बिहार चुनाव से पहले होगा बड़ा फेरबदल, 3 साल से एक ही जिले में पदस्थापित अधिकारियों की मांगी गई सूची
आगामी विधानसभा चुनाव के मद्देनजर सामान्य प्रशासन विभाग ने सभी जिलाधिकारियों को पत्र लिखकर बिहार प्रशासनिक सेवा के उन अधिकारियों की सूची मांगी है जो पिछले तीन वर्षों से एक ही जिले में कार्यरत हैं। इसके अतिरिक्त गृह जिले में तैनात अधिकारियों की सूची भी मांगी गई है। चुनाव आयोग के दिशा-निर्देशों के अनुसार यह कदम उठाया गया है।

राज्य ब्यूरो, पटना। विधानसभा चुनाव को केंद्र में रख सामान्य प्रशासन विभाग ने सभी जिलाधिकारियों को पत्र लिखकर कहा है कि 24 घंटे के अंदर बिहार प्रशासनिक सेवा के वैसे अधिकारियों की सूची उपलब्ध कराएं जो विगत तीन वर्षों से एक ही जिले में पदस्थापित हैं।
इसके अलावा गृह जिले में पदस्थापित अधिकारियों की सूची को भी उपलब्ध कराने को कहा गया है।
सामान्य प्रशासन विभाग के पत्र में कहा गया है कि भारत निर्वाचन आयोग के दिशा निर्देश के अनुसार किसी भी पदाधिकारी को उनके गृह जिले में पदस्थापित नहीं किया जाना है।
एक ही जिले में तीन वर्षों से पदस्थापना के संबंध में कट ऑफ डेट 30 नवंबर 2025 को माना गया है।
कार्रवाई की रिपोर्ट छह अक्टूबर तक मांगी है। आयोग ने यह भी कहा है कि चुनाव कार्य से जुड़ा कोई अधिकारी अपने गृह जिला में भी पदस्थापित नहीं रहेगा। कोई अधिकारी अपने गृह जिला में पदस्थापित है, तो वैसे अधिकारियों का तत्काल स्थानांतरण सुनिश्चित कराएं।
क्या है आयोग की नीति
आयोग की नीति है कि चुनाव वाले राज्य/केंद्र शासित प्रदेश में चुनाव के संचालन से सीधे जुड़े अधिकारियों को उनके गृह जिला या उन स्थानों पर पदस्थापित नहीं किया जाता है, जहां वह एक लंबे समय से पदस्थापित हैं।
इसलिए चुनाव से सीधे जुड़े किसी भी अधिकारी को गृह जिले में बने रहने की अनुमति नहीं दी जाएगी। यदि कोई अधिकारी पिछले चार वर्षों के दौरान किसी जिले में तीन वर्ष वर्ष पूरा कर चुका है तो उसे स्थानांतरित किया जाएगा।
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