Bihar Assembly Elections 2025 : राजद से लेकर जदयू तक को 'दागी अच्छे लगते हैं', इस पार्टी को भी है भरोसा
बिहार विधानसभा चुनाव 2025 को लेकर राजनीतिक दलों की तैयारियां ज़ोरों पर हैं। राजद और जदयू समेत कई पार्टियाँ 'दागी' छवि वाले उम्मीदवारों पर भरोसा जताती दिख रही हैं। इन दलों को लगता है कि ऐसे उम्मीदवार चुनाव जीतने में सक्षम होते हैं। जनता की भूमिका महत्वपूर्ण है, क्योंकि वे ही तय करेंगे कि किसे चुनना है।

बिहार विधानसभा चुनाव में कई दागी बने प्रत्याशी। सांकेतिक तस्वीर
दीनानाथ साहनी, पटना। मोकामा विधानसभा क्षेत्र में जन सुराज पार्टी के समर्थक और कई संगीन मामलों के आरोपी दुलारचंद यादव की हत्या के बाद एक बार फिर राजनीति के अपराधीकरण की चर्चा छिड़ गई है। अवाम में यह चर्चा होना लाजिमी भी है क्योंकि बिहार विधानसभा चुनाव में दो दर्जन से ज्यादा उम्मीदवारों पर हत्या के मुकदमे दर्ज हैं। यह हर चुनाव में आजमाया हुआ हथियार है कि बिहार की राजनीति में दागी उम्मीदवार अच्छे हैं। अच्छे, इसलिए कि राजनीतिक दलों ने दागी चेहरों पर खूब भरोसा जताया है और उनकी जीत की गारंटी मानकर उम्मीदवार बनाया है।
रोचक यह कि बिहार चुनाव में जनता को साफ छवि की सरकार देने का दावा कर रही तमाम पार्टियों ने कई सीटों पर बाहुबलियों और उनके रिश्तेदारों को उम्मीदवार बनाने में जरा भी संकोच नहीं किया है। यह सिलसिला पुराना है। राजनीति का अपराधीकरण या अपराधियों के राजनीतिकरण में सभी राजनीतिक दलों ने अमूल्य योगदान दिया है। इसका नतीजा है कि आज दर्जनों सांसद और विधायकों के नाम के आगे बाहुबली जैसी उपाधियां आम बात हैं।
इस चुनाव में उम्मीदवारों ने नामांकन के समय जो शपथ पत्र (एफिडेविट) जमा किया है उसमें खुद कबूल किया है कि उनके ऊपर अपराधिक मामले दर्ज हैं। ऐसे उम्मीदवारों को टिकट देने में राष्ट्रीय जनता दल (राजद) सबसे आगे है। कई मामलों के आरोपी व भागलपुर सेंट्रल जेल में बंद रीतलाल यादव को राजद ने दानापुर से उम्मीदवार बनाया है। इसी तरह बाहुबली सांसद रहे मो.शहाबुद्दीन का बेटा ओसामा शहाब को रघुनाथपुर, अशोक महतो की पत्नी अनिता देवी महतो को वारसलीगंज, सूरजभान सिंह की पत्नी वीणा देवी को मोकामा व बोगो सिंह को मटिहानी से मैदान में उतारा है। जनता दल यूनाइटेड (जदयू) ने अनंत सिंह को मोकामा और धूमल सिंह को एकमा से उम्मीदवार बनाया है। लोक जनशक्ति पार्टी (रामविलास) ने हुलास पाण्डेय को ब्रह्मपुर एवं राजू तिवारी को गोविंदगंज से मैदान में उतारा है।
एडीआर की रिपोर्ट में 32 प्रतिशत प्रत्याशी दागी
2025 के बिहार चुनाव को लेकर एडीआर (एसोसिएशन फार डेमोक्रेटिक रिफार्म्स) व बिहार इलेक्शन वाच ने एक रिपोर्ट जारी की है। रिपोर्ट के मुताबिक चुनाव लड़ रहे उम्मीदवारों में 32 प्रतिशत दागी है और तीसरा उम्मीदवार पर कोई न कोई अपराधिक केस दर्ज है। रिपोर्ट उम्मीदवारों के चुनाव आयोग को दिए गए शपथ पत्र के आधारित है। इसमें कई बातें चौंकाने वाली भी है। इस चुनाव में कुल 1314 उम्मीदवार मैदान में हैं। इनमें से 423 उम्मीदवारों ने अपने ऊपर दर्ज केस का ब्यौरा दिया है। रिपोर्ट के अनुसार 33 पर हत्या, 86 पर हत्या की कोशिश, 42 पर महिला अपराध और दो उम्मीदवार पर दुष्कर्म का आरोप है।
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