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Bihar By-Election: गोपालगंज व मोकामा में महिलाएं तय करेंगी NDA व महागठबंधन का भविष्य, अनंत सिंह पर भी टिकी नजर

Bihar Assembly By-Election गोपालगंज व मोकामा के विधानसभा उपचुनाव में एनडीए व महागठबंधन से महिला उम्‍मीदवारों का रहना तय है। मोाकामा में अनंत सिंह की पत्‍नी नीलम देवी तो गोपालगंज में दिवंगत पूर्व मंत्री सुभाष प्रसाद सिंह की पत्‍नी कुसुम देवी नामांकन करेंगी।

By Arun AsheshEdited By: Amit AlokPublished: Thu, 06 Oct 2022 01:17 PM (IST)Updated: Thu, 06 Oct 2022 02:52 PM (IST)
Bihar By-Election: गोपालगंज व मोकामा में महिलाएं तय करेंगी NDA व महागठबंधन का भविष्य, अनंत सिंह पर भी टिकी नजर
Bihar By-Election: बीजेपी व महागठबंधन प्रत्‍याशी क्रमश: कुसुम देवी व नीलम देवी तथा अनंत सिंह, लालू यादव व नीतीश कुमार।

पटना, राज्य ब्यूरो। Bihar Assembly By-Election: आगामी तीन नवम्बर को राज्य के दो विधानसभा क्षेत्रों- मोकामा और गोपालगंज में उपचुनाव होने जा रहा है। खास बात यह है कि दोनों सीटों पर महिला उम्मीवार ही राष्‍ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (NDA) एवं महागबंधन (Mahagathbandhan) का भविष्य तय करेंगी। गोपालगंज में भारतीय जनता पार्टी (BJP) अपने दिवंगत विधायक सुभाष प्रसाद सिंह (Subhash Prasad Singh) की पत्नी कुसुम देवी (Kushum Devi) को उम्मीदवार बना सकती है। उधर मोकामा में राष्‍ट्रीय जनता दल (RJD) के बाहुबली पूर्व विधायक अनंत सिंह (Anant Singh) की पत्‍नी नीलम देवी (Neelam Devi) की उम्मीदवारी तय हो गई है।

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मोकामा में अनंत सिंह की प्रतिष्‍ठा दांव पर है। वे 2020 में आरजेडी के टिकट पर चुनाव जीते थे। एक मामले में 10 साल की सजा मिलने पर उनकी सदस्यता रद हो गई। इसी के कारण वहां उपचुनाव हो रहा है।

उपचुनाव में पूरी तरह बदले हुए हैं समीकरण

दो साल पहले सामान्य चुनाव की तुलना में इस उपचुनाव का समीकरण पूरी तरह बदला हुआ है। 2020 में बीजेपी के साथ जनता दल यूनाइटेड था अब जेडीयू और आरजेडी एक साथ हैं। अगर जेडीयू के प्रभाव के सभी वोट महागठबंधन को मिल गए तो बीजेपी के सामने मुश्किल खड़ी हो सकती है। लेकिन उप चुनाव के दोनों क्षेत्रों की संरचना कुछ अलग है।

गोपालगंज: हर हाल में हुई है बीजेपी की जीत

गोपालगंज के संदर्भ में दो चुनावों की तुलना करें तो बीजेपी की स्थिति में अधिक बदलाव नहीं आया है। 2015 में जेडीयू से अलग लड़ने पर उसे 78,498 वोट मिले थे। जेडीयू के साथ होने पर 2020 में भी उसके वोटों का हिसाब  बराबर (77791) रहा। पूर्व मुख्यमंत्री जीतनराम मांझी की पार्टी हिन्दुस्तानी अवामी मोर्चा  तब बीजेपी के साथ था। बीजेपी के टिकट पर सुभाष सिंह अक्टूबर 2005 से लगातार जीत रहे थे। 2015 में गोपालगंज में आरजेडी को 73417 वोट मिले थे, लेकिन 2020 में आरजेडी का समर्थन मिलने के बावजूद कांग्रेस उम्मीदवार को सिर्फ 36440 वोट मिले। आरजेडी समर्थकों के वोट अनिरुद्ध् प्रसाद ऊर्फ साधु यादव के हिस्से में चले गए। उन्हें 41 हजार से अधिक वोट मिले। वे दूसरे नम्बर पर रहे। साधु यादव पूर्व मुख्यमंत्री राबड़ी देवी के भाई हैं।

मोकामा: यहां हमेशा जीतते रहे हैं अनंत सिंह

मोकामा का हाल यह है कि पार्टी कोई रहे, अनंत सिंह जीतते रहे हैं। जेडीयू, निर्दलीय और आरजेडी से वे चुनाव जीत चुके हैं। 2020 में बीजेपी-जेडीयू के साथ रहने पर भी अनंत सिंंह आरजेडी उम्मीदवार की हैसियत से 36 हजार से अधिक वोटों के अंतर से जीते थे। दूसरे नम्बर पर जेडीयू के रामलोचन सिंह रहे। इस बार अनंत सिंह की पत्नी नीलम देवी चुनाव लड़ेंगी तब भी समीकरण पर अधिक फर्क नहीं पड़ेगा। बल्कि, जेडीयू और हिन्दुस्तानी अवामी मोर्चा के साथ आ जाने के कारण आरजेडी की स्थिति पहले से मजबूत हो सकती है।

दोनों सीटों पर सहानुभूति का बड़ा फैक्‍टर

दोनों सीटों पर एक पक्ष सामान्य है। यह सहानुभूति है। गोपालगंज में बीजेपी की संभावित उम्मीदवार कुसुम देवी अपने पति सुभाष प्रसाद सिंह के श्राद्ध् के दो दिनों बाद से ही आशीर्वाद यात्रा पर निकल गई हैं। ऐसे मामले में आम तौर पर सहानुभूति मिलती है। हाल में बोचहा में उपचुनाव हुआ था, जहां दिवंगत विधायक मुसाफिर पासवान के पुत्र अमर पासवान की जीत हुई थी। इसलिए दोनों सीटों पर बीजेपी और आरजेडी उम्मीदवारों के लिए सहानुभूति बड़ा पक्ष हो सकता है।


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