Trending

    Move to Jagran APP
    pixelcheck
    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    डिजिटल बिहार बोर्ड की नई पहल: 1 जनवरी 2026 से पूरी तरह ऑनलाइन होगा दस्तावेज सत्यापन, मैन्युअल प्रक्रिया खत्म

    Updated: Tue, 23 Dec 2025 08:40 AM (IST)

    बिहार विद्यालय परीक्षा समिति (BSEB) ने दस्तावेज सत्यापन प्रक्रिया को डिजिटल कर दिया है। 1 जनवरी 2026 से मैन्युअल वेरीफिकेशन बंद हो जाएगा। बोर्ड ने डॉक ...और पढ़ें

    Hero Image

    1 जनवरी 2026 से पूरी तरह ऑनलाइन होगा दस्तावेज सत्यापन

    जागरण संवाददाता, पटना। बिहार विद्यालय परीक्षा समिति (बीबीएसई) ने तकनीकी नवाचार की दिशा में एक और बड़ा कदम उठाते हुए दस्तावेज सत्यापन प्रक्रिया को पूरी तरह डिजिटल कर दिया है। बोर्ड द्वारा लॉन्च किए गए नए डॉक्यूमेंट वेरिफिकेशन सिस्टम (DVS) सॉफ्टवेयर के माध्यम से अब मैट्रिक, इंटर सहित अन्य परीक्षाओं से जुड़े प्रमाण पत्रों का सत्यापन ऑनलाइन किया जा सकेगा। इस फैसले के तहत 1 जनवरी 2026 से मैन्युअल वेरीफिकेशन की व्यवस्था पूरी तरह समाप्त कर दी जाएगी।

    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    बिहार बोर्ड के इस निर्णय से लाखों छात्रों, सरकारी विभागों और निजी संस्थानों को बड़ी राहत मिलने की उम्मीद है। अब दस्तावेज सत्यापन के लिए बोर्ड कार्यालय के चक्कर लगाने, डाक से आवेदन भेजने या लंबी प्रतीक्षा करने की जरूरत नहीं होगी। सत्यापन की पूरी प्रक्रिया कुछ क्लिक में डिजिटल माध्यम से पूरी की जा सकेगी।

    घर बैठे होगा प्रमाण पत्रों का सत्यापन

    बोर्ड के अध्यक्ष आनंद किशोर ने DVS सॉफ्टवेयर का औपचारिक शुभारंभ करते हुए बताया कि इस प्रणाली के लागू होने से इंटर, मैट्रिक, शिक्षक पात्रता परीक्षा (TET), डीएलएड सहित अन्य परीक्षाओं के प्रमाण पत्रों का सत्यापन पूरी तरह ऑनलाइन किया जाएगा। यह सुविधा न केवल छात्रों के लिए, बल्कि सरकारी और निजी संस्थानों के लिए भी बेहद उपयोगी साबित होगी, जो नियुक्ति या प्रवेश के समय प्रमाण पत्रों का सत्यापन कराते हैं।

    एक बार रजिस्ट्रेशन, फिर आसान प्रक्रिया

    ऑनलाइन दस्तावेज सत्यापन की प्रक्रिया biharboardonline.com पोर्टल के माध्यम से संचालित की जाएगी। इसके लिए संबंधित संस्थानों को DVS पोर्टल पर केवल एक बार रजिस्ट्रेशन करना होगा। रजिस्ट्रेशन के दौरान संस्था का पूरा विवरण दर्ज किया जाएगा, जिसके आधार पर सॉफ्टवेयर स्वतः तय करेगा कि सत्यापन किस अधिकारी या विभाग द्वारा किया जाना है।

    शुल्क भी होगा ऑनलाइन तय

    नई व्यवस्था के तहत दस्तावेज सत्यापन शुल्क भी ऑनलाइन ही जमा किया जाएगा। संस्था की श्रेणी के अनुसार शुल्क स्वतः निर्धारित होगा। शुल्क भुगतान के बाद आवेदन स्वीकार कर लिया जाएगा और इसके पश्चात डिजिटल सिस्टम के जरिए दस्तावेजों का सत्यापन किया जाएगा। इससे प्रक्रिया में पारदर्शिता बढ़ेगी और समय की भी काफी बचत होगी।

    पारदर्शिता और भरोसे में इजाफा

    बिहार बोर्ड का मानना है कि इस डिजिटल व्यवस्था से फर्जीवाड़े की आशंका कम होगी और सत्यापन प्रक्रिया अधिक भरोसेमंद बनेगी। साथ ही, कागजी कामकाज खत्म होने से यह पहल पर्यावरण के अनुकूल भी साबित होगी। बोर्ड के अनुसार, यह कदम ‘पेपरलेस प्रशासन’ की दिशा में एक महत्वपूर्ण प्रयास है।

    देश में पहली बार पूरी तरह डिजिटल व्यवस्था

    अध्यक्ष आनंद किशोर ने कहा कि बिहार बोर्ड देश का पहला राज्य परीक्षा बोर्ड बन गया है, जिसने दस्तावेज सत्यापन की प्रक्रिया को पूरी तरह ऑनलाइन किया है। उन्होंने यह भी बताया कि बोर्ड पहले ही समय पर परीक्षा परिणाम जारी करने के मामले में राष्ट्रीय स्तर पर अपनी पहचान बना चुका है। अब यह नई पहल बिहार बोर्ड को तकनीकी रूप से और सशक्त बनाएगी।

    उन्होंने स्पष्ट किया कि 1 जनवरी 2026 से मैन्युअल मोड में किसी भी तरह का दस्तावेज सत्यापन स्वीकार नहीं किया जाएगा। इस प्रकार, डिजिटल प्रणाली को अपनाकर बिहार बोर्ड ने छात्रों और संस्थानों दोनों के लिए एक सरल, तेज और पारदर्शी व्यवस्था सुनिश्चित करने की दिशा में बड़ा कदम उठा लिया है।