Bihar News: मुख्य सचिव ने लेट-लतीफ अफसरों को हड़काया, IAS ब्रजेश मेहरोत्रा ने इन अधिकारियों को लिखा पत्र
बिहार में लोकसभा चुनाव अपने पूरे रंग में है। आदर्श आचार संहिता की वजह से विकास कार्यों पर भी आंशिक असर पड़ा है। नेताओं की चुनावी भाग-दौड़ के बीच अफसर भी बेफिक्र हो गए हैं। जिसका सीधा असर सरकारी कामकाज पर पड़ रहा है। अफसरों की लेट-लतीफी की वजह से विभागीय कार्यों के निष्पादन और उच्चस्तरीय आदेशों के अनुपालन में देर की आशंका बनी रहती है।
राज्य ब्यूरो, पटना। प्रदेश सरकार के सचिवालयों-कार्यालयों में कमोबेश सुबह के साढ़े नौ बजते-बजते कामकाज शुरू हो जाता है। वरीय अधिकारी से लेकर अन्य पदाधिकारियों-कर्मचारियों के लिए कार्यालय पहुंचने का समय तय है।
हालांकि, सरकार के संज्ञान में यह बात आई है कि वरीय अधिकारी लेट लतीफी कर रहे हैं। उनकी वजह से दूसरे अधिकारी, कर्मचारी भी विलंब से कार्यालय पहुंच रहे हैं। अब ऐसे लेट-लतीफ अफसरों को सरकार ने समय पर ऑफिस आने की हिदायत दी है।
बिहार में लोकसभा चुनाव अपने पूरे रंग में है। आदर्श आचार संहिता की वजह से विकास कार्यों पर भी आंशिक असर पड़ा है। नेताओं की चुनावी भाग-दौड़ के बीच अफसर भी बेफिक्र हो गए हैं। जिसका सीधा असर सरकारी कामकाज पर पड़ रहा है। अफसरों की लेट-लतीफी की वजह से विभागीय कार्यों के निष्पादन और उच्चस्तरीय आदेशों के अनुपालन में देर की आशंका बनी रहती है।
ऐसे बढ़ते मामलों और कार्य में उत्पन्न हो रही बाधा को देखते हुए मुख्य सचिव ब्रजेश मेहरोत्रा ने समस्या से निपटने और समय पर कार्यों के निष्पादन के इरादे से अपर मुख्य सचिव, प्रधान सचिव और सचिव स्तर के पदाधिकारियों को एक पत्र भेजा है।
पत्र में वस्तु स्थिति का हवाला देकर कहा गया है कि वरीय अधिकारियों के विलंब से आने की वजह से नीचे के अफसर-कर्मी भी समय पर नहीं आते हैं जिस वजह से विभागीय कार्यो के निष्पादन और उच्चस्तरीय आदेशों के अनुपालन में देर की आशंका बनी रहती है।
मुख्य सचिव ने सभी श्रेणी के अधिकारियों को निर्देश दिए हैं कि वे हर हाल में समयानुसार साढ़े नौ बजे अपने-अपने विभाग में उपस्थित होना शुरू करें। साथ ही अधीनस्थ कार्य करने वाले पदाधिकारियों-कर्मचारियों की समय पर उपस्थित भी सुनिश्चित करेंगे। मुख्य सचिव ने इस आदेश का सख्ती से पालन करने का निर्देश दिया है।
यहां बता दें कि स्वयं मुख्यमंत्री नीतीश कुमार भी अफसरों के विलंब से कार्यालय आने की प्रवृति को लेकर आपत्ति जता चुके हैं। एक दिन अचानक जब वे सचिवालय पहुंचे तो बड़ी संख्या में अधिकारी-कर्मचारी काम से नदारद पाए गए। जिसके बाद उन्होंने समय पर कार्यालय आने के निर्देश दिए थे।
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