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    पटना यूनिवर्सिटी के तीन स्टूडेंट्स के साथ होने वाला था बड़ा कांड, तारीख और समय था तय

    By Akshay PandeyEdited By:
    Updated: Sun, 26 Jun 2022 09:48 PM (IST)

    पीयू में पढ़ने वाले तीन छात्रों की हत्या करने की तारीख और समय तय था। सभी आरोपित पटना समेत विभिन्न यूनिवर्सिटी से पढ़ाई कर रहे हैं। वाट्सऐप ग्रुप बनाकर आपराधिक चरित्र वाले विद्यार्थियों का गिरोह तैयार किया था।

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    पीयू के तीन छात्रों की हत्या की प्लानिंग थी। सांकेतिक तस्वीर।

    जागरण संवाददाता, पटना : पटना यूनिवर्सिटी के सैदपुर हास्टल में रहने वाले तीन छात्रों की हत्या करने की तारीख और समय तय था। हथियार और शूटर की भी व्यवस्था हो गई थी। हालांकि, साजिशकर्ता अपने मकसद में कामयाब नहीं हो सके। वारदात को अंजाम देने से पहले ही पुलिस की गिरफ्त में आ गए। सभी आरोपित पटना समेत विभिन्न यूनिवर्सिटी से पढ़ाई कर रहे हैं। गिरफ्तार मुख्य साजिशकर्ता अमृतांशु वत्स पटना ला कालेज का छात्र है। उसने ही एक विशेष जाति समूह का वाट्सऐप ग्रुप बनाकर आपराधिक चरित्र वाले विद्यार्थियों का गिरोह तैयार किया था। पुलिस को आरोपितों के पास से छह पिस्टल, कट्टा, 25 कारतूस, दो कार, बाइक और कई दस्तावेज मिले। एक डमी पिस्टल भी जब्त की गई है। इसकी जानकारी सिटी एसपी (मध्य) अम्बरीश राहुल ने रविवार को दी।

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    बदला लेने के लिए बनाया गिरोह

    भूतनाथ रोड स्थित एचआइजी कालोनी में रहने वाले नामी अधिवक्ता का बेटे अमृतांशु वत्स का कुछ दिनों से वर्चस्व को लेकर पीयू के छात्रों से विवाद चल रहा था। करीब एक माह पहले विरोधी पक्ष ने उसकी जमकर पिटाई की थी। इसके बाद उसने बदला लेने की ठान ली। वह छात्र नेता के रूप में उभरना चाहता था। उसने सबसे पहले एक जाति समूह का वाट्सएप ग्रुप बनाया और सैदपुर हास्टल के कुछ छात्रों के विरुद्ध आपत्तिजनक बयानबाजी करने लगा। उसके मोबाइल से हथियारों की तस्करी करने के भी प्रमाण मिले हैं।

    रोशन और निकोलस ने दिखाई राह

    गिरफ्तार रोशन कुमार और निकोलस बुद्धो दास भू-माफिया से रुपये लेकर राजीव नगर व दीघा के भूखंड पर अवैध कब्जा कराने का ठीका लेते हैं। अमृतांशु जब इन दोनों के संपर्क में आया तो उन्होंने एक साथ तीन हत्याएं करने की साजिश रची। इससे यूनिवर्सिटी में उनके गिरोह का वर्चस्व कायम हो जाता। प्लानिंग के तहत एक आरोपित डमी पिस्टल लेकर मौजूद रहता ताकि पकड़े जाने पर पुलिस उसे हत्यारा साबित नहीं कर पाती। गिरोह में शामिल सभी युवकों का आपराधिक इतिहास रहा है।

    कदमकुआं बम कांड के बाद मिला सुराग

    सूत्र बताते हैं कि हाल में सैदपुर हास्टल के दो युवकों को कदमकुआं थाने की पुलिस ने दिनकर चौक के पास गोपाल टी स्टाल पर फायरिंग व बमबारी के आरोप में गिरफ्तार किया था। ये दोनों भी अमृतांशु द्वारा बनाए गए वाट्सऐप ग्रुप के सदस्य थे। उसमें तीन विद्यार्थियों की हत्या करने की बात लिखी गई थी। पुलिस उस ग्रुप पर नजर रख रही थी। तभी मालूम हुआ कि सभी राजीव नगर रोड नंबर 24 स्थित एक मकान में जुटने वाले हैं। पुलिस ने घेराबंदी कर वहां से आठ आरोपितों को धर दबोचा। उनकी निशानदेही पर दीघा इलाके से हथियार बरामद हुए। इसके बाद पत्रकार नगर से अमृतांशु और कदमकुआं से अमन को पकड़ा गया। इन सभी की गिरफ्तारी के बाद पटना पुलिस ने पीयू के हास्टलों की तलाशी ली। 

    इस वजह से छूटा अमृतांशु का सैदपुर में आना-जाना

    विद्यार्थियों की मानें तो जहानाबाद निवासी पीयू के एक छात्र का गांव के कुछ लोगों से भूमि विवाद चल रहा था। उस विवाद को सुलझाने के लिए वह छात्र अमृतांशु समेत सैदपुर हास्टल के लगभग 50 लड़कों को लेकर जहानाबाद गया था। मामला निपट गया, जिसका श्रेय सैदपुर हास्टल के लड़के ले रहे थे। अमृतांशु ने इसका विरोध किया। उसने फेसबुक पर वहां के लड़कों के बारे में आपत्तिजनक टिप्पणी की, जिसके बाद 13 मई को अमृतांशु की पिटाई की गई। इसके साथ ही सैदपुर हास्टल में उसका आना-जाना बंद हो गया।

    इनकी हुई गिरफ्तारी 

    अमृतांशु वत्स (एचआइजी कालोनी, भूतनाथ रोड, अगमकुआं), दीपक कुमार उर्फ कुंदन (काब, रानीतालाब), निखिल कुमार उर्फ हैप्पी (काब, रानीतालाब), गोविंदा कुमार (रानीतालाब), गौतम सिंह (काब), रोशन कुमार (वीरनचल, जानीपुर), निकोलस बुद्धो दास (मछली गली, राजाबाजार, शास्त्री नगर), रजनीश कुमार (सोहरा, बिहटा), नीतीश कुमार (शिवनगर, अरवल) और अमन कुमार (फुका हाटा, शिवहर)।