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    Health: मिट्टी की वजह से खराब हो रही लोगों की सेहत, बिहार के कृष‍ि मंत्री ने चेताया, बंद करिए यह काम

    By Raman Shukla Edited By: Vyas Chandra
    Updated: Fri, 05 Dec 2025 10:25 PM (IST)

    बिहार के कृषि मंत्री ने मिट्टी के गिरते स्वास्थ्य पर चिंता जताई है। उन्होंने मिट्टी को नुकसान पहुंचाने वाली प्रथाओं को बंद करने की चेतावनी दी है। उन्ह ...और पढ़ें

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    किसान को प्रोत्साहन राशि का चेक भेंट करते कृषि मंत्री रामकृपाल यादव, साथ हैं कृषि विभाग के प्रधान सचिव पंकज कुमार एवं अन्य। जागरण

    राज्य ब्यूरो, पटना। कृषि मंत्री रामकृपाल यादव ने कहा कि हमारी मिट्टी सिर्फ धरती मां ही नहीं, बल्कि सदियों से हमें अनाज एवं जीवन देने वाली है। हमें यह स्वीकार करना होगा कि हम धरती को मां तो कहते हैं, लेकिन उसकी सेहत की चिंता कम करते हैं।

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    रासायनिक खाद और कीटनाशकों के अंधाधुन प्रयोग से मिट्टी की सेहत दिन पर दिन बिगड़ती जा रही है। वे शुक्रवार को विश्व मृदा दिवस के अवसर पर बामेती में आयोजित कार्यक्रम को संबोधित कर रहे थे। 

    मंत्री ने कहा कि रासायनिक खादों और कीटनाशकों का अनियंत्रित उपयोग मिट्टी के स्वास्थ्य को गंभीर रूप से प्रभावित कर रहा है। इनके गलत इस्तेमाल से मिट्टी की उर्वरता घटती है और हम अपनी धरती मां को कमजोर कर रहे हैं।

    खाद और कीटनाशकों के अंधाधुंध प्रयोग से बिगड़ रहा मिट्टी का स्वास्थ्य  

    उन्होंने कहा कि जब मिट्टी ही बीमार होगी तो किसान, समाज और आने वाली पीढ़ियां कैसे स्वस्थ रह सकती हैं। इसके बीमार होने का असर मनुष्यों पर पड़ रहा है। 

    आज बड़ी संख्या में लोग विभिन्न बीमारियों से जूझ रहे हैं और आमदनी का एक बड़ा हिस्सा इलाज पर खर्च हो रहा है। इसका एक प्रमुख कारण खेतों की मिट्टी का प्रदूषित और अस्वस्थ होना है।

    इसलिए अब समय आ गया है कि हम मिट्टी के स्वास्थ्य पर गंभीरता से ध्यान दें और रासायनिक खाद-कीटनाशकों के कम उपयोग का संकल्प लें। 

    उन्होंने कहा कि बिहार की अर्थव्यवस्था आज भी मुख्य रूप से खेती और किसानों पर निर्भर है। ऐसे में मिट्टी की गुणवत्ता का संरक्षण अत्यंत आवश्यक है।

    विश्व मृदा दिवस पर बामेती में हुआ कार्यक्रम

    प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी (PM Narendra Modi) ने इसी उद्देश्य से किसानों को उनके खेतों की वास्तविक स्थिति की जानकारी देने के लिए मृदा स्वास्थ्य कार्ड योजना शुरू की है। 

    कार्यक्रम में कृषि विभाग के प्रधान सचिव पंकज कुमार ने कहा कि मिट्टी सभी जीवों के जीवन का आधार है और यह उतनी ही जीवंत है जितना कोई प्राणी। मिट्टी में स्वयं को पुनर्जीवित करने की क्षमता होती है; कभी बंजर रही भूमि भी उपजाऊ बन सकती है।

    इसलिए किसानों को मिट्टी की देखभाल उसी प्रकार करनी चाहिए जैसे वे अपने बच्चों की करते हैं। उन्होंने कहा कि बढ़ती जनसंख्या और रासायनिक उर्वरकों-कीटनाशकों के अत्यधिक उपयोग से मिट्टी पर अनावश्यक दबाव बढ़ा है।

    विश्व मृदा दिवस हमें यह संकल्प दिलाता है कि हम मिट्टी के स्वास्थ्य को बचाने की दिशा में ठोस कदम उठाएं। प्रधान सचिव ने कहा कि पराली जलाना न केवल मिट्टी के स्वास्थ्य को बिगाड़ता है।

    बल्कि, यह मिट्टी के सम्मान के भी विरुद्ध है। सभ्य समाज में इस पर रोक लगाना जरूरी है। कार्यक्रम में कृषि विभाग के विशेष सचिव बीरेंद्र प्रसाद यादव, कृषि निदेशक नितिन कुमार सिंह सहित कई अधिकारी मौजूद थे।

    तकनीकी सत्र में कृषि वैज्ञानिकों ने मिट्टी के स्वास्थ्य, रासायनिक उर्वरकों के दुष्प्रभाव, जैविक खेती और सतत कृषि पद्धतियों पर विस्तार से जानकारी दी।