहां अभी भी यह दर 46 फीसद से ज्यादा है। बिहार में यह सुधार इसलिए संभव हो सका कि पिछले कई वर्षों से बच्चों के बेहतर स्वास्थ्य के लिए कई तरह के उपाय किए जा रहे हैं।

    चार साल में कुपोषण में दो फीसद वृद्धि

    लंबाई के हिसाब से वजन के आधार पर पोषण का आकलन किया गया है। इस हिसाब से बिहार में पांच वर्ष से कम उम्र के 22.9 फीसद बच्चों की लंबाई के मुताबिक वजन नहीं है। मतलब लगभग एक चौथाई बच्चे दुबले हैं, जो उनके कुपोषण की ओर संकेत करता है। आंकड़े चौंकाने वाले इसलिए भी हैं कि पिछले चार वर्षों के दौरान इसमें 2.1 फीसद की वृद्धि हुई है। पांच साल तक के बच्चों में सबसे ज्यादा कुपोषण जहानाबाद और अरवल जिले में है। दोनों जिलों के 36 फीसद बच्चों की लंबाई के हिसाब से वजन नहीं है, जबकि सीतामढ़ी के 16.2 और पश्चिम चंपारण के 13.2 फीसद बच्चे ही कुपोषित हैं।

    बिहार के इन जिलों में ठिगनापन सबसे ज्यादा

    जिला - प्रतिशत

    सीतामढ़ी : 54.2

    शेखपुरा : 53.6

    इन जिलों में ठिगनापन सबसे कम

    गोपालगंज : 34.2

    शिवहर : 34.4