Bihar Revenue: बिहार में जमीन रजिस्ट्री से मिला बंपर राजस्व, एक हजार करोड़ की वृद्धि; अभी और बढ़ेगा आंकड़ा
जमीन-फ्लैट आदि के निबंधन पर राज्य सरकार को 6600 करोड़ का राजस्व प्राप्त हुआ है जो अभी और बढ़ने की संभावना है। इस वित्तीय वर्ष 2024-25 का लक्ष्य 7500 करोड़ निर्धारित किया गया है जो मार्च महीने तक पूरा हो जाएगा। निबंधन विभाग द्वारा ई-निबंधन की सेवा भी शुरू की है इसके कारण भी राजस्व संग्रह बढ़ा है। बढ़ते राजस्व को देखते हुए निबंधन कार्यालयों की संख्या बढ़ाई जाएगी।

राज्य ब्यूरो, पटना। राज्य में जमीन-फ्लैट आदि के निबंधन से राज्य सरकार को पिछले साल की तुलना में अब तक एक हजार करोड़ रुपये से अधिक का राजस्व मिल चुका है। मद्य निषेध, उत्पाद एवं निबंधन विभाग को पिछले साल दस फरवरी तक करीब 5540 करोड़ राजस्व प्राप्त हुआ था। इस साल अभी तक 6670 करोड़ का रिकॉर्ड राजस्व प्राप्त हो चुका है।
31 मार्च तक हासिल होगा लक्ष्य
यह अब तक निबंधन से मिला सर्वाधिक राजस्व है। इस वित्तीय वर्ष 2024-25 का लक्ष्य 7500 करोड़ निर्धारित किया गया है। अभी इसमें करीब डेढ़ माह का समय शेष है। विभाग का दावा है कि 31 मार्च तक आसानी से लक्ष्य हासिल कर लिया जाएगा।
दरअसल, पिछले साल जमाबंदी की अनिवार्यता वाली शर्त जोड़ने के कारण निबंधन राजस्व में थोड़ी कमी आई थी। वित्तीय वर्ष 2023-24 में निबंधन विभाग को सात हजार करोड़ का लक्ष्य दिया गया था, उसके विरुद्ध करीब 6200 करोड़ का राजस्व ही प्राप्त हो पाया था।
ई-निबंधन शुरू होने से भी बढ़ा राजस्व
इससे अधिक राजस्व वर्ष 2022-23 में मिला था जब विभाग ने 5500 करोड़ राजस्व के विरुद्ध 6583 करोड़ का रिकॉर्ड राजस्व हासिल किया था।
वर्तमान में जमाबंदी की अनिवार्यता वाली शर्त लागू नहीं है, इस पर कोर्ट में सुनवाई हो रही है। हाल ही में निबंधन विभाग ने ई-निबंधन की सेवा भी शुरू की है, इसके कारण भी राजस्व संग्रह बढ़ा है।
खोले जाएंगे नए निबंधन कार्यालय
निबंधन विभाग के बढ़ते राजस्व को देखते हुए निबंधन कार्यालयों की संख्या भी बढ़ाई जाएगी। अभी राज्य में 138 निबंधन कार्यालय हैं। हाल ही में सुपौल के वीरपुर में नया निबंधन कार्यालय खोला गया है।
इसके अलावा सहरसा के सोनवर्षा में नया निबंधन कार्यालय जल्द खोला जाएगा। इसके अलावा अररिया, नालंदा जैसे जिलों में भी बढ़ते निबंधन को देखते हुए नए कार्यालय खोलने का प्रस्ताव है। इस पर विभाग विचार कर रहा है।
किसी प्रोजेक्ट को एक बार से अधिक के अवधि विस्तार पर पथ निर्माण विभाग विभाग सख्त
उप मुख्यमंत्री सह पथ निर्माण मंत्री विजय कुमार सिन्हा ने गुरुवार को उत्तर बिहार की पांच सड़क परियोजनाओं की वीडियो कांफ्रेंसिंग के माध्यम से समीक्षा की। इस दौरान उन्होंने किसी प्रोजेक्ट को एक बार से अधिक के अवधि विस्तार पर काफी सख्त रवैया अपनाया।
- उन्होंने कहा कि अवधि विस्तार का कारण अपरिहार्य नहीं पाए जाने पर कार्यपालक अभियंता व संवेदक पर कार्रवाई होगी। परियोजना में विलंब पर संबंधितों की जिम्मेवारी तय होगी।
- डिप्टी सीएम ने कहा कि उन्होंने वीडियो कांफ्रेंसिंग के माध्यम से परियोजनाओं की समीक्षा शुरू की है। संबंधित प्रमंडल के कनीय अभियंता एवं सहायक अभियंता इस दौरान परियोजना स्थल पर उपलब्ध रहते हैं।
कार्य की वास्तविक स्थिति और समस्याओं की जानकारी स्पष्ट रूप से प्राप्त करना अब सरल हो गया है। सभी प्रगतिशील परियोजनाओं में समय वृद्धि (ईओटी) कई बार दिए गए हैं।
समय वृद्धि को ले विभागीय प्रविधान में यह साफ है कि समय वृद्धि देते समय कार्यपालक अभियंता को यह संतुष्ट होना है कि जो समय वृद्धि दी जा रही उस समय तक परियोजना पूरी हो जाएगी।
समय वृद्धि के अंतर्गत अगर परियोजनाएं पूर्ण नहीं होती है तो समय वृद्धि देने वाले पदाधिकारी पर नियमानुसार कार्रवाई होगी।
उप मुख्यमंत्री ने कहा कि पथ निर्माण विभाग के अपर मुख्य सचिव को यह निर्देश दिया गया है कि सड़क निर्माण से जुड़ी समस्याओं के निराकरण के लिए संबंधित विभागों से समन्वय स्थापित करें। आवश्यकता पड़ने पर संबंधित विभागों के साथ बैठक आयोजित किए जाने पर भी विचार किया जाएगा।
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