Bihar Politics : नितिन के उत्थान से भाजपा में कई चेहरे होंंगे नवीन
पटना जिले से दीघा विधायक संजीव चौरसिया समेत मगध के दो नेताओं का कद बढ़ सकता है। भाजपा में नितिन नवीन का कद बढ़ना संगठनात्मक पुनर्गठन का संकेत है। मकर ...और पढ़ें

राष्ट्रीय कार्यकारी अध्यक्ष नितिन नवीन
रमण शुक्ला, पटना। भाजपा में राष्ट्रीय कार्यकारी अध्यक्ष नितिन नवीन का बनना महज एक व्यक्ति विशेष का उत्थान भर नहीं माना जा रहा है, बल्कि इसे पार्टी के व्यापक संगठनात्मक पुनर्गठन की प्रस्तावना के रूप में देखा जा रहा है। मकर संक्रांति के उपरांत भाजपा संगठन के साथ ही सत्ता में जिस तरह से फेरबदल की अटकलें तेज हैं, उसमें कई नेताओं के नवीन चेहरे के रूप में उभरने की संभावना प्रबल हो गई है। भाजपा कोटे के पथ निर्माण विभाग का प्रभार दिलीप जायसवाल को दिया जाना पिछड़ा वर्ग के लिए दूरगामी संदेश है। संगठन के रणनीतिकारों के अनुसार पटना जिले से अतिपिछड़ा समाज से दीघा विधायक संजीव चौरसिया के साथ मगध के दो नेताओं के कद में उभार हो सकता है।

संजीव चौरसिया।
वैश्य समाज से आने वाले संजीव चौरसिया की गिनती बिहार भाजपा के बड़े नेताओं में होती है। बिहार भाजपा के संस्थापक पूर्व राज्यपाल गंगा प्रसाद के संजीव चौरसिया पुत्र हैं। संगठन प्रदेश महामंत्री के साथ विभिन्न पदों पर अपनी अहम भूमिका निभा चुके हैं।
वहीं, मगध क्षेत्र में चंद्रवंशी समाज के दो नेताओं प्रेम कुमार को विधानसभा अध्यक्ष, प्रमोद कुमार को सहकारिता एवं पर्यावरण, जलवायु परिवर्तन व वन विभाग, रामकृपाल यादव को कृषि के उपरांत अब सवर्ण समुदाय का पार्टी दबाव बढ़ गया है।
उत्तर बिहार से सवर्ण मंत्री का कोटा है रिक्त
भाजपा में उत्तर बिहार से बात करें तो पिछड़ा वर्ग रमा निषाद, अरूण शंकर प्रसाद एवं नारायण प्रसाद को पार्टी ने मंत्री पद का दायित्व दिया है। ऐसे में अब सर्वण कोटे का मंत्री पद रिक्त है।
इसमें पूर्व मंत्री नीतीश मिश्रा एवं जिवेश कुमार को मंत्रिमंडल विस्तार में पार्टी मौका दे सकती है। इसी तरह 25 वर्षों संगठन के प्रति समर्पित कार्यकर्ता एवं पार्टी में विभिन्न पदों पर अहम दायित्व निर्वहन कर चुके राजेश वर्मा को भी नितिन नवीन की जगह आगे करने पर मंथन जारी है। विदित हो कि दोनों एक समुदाय (कायस्थ) से हैं।

राजेश वर्मा।
अप्रैल में राज्यसभा जा सकते हैं नवीन
भाजपा में चर्चा है कि नवीन मंत्री पद के उपरांत अप्रैल 2026 में विधायकी से भी त्याग पत्र देंगे। अप्रैल में बिहार से राज्यसभा की पांच सीटों रिक्त हो रही है। इसमें एक पद पर पार्टी नवीन उच्च सदन भेजेगी।
रिक्त होने वाली सीटों में राजद के प्रेम चंद गुप्ता एवं एडी सिंह हैं। दोनों सीटें भाजपा कोटे में आएगी। जबकि जदयू के दो राज्यसभा सदस्यों के भी कार्यकाल पूरे हो रहे हैं।
इनमें राज्यसभा के उपसभापति हरिवंश नारायण सिंह एवं रामनाथ ठाकुर हैं। पांचवीं सीट राष्ट्रीय लोक मोर्चा के राष्ट्रीय अध्यक्ष उपेंद्र कुशवाहा की है, जो खाली होगी। पांचों सदस्यों का कार्यकाल नौ अप्रैल, 2026 को समाप्त हो जाएगा।
विधान परिषद की चार सीट पर नजर
एनडीए के कई नेताओं की नजर विधान परिषद की रिक्त हुई चार सीटों पर टिकी है। इसमें उप मुख्यमंत्री सम्राट चौधरी, मंगल पांडेय, श्रीभगवान सिंह कुशवाहा एवं राधा चरण सेठ के त्यागपत्र से रिक्त हुई सीटें सम्मिलित है। इसमें दो भाजपा एवं दो जदयू कोटे की सीट है।

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