Bihar Cabinet Decision: राज्य में 14 से ज्यादा पहिये वाले ट्रक से नहीं होगा बालू-गिट्टी का उठाव
राज्य कैबिनेट ने लिये हैं कई बड़े फैसले सड़कों पुलों आधारभूत संरचनाओं की क्षति के साथ ही Bihar Cabinet Decision राजस्व भी हो रहा था प्रभावित प्रदेश के सरकारी कार्यालयों के लिए 2021 के अवकाश मंजूर किए गए 555 डाटा इंट्री ऑपरेटरों को मिला अवधि विस्तार

पटना, राज्य ब्यूरो: प्रदेश में अब 14 से ज्यादा पहिये वाली ट्रकों से बालू-गिट्टी का उठाव नहीं होगा। सरकार ने बिहार मोटर वाहन अधिनियम 1988 की धारा 115 के तहत मिली शक्तियों का प्रयोग करते हुए तत्काल प्रभाव से 14 से ज्यादा पहिये वाले वाहनों से बालू-गिट्टी के उठाव और परिवहन को पूरी तरह से प्रतिबंधित कर दिया है। प्रस्ताव को मंगलवार को मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की अध्यक्षता में हुई मंत्रिमंडल की बैठक में मंजूरी दी गई। इसके साथ ही मंत्रिमंडल ने वर्ष 2021 के लिए बिहार सरकार के कार्यालयों में अवकाश और निगोसियेबुल इंस्ट्रूमेंट एक्ट के अंतर्गत अवकाश भी स्वीकृत कर दिए हैं। इस वर्ष कर्मचारियों को कुल 39 अवकाश मिलेंगे। बैठक में कुल 15 प्रस्ताव स्वीकृत किए गए।
सड़कों, पुलों, आधारभूत संरचनाओं को हो रही थी क्षति
सरकार ने माना है कि राज्य में ओवरलोडेड वाहनों की वजह से महत्वपूर्ण सड़कों, पुलों, आधारभूत संरचनाओं की क्षति के साथ ही राजस्व भी प्रभावित हो रहा है। जिस पर नियंत्रण की आवश्यकता महसूस की जा रही थी। जिसके बाद 14 से ज्यादा पहियों वाले वाहनों के परिचालन और माल ढुलाई पर रोक के साथ ही वाहनों के निबंधन में निर्धारित लदान क्षमता के आधार पर बालू-गिट्टी ढुलाई के लिए ट्रकों की तकनीकी विशिष्टता तय कर दी है।
रुल्स फॉर वीडियो कांफ्रेंसिंग फॉर कोर्ट अधिसूचित होगा
कोरोना काल में राज्य के न्यायालयों का संचालन वीडियो कांफ्रेंसिंग के जरिए हो रहा है। पटना हाईकोर्ट के प्रस्ताव के बाद न्यायालयों का कार्य सुचारू ढ़ंग से संचालित करने के लिए मंत्रिमंडल ने 'रुल्स फॉर वीडियो कांफ्रेंसिंग फॉर कोट्र्स' को अधिसूचित करने का प्रस्ताव स्वीकृत किया है। इसके प्रभावी होने के बाद न्यायालयों का कार्य सुचारू ढ़ंग से हो सकेगा और समय पर न्याय हो सकेगा।
555 डाटा इंट्री ऑपरेटरों को मिला अवधि विस्तार
मंत्रिमंडल ने न्यायालयों में तकनीकी कार्यबल बढ़ाने के लिए मार्च 2020 तक के लिए 555 डाटा इंट्री ऑपरेटरों के अस्थायी पद सृजित किए थे। इन पदों पर कार्यरत ऑपरेटरों के कार्य की मियाद समाप्त हो चुकी थी। जिसका आज मार्च 2021 तक के लिए अवधि विस्तार कर दिया गया। अवधि विस्तार देने से सरकार को वर्ष में 13.25 करोड़ रुपये का अतिरिक्त खर्च वहन करना होगा।
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विधिक सेवा प्राधिकार के कार्यकारी अध्यक्ष बने न्यायमूर्ति हेमंत
मंत्रिमंडल ने विधिक सेवा प्राधिकार के मनोनीत कार्यकारी अध्यक्ष दिनेश कुमार सिंह के सेवानिवृत्त होने के बाद इस पद पर पटना उच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश से परामर्श के बाद न्यायमूर्ति हेमंत श्रीवास्तव का मनोनयन किया था। आज इस प्रस्ताव की घटनोत्तर स्वीकृति दी गई।
तीन बर्खास्त न्यायिक पदाधिकारियों के सेवांत लाभ पर रोक
मंत्रिमंडल ने हाईकोर्ट के महानिबंधक की अनुशंसा के आलोक में परिवार न्यायालय समस्तीपुर के प्रधान न्यायाधीश हरि निवासी गुप्ता, तदर्थ अपर जिला एवं सत्र न्यायाधीश अररिया जितेंद्र नाथ सिंह व तत्कालीन अवर न्यायाधीश सह मुख्य न्यायिक दंडाधिकारी अररिया कोमल राम को सेवा से बर्खास्त करने का फैसला लिया है। इन तीनों न्यायिक पदाधिकारी समस्त सेवांत लाभ बकाए एवं अन्य लाभ से वंचित रहेंगे।
दी गई अनिवार्य सेवानिवृत्ति
मंत्रिमंडल ने भोजपुर के तत्कालीन अवर निबंधक प्रमोद कुमार को कैसरे ङ्क्षहद की जमीन की अवैध बिक्री का निबंधन करने कार्य में शिथिलता बरतने तथा बीबी जान वक्फ की 12 बीघा जमीन का अवैध निबंधन जैसे आरोपों में अनिवार्य सेवा निवृत्ति देने का प्रस्ताव स्वीकृत किया है।
दो औद्योगिक इकाइयों को वित्तीय प्रोत्साहन
मंत्रिमंडल ने जेएमडी एलॉयज लि. बिहटा को 32.90 लाख की लागत से निजी पूंजी निवेश एवं वित्तीय प्रोत्साहन क्लियरेंस की मंजूरी दी है। इस इकाई की स्थापना होने से राज्य में जहां पूंजी निवेश आएगा वहीं 142 कुशल-अकुशल कामगारों को रोजगार भी मिल सकेगा। इसके साथ ही इटेगा एग्रो प्रा. लि. वारिसपुर, भगवानपुर वैशाली में 150 एमटीपीडी क्षमता की आटा चक्की की स्थापना को 31.20 करोड़ के निवेश करने के लिए वित्तीय प्रोत्साहन और क्लियरेंस को मंजूरी दी है। इस इकाई से 42 लोगों को रोजगार मिल सकेगा।
अन्य फैसले
- राज्य की समेकित शोधन निधि (कंसोलिडेटेड सिंकिंग फंड) स्कीम में वार्षिक अशंदान को अप्रैल एक 2020 से 31 मार्च 2022 तक रोकने की स्वीकृति दी।
- बिहार उच्च न्यायालय के भूतपूर्व मुख्य न्यायाधीश और भूतपूर्व न्यायाधीशों की घरेलू सहायता नियमावली 2020 को घटनोत्तर स्वीकृति
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