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    Bihar Politics: महागठबंधन में टेंशन! माले ने दिखाया कांग्रेस को आईना, सीट शेयरिंग पर सियासी अटकलें तेज

    Updated: Fri, 19 Sep 2025 09:29 PM (IST)

    महागठबंधन में सीटों के बंटवारे पर भाकपा-माले के महासचिव दीपंकर भट्टाचार्य ने कांग्रेस को नसीहत दी है कि वह अपनी लड़ने की क्षमता से ज्यादा सीटें न मांगे। उन्होंने कहा कि पिछली बार कांग्रेस ने 70 सीटों पर चुनाव लड़ा और केवल 19 जीती थीं। कम सीटों पर बेहतर प्रदर्शन करना महागठबंधन के हित में है। दीपंकर ने संतुलन बनाए रखने की बात कही।

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    माले ने दिखाया कांग्रेस को आईना, सीट शेयरिंग पर सियासी अटकलें तेज

    राज्य ब्यूरो, पटना। महागठबंधन में सीट बंटवारे के फंसे पेंच को लेकर भाकपा-माले के महासचिव दीपंकर भट्टाचार्य ने बड़े मुखर अंदाज में कांग्रेस को नसीहत दी है।

    शुक्रवार को दीपंकर ने कहा कि कांग्रेस अपनी लड़ने की क्षमता से ज्यादा सीटें न मांगें, बल्कि इसकी चिंता कर कि भले सीटें कम लड़नी पड़े, लेकिन कैसे ज्यादा सीटें जीती जाएं।

    दीपंकर ने कहा कि कुछ कांग्रेस नेताओं द्वारा लगभग 70 सीटों की मांग की खबरें मैंने देखी है, लेकिन पिछली बार वो 70 सीटों पर लड़े और जीत सिर्फ 19 ही पाए। 2015 में कांग्रेस 40 सीटों पर लड़ी और 27 सीटें जीती थीं। वो अच्छा स्ट्राइक रेट था, लेकिन 2020 में कांग्रेस 70 सीट लड़ी जो उनकी लड़ने की क्षमता से ज्यादा थी, इसलिए मुझे लगता है कि इन सबके बीच संतुलन होना चाहिए। कम सीटें लड़कर बेहतर प्रदर्शन करना और ज्यादा सीटें जीतना महागठबंधन के हित में है।

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    राज्य में दलितों-अतिपिछड़ों पर हमले हुए तेज : माले

    भाकपा-माले ने कहा कि बिहार में दलितों-अतिपिछड़ों पर सामंती ताकतों और भूमि माफिया द्वारा हमले तेज हो गए हैं। पहले तो थाने के हाजत में हत्या के मामले सामने आते थे, अब जेल के अंदर विचाराधीन कैदियों की हत्या की जा रही है। इस सरकार को बिहार की जनता आने वाले चुनाव में उखाड़ फेंकेगी।

    माले के विधायक गोपाल रविदास तथा वीरेन्द्र प्रसाद गुप्ता, विधान पार्षद शशि यादव तथा आफताब आलम व शत्रुघ्न सहनी ने शुक्रवार को पत्रकारों को बताया कि नवादा में निर्भय पांडेय नाम के एक क्लीनिक संचालक द्वारा मुसहर समुदाय से आने वाले संतोश मांझी की निर्मम हत्या, सीतामढ़ी के रून्नी सैदपुर में भाजपा मंत्री रामसूरत राय द्वारा अतिपिछिड़ी जाति के एक गरीब व्यक्ति की जमीन पर कब्जा और जमुई जेल में विचाराधीन कैदी डब्लू चौधरी की हत्या के मामले में सरकार की पोल खुल गई है। इन सभी मामलों में पीड़ित परिजनों को न्याय मिलना चाहिए।

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