Bihar Assembly Elections: दीपंकर ने कहा-महागठबंधन में सीएम फेस पर भ्रम नहीं, फ्रेंडली फाइट पर भी बोले
भाकपा-माले महासचिव दीपंकर भट्टाचार्य ने बिहार विधानसभा चुनाव के मद्देनजर महागठबंधन में मुख्यमंत्री पद के चेहरे को लेकर स्पष्टता की बात कही। उन्होंने दोस्ताना मुकाबले की संभावना पर भी विचार व्यक्त किए, लेकिन कहा कि इससे गठबंधन पर कोई असर नहीं पड़ेगा। उन्होंने भाजपा पर मुद्दों से भटकने का आरोप लगाया और महंगाई, बेरोजगारी जैसे मुद्दों पर घेरा।

राज्य ब्यूरो, पटना। महागठबंधन में सीट शेयरिंग का मामला अभी तक नहीं सुलझ सका है। मतभेद पर भाकपा-माले के महासचिव दीपंकर भट्टाचार्य ने चिंता जताई है। उन्होंने शनिवार को कहा कि महागठबंधन के दलों के बीच फ्रेंडली फाइट नहीं होनी चाहिए। नामांकन वापसी के समय तक सब साफ हो जाना चाहिए, ऐसी उम्मीद है।
टिकट बंटवारे पर सबकुछ जल्द होगा साफ
उन्होंने दावा किया कि महागठबंधन में सीएम उम्मीदवार को लेकर कोई भ्रम नहीं है, बल्कि भ्रम एनडीए में हो गया है। दीपंकर ने कहा कि चुनाव में हमें अपना स्ट्राइक रेट इंप्रूव करना है। वीआइपी को लेकर लोग आइडिया लगा लेते हैं कि वो क्या करेंगे। उनको तोड़ने की भी कोशिश की गई। हमने यह तय किया था कि गठबंधन के किसी दल की सीट नहीं बढ़ेगी, केवल माले की एक बढ़ी है। टिकट बंटवारे पर जल्द सब कुछ साफ हो जाएगा।
अमित शाह के बयान से एनडीए में भ्रम
तेजस्वी यादव को सीएम उम्मीदवार अब तक घोषित नहीं किए जाने के सवाल पर उन्होंने कहा कि मुझे लगता नहीं है कि कांग्रेस के अंदर हिचक है। महागठबंधन में कोई भ्रम नहीं है। भ्रम तो अमित शाह के बयान के बाद एनडीए में हो गया है। दीपंकर ने कहा कि बिहार में एसआइआर अब भी मुद्दा है। यदि आधार को स्वीकार नहीं किया जाता तो दो करोड़ वोट कट जाते। भाकपा नेता ने एक बार फिर दोहराया फ्रेंडली फाइट आपस में नहीं करना है और ये होनी भी नहीं चाहिए। हमारी पार्टी ने तो मान लिया है, मगर भाकपा नहीं मान रही है। महागठबंधन के वोटरों में बहुत एकता है। बिहार के लोग बदलाव के लिए तैयार हैं।
गौरतलब है कि राज्य में कई सीटों पर महागठबंधन के दलों ने ही उम्मीदवार खड़ा कर दिया है। इससे वोटरों में भी असमंजस की स्थिति हो गई है। बहरहाल अब सबकी नजरें नाम वापसी पर टिकी हुई है।
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