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    'पांच वर्षों में राज्य में 50 लाख करोड़ के निजी निवेश का लक्ष्य', बोले उद्योग मंत्री दिलीप जायसवाल

    Updated: Thu, 18 Dec 2025 06:57 AM (IST)

    बिहार के उद्योग मंत्री दिलीप जायसवाल ने राज्य में अगले पांच वर्षों में 50 लाख करोड़ रुपये का निजी निवेश आकर्षित करने का लक्ष्य रखा है। उन्होंने कहा कि ...और पढ़ें

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    उद्योग मंत्री दिलीप जायसवाल

    जागरण संवाददाता, पटना। जलवायु परिवर्तन, ऊर्जा संकट और बढ़ते कार्बन उत्सर्जन जैसी वैश्विक चुनौतियों के बीच नवीकरणीय ऊर्जा दीर्घकालिक समाधान के रूप में उभरी है। भारत में वर्ष के अधिकांश समय सूर्य का प्रकाश उपलब्ध रहता है। यहां सौर ऊर्जा की संभावनाएं अत्यंत व्यापक हैं। इसी परिप्रेक्ष्य में मंगलवार को स्थानीय ताज होटल परिसर में आयोजित बिहार इंडस्ट्रीज एसोसिएशन (बीआइए) के सहयोग से सौर ऊर्जा तथा स्टोरेज विषय पर एकदिवसीय संगोष्ठी आयोजित हुई। संगोष्ठी का उद्घाटन राज्य के उद्योग मंत्री डा. दिलीप कुमार जायसवाल ने किया।

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    उद्योग मंत्री डॉ. दिलीप कुमार जायसवाल ने कहा कि बिहार तेजी से औद्योगिक विकास की ओर अग्रसर है। नवगठित सरकार की सर्वोच्च प्राथमिकता राज्य में रोजगार के अवसरों का सृजन करना है। उन्होंने बताया कि मुख्यमंत्री द्वारा सात निश्चय–3 के अंतर्गत रोजगार, उद्योग, कृषि और शिक्षा को प्राथमिकता दी गई है, जिसमें दूसरा निश्चय समृद्ध उद्योग, सशक्त बिहार है।

    मंत्री ने बताया कि राज्य में औद्योगिक विकास को गति देने के लिए मुख्य सचिव की अध्यक्षता में कई उच्चस्तरीय समितियों का गठन किया गया है। इनका उद्देश्य बिहार को पूर्वी भारत का औद्योगिक केंद्र बनाना, विश्वस्तरीय कार्यस्थलों का विकास करना तथा युवाओं और उद्यमियों को उद्योग स्थापना के लिए प्रोत्साहित करना है। उन्होंने कहा कि आगामी पांच वर्षों में बिहार में 50 लाख करोड़ रुपये के निजी निवेश का लक्ष्य निर्धारित किया गया है।

    वर्ष 2034-35 तक होगी 18 हजार मेगावाट बिजली की जरूरत

    उन्होंने बताया कि छोटे उद्योगों को बढ़ावा देने के लिए उद्योग विभाग के अंतर्गत सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्यम निदेशालय तथा स्थानीय उत्पादों के निर्यात एवं बाजार विस्तार के लिए बिहार विपणन प्रोत्साहन निगम का गठन किया गया है। राज्य सरकार निवेशकों की समस्याओं के समाधान के लिए निरंतर प्रयासरत है। कहा कि औद्योगीकरण के साथ ऊर्जा की मांग में वृद्धि स्वाभाविक है।

    अनुमान के अनुसार, वर्ष 2034–35 तक बिहार को लगभग 18,000 मेगावाट बिजली की आवश्यकता होगी। पारंपरिक ऊर्जा स्रोतों की सीमाओं को देखते हुए नवीकरणीय ऊर्जा, विशेषकर सौर ऊर्जा, को अपनाना समय की आवश्यकता है।

    उन्होंने बिहार औद्योगिक निवेश प्रोत्साहन पैकेज–2025 और नवीकरणीय ऊर्जा नीति के अंतर्गत उपलब्ध विभिन्न प्रोत्साहनों की जानकारी देते हुए कहा कि बड़े निवेश को आकर्षित करने के लिए निःशुल्क औद्योगिक भूखंड सहित कई सुविधाएं प्रदान की जा रही हैं। मंत्री ने निवेशकों से बिहार में सौर ऊर्जा आधारित उद्योग स्थापित करने का आह्वान किया और हरसंभव सहयोग का आश्वासन दिया।

    उद्योग, कृषि, परिवहन व शहरीकरण के साथ बढ़ी बिजली की मांग

    इस अवसर पर बिहार इंडस्ट्रीज एसोसिएशन के अध्यक्ष रामलाल खेतान ने कहा कि उद्योग, कृषि, परिवहन और शहरीकरण के विस्तार के साथ बिजली की मांग लगातार बढ़ रही है, जिसका स्थायी समाधान सौर ऊर्जा है। उन्होंने बताया कि बिहार में वर्ष के लगभग 300 दिन पर्याप्त सूर्य प्रकाश उपलब्ध रहता है।

    उन्होंने राज्य सरकार की नवीकरणीय ऊर्जा नीति–2024 का उल्लेख करते हुए कहा कि इसके तहत सोलर पावर प्रोजेक्ट, रूफटाप सोलर, कैप्टिव पावर प्लांट और ऊर्जा भंडारण परियोजनाओं को प्रोत्साहन दिया जा रहा है।

    उद्घाटन सत्र के बाद आयोजित दो तकनीकी सत्रों में सौर ऊर्जा संयंत्रों के निर्माण एवं स्थापना से जुड़ी देश की जानी-मानी कंपनियों के वरिष्ठ प्रतिनिधियों ने अपने विचार साझा किए। संगोष्ठी में उद्योग जगत, ऊर्जा क्षेत्र, निवेशकों और विशेषज्ञों ने भाग लिया तथा सौर ऊर्जा एवं स्टोरेज के भविष्य पर सार्थक चर्चा की।