बिहार में कलाकारों को सशक्त बनाने के लिए राज्य सरकार की अहम पहल, आर्टिस्ट रजिस्ट्रेशन पोर्टल पर आए हजारों आवेदन
बिहार सरकार ने कलाकारों को सशक्त बनाने के लिए बिहार आर्टिस्ट रजिस्ट्रेशन पोर्टल शुरू किया है। मधुबनी जिले से सर्वाधिक 225 आवेदन आए हैं। पोर्टल के माध्यम से कलाकार ऑनलाइन पंजीकरण कर सकते हैं और एक विशिष्ट पहचान संख्या प्राप्त कर सकते हैं। 50 वर्ष से अधिक आयु के कलाकारों को पेंशन योजना का लाभ लेने के लिए पोर्टल पर पंजीकरण अनिवार्य है।

डिजिटल डेस्क, पटना। बिहार में कलाकारों को सशक्त बनाने के लिए राज्य सरकार ने एक अहम पहल करते हुए बिहार आर्टिस्ट रजिस्ट्रेशन पोर्टल की शुरुआत की है। पोर्टल को लॉन्च हुए अभी ढाई महीने ही हुए हैं, लेकिन इतने कम समय में ही यह कलाकारों के बीच अत्यंत लोकप्रिय हो गया है। राज्य भर से अब तक कुल 1368 आवेदन प्राप्त हो चुके हैं, जिनमें से 65 आवेदनों को तकनीकी त्रुटियों के कारण अस्वीकार कर दिया गया है।
पंजीकरण के मामले में मधुबनी जिला सबसे आगे है, जहां से 225 कलाकारों ने आवेदन किया है। सहरसा जिला 166 आवेदनों के साथ दूसरे स्थान पर है, जबकि राजधानी पटना से 41 कलाकारों ने रजिस्ट्रेशन कराया है। यह पहल राज्य की समृद्ध सांस्कृतिक विरासत को संरक्षित करने और कलाकारों को सशक्त मंच उपलब्ध कराने की दिशा में मील का पत्थर साबित हो रही है।
गौरतलब है कि इस पोर्टल की शुरुआत 15 अप्रैल को बिहार के कला, संस्कृति एवं युवा विभाग के मंत्री मोतीलाल प्रसाद ने की थी। पोर्टल (https://artistrregistration-bihar-gov-in) के माध्यम से शास्त्रीय, लोक, समकालीन, दृश्य और प्रदर्शन कलाओं से जुड़े कलाकार ऑनलाइन रजिस्ट्रेशन करा सकते हैं। प्रक्रिया अत्यंत सरल और मोबाइल फ्रेंडली है। पंजीकरण के पश्चात प्रत्येक कलाकार को एक विशिष्ट पहचान संख्या (यूनिक आईडी) प्रदान की जाती है, जो भविष्य में सरकारी योजनाओं, पुरस्कारों, प्रशिक्षणों और सांस्कृतिक आयोजनों में भाग लेने के लिए अनिवार्य होगी।
गौरतलब है कि राज्य सरकार ने मुख्यमंत्री कलाकार पेंशन योजना शुरू की है। इस योजना के तहत 50 वर्ष से अधिक आयु के उन कलाकारों को पेंशन दिया जाएगा, जिनकी सालाना आय 1.20 लाख रुपये से कम है। इस योजना का लाभ लेने के लिए कलाकारों का बिहार आर्टिस्ट रजिस्ट्रेशन पोर्टल पर पंजीकरण अनिवार्य है, साथ ही उन्हें अपनी कला विधा में प्राप्त अनुभव का प्रमाण भी प्रस्तुत करना होगा। यह पहल न केवल कलाकारों को पहचान दिलाने का माध्यम है, बल्कि राज्य की सांस्कृतिक विरासत को भी नई ऊर्जा प्रदान करने वाला कदम है।
कमेंट्स
सभी कमेंट्स (0)
बातचीत में शामिल हों
कृपया धैर्य रखें।