Move to Jagran APP

बिहार कैबिनेट ने 28 प्रस्‍तावों पर लगाई स्‍वीकृति की मुहर, OBC के लिए भी अब मुख्‍यमंत्री उद्यमी योजना

बिहार कैबिनेट की मंगलवार को देर शाम बैठक हुई। इसकी अध्‍यक्षता सीएम नीतीश कुमार ने की। कैबिनेट की बैठक में 28 प्रस्‍तावों को स्‍वीकृत किया गया।

By Rajesh ThakurEdited By: Published: Tue, 28 Jan 2020 08:17 PM (IST)Updated: Tue, 28 Jan 2020 11:49 PM (IST)
बिहार कैबिनेट ने 28 प्रस्‍तावों पर लगाई स्‍वीकृति की मुहर, OBC के लिए भी अब मुख्‍यमंत्री उद्यमी योजना
बिहार कैबिनेट ने 28 प्रस्‍तावों पर लगाई स्‍वीकृति की मुहर, OBC के लिए भी अब मुख्‍यमंत्री उद्यमी योजना

पटना, जेएनएन। बिहार कैबिनेट की मंगलवार को देर शाम बैठक हुई। कैबिनेट की बैठक में 28 प्रस्‍तावों को स्‍वीकृत किया गया। अब अति पिछड़ा वर्ग के लोग भी ले सकेंगे मुख्यमंत्री उद्यमी योजना का लाभ। इस पर भी कैबिनेट की मुहर लग गई। बता दें कि अनुसूचित जाति व अनुसूचित जनजाति के युवाओं के लिए मुख्यमंत्री उद्यमी योजना का लाभ शुरू की गई थी। इसे अति पिछड़ा वर्ग के लिए भी लागू करने की घोषणा 26 जनवरी को मुख्‍यमंत्री ने अपने भाषण में की थी। उसे आज कैबिनेट ने भी अपनी स्‍वीकृति दे दी। 

prime article banner

कैबिनेट की बैठक के बाद उद्योग निदेशक पीके सिंह ने बताया कि 2018 में यह योजना प्रभाव में आई है। योजना के तहत अब तक अनुसूचित जाति व अनुसूचित जनजाति के करीब 3500 युवाओं ने योजना का लाभ लिया है। उन्होंने बताया कि इस योजना के तहत लघु और मध्यम उद्योग लगाने के लिए युवाओं को दस लाख रुपये तक की सहायता दी जाती है। इसमें पांच लाख रुपये सब्सिडी के रूप में होते हैं, शेष पांच लाख ब्याज मुक्त कर्ज के रूप में।

उद्योग के शुरू होने पर ऋण की वसूली की जाएगी

सिंह ने बताया कि योजना के तहत अब यह व्यवस्था भी की गई है कि अनुदान व बैंक कर्ज की आखिर किस्त जारी होने के एक वर्ष बाद और उद्योग के शुरू होने पर ऋण की वसूली की जाएगी। इसके पहले ऋण वसूली नहीं होगी। इसके साथ ही यह प्रावधान भी किया गया है कि यदि कोई प्रोपराइटरशिप में अपनी फर्म बनाते हैं तो उन्हें इसके लिए निबंधन नहीं करना होगा। प्रोपराइटरशिप वाली फर्म के संचालक निजी पैन पर ही अपना कारोबार कर सकेंगे। 

ढ़ाई लाख तक की आय पर भी प्रवेशिकोत्तर छात्रवृति 

राज्य मंत्रिमंडल ने पिछड़ा एवं अति पिछड़ा वर्ग कल्याण विभाग के एक प्रस्ताव पर विमर्श के बाद अन्य पिछड़ा वर्ग के लिए चलाई जा रही प्रवेशिकोत्तर छात्रवृति योजना में डेढ़ लाख रुपये की आय के दायरे को बढ़ाकर ढ़ाई लाख रुपये कर दिया है। इसका नाम मुख्यमंत्री अत्यंत पिछड़ा वर्ग प्रवेशिकोत्तर छात्रवृति योजना रखा गया है। इस योजना का कार्यान्वयन शिक्षा विभाग करेगा। ढ़ाई लाख रुपये तक की आय की अधिसीमा तय होने से विद्यार्थियों की संख्या 25 से 30 प्रतिशत बढऩे की संभावना है। 

कर्पूरी ठाकुर छात्रावास योजना से बनेंगे छह नए छात्रावास 

मंत्रिमंडल ने जननायक कर्पूरी ठाकुर छात्रावास योजना से लखीसराय, समस्तीपुर, दरभंगा, वैशाली, खगडिय़ा और सिवान में छात्रावास निर्माण की अनुमति दी है। अभी 28 जिलों में ऐसे छात्रावास चल रहे हैं। इस योजना पर खर्च होने वाली राशि का कुछ हिस्सा वहन पुल निर्माण निगम सीएसआर के तहत करेगा। छह छात्रावास के निर्माण पर 26.9 करोड़ की लागत आएगी। जिसमें से 12.75 करोड़ पुल निर्माण निगम देगा। नए छात्रावास में छह सौ छात्र रह सकेंगे। 

मुख्यमंत्री बाल आश्रय योजना को मंत्रिमंडल की मंजूरी 

मंत्रिमंडल ने आज मुख्यमंत्री बाल आश्रय योजना को मंजूरी दी है। इस नई योजना के तहत विभिन्न वर्ग समूह के बालक, बालिकाओं एवं छोटे शिशुओं के लिए आवास और पुनर्वास की व्यवस्था होगी। इन आवासों का संचालन सरकार के स्तर पर किया जाएगा। अब तक ऐसे आवास प्राइवेट पार्टी अथवा एनजीओ द्वारा चलाए जाते थे। सरकार ने पूर्व में ऐसे गृहों में हुई अनियमितताओं को देखते हुए यह कदम उठाया है। इस योजना के तहत फिलहाल 12 आवास निर्माण को मंजूरी दी गई है। प्रत्येक आवास दो सौ बच्चों, बच्चियों के रहने की क्षमता के होंगे। योजना में यदि केंद्र सरकार राशि नहीं देती है तो पूरी योजना का संचालन राज्य संसाधन से किया जाएगा। इन 12 आवासों के निर्माण के लिए सरकार ने 356.56 करोड़ रुपये मंजूर किए हैं। 

बी-हैवी मोलासिस से इथनॉल उत्पादन को मंजूरी 

मंत्रिमंडल के प्रधान सचिव डॉ. दीपक प्रसाद ने बताया कि जैव ईधन पर राष्ट्रीय नीति 2018 के आलोक में खाद्य व सार्वजनिक वितरण मंत्रालय के निर्देश पर बी-हैवी मोलासिस से इथनॉल उत्पादन को राज्य सरकार ने मंजूरी दी है। उन्होंने बताया कि अब तक प्रदेश में सी-हैवी मोलासिस से इथनॉल का उत्पादन हो रहा था। बी-हैवी मोलासिस से इथनॉल उत्पादन की मंजूरी के बाद अत्यधिक मात्रा में इथनॉल का उत्पादन हो सकेगा।  


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.