CBSE से भी आगे निकला Bihar Board; एक साथ मिले तीन प्रमाणपत्र, अध्यक्ष ने बताया-कैसे हुआ यह सब
Bihar News: बिहार बोर्ड ने सीबीएसई को पीछे छोड़ दिया है। बोर्ड को एक साथ तीन प्रमाणपत्र मिले हैं। बोर्ड के अध्यक्ष ने बताया कि यह कैसे संभव हुआ। उन्ह ...और पढ़ें

प्रमाणपत्र दिखाते बिहार बोर्ड के अध्यक्ष आनंद किशोर। जागरण
जागरण संवाददाता, पटना। बिहार विद्यालय परीक्षा समिति (Bihar School Examination Board) को बेहतर कार्यप्रणाली, उत्कृष्टता और पारदर्शिता सुनिश्चित करने के लिए तीन अंतरराष्ट्रीय मानकीकरण संगठन (ISO) प्रमाणपत्र मिला है।
बिहार बोर्ड को गुणवत्ता प्रबंधन प्रणाली (Quality Management System) के लिए (ISO 9001:2015), सूचना सुरक्षा प्रबंधन प्रणाली (ISMS) के लिए (ISO-IEEC 27001:2022) और रिकार्ड प्रबंधन प्रणाली (रिकार्ड मैनेजमेंट सिस्टम) के लिए (ISO 15489-1:2016) यह प्रमाण पत्र मिला है।
इस उपलब्धि के बाद परीक्षा समिति देश का पहला बोर्ड बना है जिसने एक साथ तीनों पर प्रमाण पत्र प्राप्त किया है। केंद्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड (CBSE) बोर्ड को अब तक इनमें से दो गुणवत्ता प्रबंधन प्रणाली और सूचना सुरक्षा प्रबंधन प्रणाली के लिए आइएसओ प्रमाण पत्र मिला है।
व्यापक बदलाव किए बिहार बोर्ड ने
बिहार बोर्ड के अध्यक्ष आनंद किशोर ने बताया कि बिहार विद्यालय परीक्षा समिति अधिनियम के तहत मैट्रिक- इंटर और विविध परीक्षाओं के साथ-साथ मैट्रिक- इंटर स्तर के विद्यालयों को मान्यता प्रदान करने की व्यवस्था और प्रक्रिया को विश्वसनीय बनाने के लिए और पिछले कुछ वर्षों में आइटी, साॅफ्टवेयर और प्रौद्योगिकी के व्यापक उपयोग से परीक्षा प्रणाली में बड़ा बदलाव किया, जो पूरी प्रक्रिया पारदर्शी और छात्र हित में बनाई गई है।
इन्हीं कार्यों में उत्कृष्टता के कारण बोर्ड को यह उपलब्धि हासिल हुई है। उन्होंने बताया कि सीबीएसई को छोड़कर देश के अन्य राज्यों के बोर्ड को यह उपलब्धि हासिल नहीं हुई है। देश के अन्य राज्यों के बोर्ड के अधिकारियों की टीम यहां आकर परीक्षा प्रणाली को देखते हैं और वे अपने यहां अनुसरण करने का प्रयास करते हैं।
1983 से 2025 तक प्रमाण पत्र हुआ डिजिटल
परीक्षा समिति के अध्यक्ष ने बताया कि बिहार बोर्ड पिछले सात वर्षों से (2019 से 2025) तक देश में सबसे पहले मैट्रिक और इंटर का रिजल्ट जारी करने में सफल रहा है।
परीक्षा समिति ने रिकार्ड प्रबंधन, सूचना सुरक्षा और गुणवत्ता पर विशेष जोर दिया। इनमें वर्ष 1983 से 2025 तक के सभी मैट्रिक और इंटर परीक्षा के रिकार्ड का डिजिटलीकरण किया गया है। इससे आनलाइन सत्यापन प्रक्रिया में भी आसानी होगी। आनलाइन सत्यापन जनवरी 2026 में शुरू हो जाएगा।
अध्यक्ष ने बताया कि कंप्यूटरीकरण और ई-ऑफिस प्रणाली की शुरुआत, एंटरप्राइज रिसोर्स प्लानिंग (ईआरपी) का कार्यान्वयन भी किया गया है। जिससे फाइल डिजिटली मूव हो रही है। बोर्ड के सारे कार्य कंप्यूटरीकृत हो रहे हैं।
अब बोर्ड के सभी रिकॉर्ड आनलाइन हो गए हैं। बोर्ड प्री-एग्जाम व पोस्ट-एग्जाम साॅफ्टवेयर का भी उपयोग किया जा रहा है। इससे ऑनलाइन पंजीकरण, ई- कार्ड, ऑनलाइन शुल्क संग्रह और परिणाम जारी करने जैसे कार्य आसान हो गए हैं।
अत्याधुनिक डेटा सेंटर हुआ स्थापित, होगा विस्तार
आनंद किशोर ने बताया कि परीक्षा समिति ने 200 टेराबाइट (टीबी) क्षमता का एक अत्याधुनिक डेटा केंद्र स्थापित किया। जिसमें सारे रिकाॅर्ड्स सुरक्षित संधारित हो रहे हैं।
इसके साथ ही बोर्ड ने छात्रों के लिए ऑनलाइन सुविधा प्रणाली (ओएफएसएस) शुरू की है, जिसके माध्यम से 2018 से 2025 के बीच 96 लाख से अधिक आवेदन सफलतापूर्वक लिए गए हैं।

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