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    नीतीश ने अभिभाषण पर दिया जवाब, विपक्ष को बोलने का मौका न मिला तो वाकआउट; संशोधन प्रस्ताव गिरा, धन्यवाद प्रस्ताव पास

    By kumar rajatEdited By: Radha Krishna
    Updated: Thu, 04 Dec 2025 12:41 PM (IST)

    बिहार विधानमंडल में राज्यपाल के अभिभाषण पर चर्चा के दौरान विपक्ष को बोलने का मौका न मिलने पर हंगामा हुआ। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने सरकार की उपलब्धिया ...और पढ़ें

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    बिहार विधानपरिषद

    राज्य ब्यूरो, पटना।

    में सोमवार को राज्यपाल के अभिभाषण पर हुए चर्चा के दौरान हलचल उस समय बढ़ गई जब सरकार की ओर से मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने अपना जवाब दिया। भाजपा-जदयू गठबंधन सरकार के पक्ष में मुख्यमंत्री ने अभिभाषण की उपलब्धियों और प्राथमिकताओं का विस्तार से उल्लेख किया, लेकिन विपक्ष को संशोधन प्रस्ताव पर बोलने का अवसर न मिलने से विवाद खड़ा हो गया।

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    सभापति ने घोषणा की कि विपक्ष द्वारा लाए गए संशोधन प्रस्तावों को समेकित रूप से स्वीकार कर लिया गया है और मुख्यमंत्री के वक्तव्य के बाद आवश्यकता पड़ने पर विपक्ष को बोलने का समय दिया जाएगा।

    इसी बात पर आरजेडी विधायकों ने आपत्ति जताई। विपक्ष ने आरोप लगाया कि सरकार और आसन ने उन्हें संसदीय परंपरा के खिलाफ बोलने का अवसर नहीं दिया।

    सभापति ने स्पष्ट किया कि 'यह आसन का विशेषाधिकार है' और कार्य संचालन नियमों के तहत निर्णय लिया गया है।

    इसके विरोध में नेता प्रतिपक्ष राबड़ी देवी के नेतृत्व में पूरे विपक्ष ने सदन से वाकआउट कर दिया। विपक्षी सदस्यों ने बाहर जाते हुए सरकार पर एकतरफा बहस चलाने का आरोप लगाया।

    वहीं, सदन के भीतर मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने अभिभाषण की पैरवी करते हुए सरकार की प्राथमिकताओं, विकास योजनाओं और प्रशासनिक सुधारों का उल्लेख किया।

    उन्होंने कहा कि सरकार सुशासन और लोककल्याण के एजेंडे पर पूरी मजबूती से आगे बढ़ रही है।

    विपक्ष के वाकआउट के बाद सदन ने संशोधन प्रस्ताव को ध्वनिमत से अस्वीकृत कर दिया। इसके बाद राज्यपाल के अभिभाषण पर लाया गया धन्यवाद प्रस्ताव सदन ने बहुमत से पारित कर दिया।


    इस तरह अभिभाषण पर चर्चा के दौरान विपक्ष की नाराज़गी और वाकआउट के साथ सदन की कार्यवाही समाप्त हुई।