बिहार के इन आठ जिलों के किसानों के लिए खुशखबरी, मछली पालन के लिए सरकार दे रही 80 फीसदी सब्सिडी
बिहार सरकार ने अनुसूचित जाति/जनजाति के किसानों के लिए तालाब निर्माण आधारित मत्स्य पालन योजना शुरू की है। दक्षिणी बिहार के आठ जिलों के किसान 2025-26 के लिए आवेदन कर सकते हैं। 0.4 से 1 एकड़ तक के तालाब निर्माण के लिए 80 प्रतिशत तक अनुदान मिलेगा। आवेदन की अंतिम तिथि 31 अगस्त 2025 है। यह योजना किसानों को आर्थिक रूप से सशक्त बनाने में मदद करेगी।

राज्य ब्यूरो, पटना। सरकार ने पठारी क्षेत्रों में रहने वाले अनुसूचित जाति/जनजाति (एससी/एसटी) किसानों के लिए तालाब निर्माण आधारित मत्स्य पालन योजना शुरू की है। इस योजना का लाभ दक्षिणी बिहार के आठ पठारी बहुल जिलों बांका, औरंगाबाद, गया, कैमूर, नवादा, जमुई, मुंगेर और रोहतास में रहने वाले अनुसूचित जाति/जनजाति के मत्स्य किसानों को मिलेगा।
पशु एवं मत्स्य संसाधन विभाग ने वित्तीय वर्ष 2025-26 के लिए आवेदन आमंत्रित किए हैं। योजना के तहत 0.4 से 1 एकड़ तक के तालाब निर्माण के लिए 16.70 लाख रुपये प्रति एकड़ की लागत से 80 प्रतिशत राशि दी जाएगी। इसमें तालाब निर्माण, ट्यूबवेल, सोलर पंप, उन्नत इनपुट और तालाब पर शेड का निर्माण शामिल है।
इस योजना का लाभ लेने के लिए किसानों के पास निजी जमीन या न्यूनतम 9 वर्षों के लिए लीज पर जमीन होनी चाहिए। निजी भूमि के लिए भू-स्वामित्व प्रमाण पत्र या हाल की भू-राजस्व रसीद तथा लीज की स्थिति में 1,000 रुपये के गैर-न्यायिक स्टांप पर एकरारनामा प्रस्तुत करना होगा।
आवेदकों को जाति प्रमाण पत्र, प्रशिक्षण प्रमाण पत्र, आधार कार्ड, राशन कार्ड, मतदाता पहचान पत्र, भू-नक्शा, मोबाइल नंबर, बैंक खाता विवरण तथा आईएफएससी कोड के साथ आवेदन करना होगा। उप मत्स्य निदेशक की अध्यक्षता वाली चयन समिति द्वारा लाभार्थी का चयन किया जाएगा।
आवेदन की अंतिम तिथि 31 अगस्त 2025 है। योजना की विस्तृत जानकारी विभागीय वेबसाइट https://state.bihar.gov.in/ahd/CitizenHome.html पर उपलब्ध है। बिहार सरकार के पशु एवं मत्स्य संसाधन विभाग की यह योजना पठारी क्षेत्र के अनुसूचित जाति/अनुसूचित जनजाति के किसानों के लिए आर्थिक उन्नति का एक बड़ा अवसर प्रदान करेगी।
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