Move to Jagran APP

बिहार के शिक्षकों के लिए बड़ी खबर, मिड डे मील से मुक्ति दिलाएगा अक्षय पात्र, जानिए पूरी खबर

अक्षय पात्र से शिक्षकों को मिलेगी मध्याह्न भोजन से मुक्ति। अक्षय पात्र में पकने वाला भोजन सरकारी मेन्यू के हिसाब से होगा। चावल दाल मिक्स वेजिटेबल छोले मिक्स दाल आलू चना मटर कढ़ी आदि दिए जाएंगे। हफ्ते में चार दिन केला व दो दिन मौसमी फल भी मिलेगा

By Vyas ChandraEdited By: Published: Wed, 11 Aug 2021 07:01 PM (IST)Updated: Wed, 11 Aug 2021 07:01 PM (IST)
बिहार के शिक्षकों के लिए बड़ी खबर, मिड डे मील से मुक्ति दिलाएगा अक्षय पात्र, जानिए पूरी खबर
स्‍कूलों में बच्‍चों को मिलेगा गुणवत्‍तापूर्ण आहार। प्रतीकात्‍मक फोटो

दीनानाथ साहनी, पटना। प्रदेश के 72 हजार प्रारंभिक विद्यालयों के एक करोड़ 70 लाख बच्चों की सेहत अब अक्षय पात्र रसोई से सुधरेगी। मध्याह्न भोजन (मिड-डे मील) में खामियों (Disadvantages of Mid Day Meal) को दूर करने और शिक्षकों को इससे अलग रखने को ध्यान में रखते हुए अक्षय पात्र रसोई से बच्चों की सेहत का ख्याल रखने की तैयारी है। योजना को लागू करने से पहले अक्षय पात्र फाउंडेशन (Akshay Patra Foundation) को पटना जिले में कुछ विद्यालयों में मध्याह्न भोजन की जिम्मेदारी दी गई है, जिसकी सतत निगरानी हो रही है। 

loksabha election banner

मध्याह्न भोजन से अलग होंगे 3.25 लाख शिक्षक

मध्याह्न भोजन योजना के संचालन में तकरीबन 3.25 लाख शिक्षकों के जुड़े रहने से पढ़ाई व्यवस्था बाधित हो रही है। अक्षय पात्र रसोई लागू होने से मध्याह्न भोजन से जुड़े शिक्षकों को अलग किया जाएगा ताकि उनका फोकस शिक्षण कार्य और गुणवत्तापूर्ण शिक्षा पर सुनिश्चित हो सके, जबकि बच्चों के लिए बेहतर भोजन और पौष्टिक नाश्ता अक्षय पात्र रसोई संभालेगी। 

खाना मानकों पर खरा होगा

क्षय पात्र रसोई में एक साथ 50 हजार बच्चों का खाना तैयार किया जाएगा। साथ ही भोजन तैयार करने के बाद गरमागरम खाना थाली तक पहुंचाने की जिम्मेदारी भी रसोई संचालकों की ही होगी। शिक्षा विभाग के एक अधिकारी ने बताया कि बेंगलुरु का अक्षय पात्र फाउंडेशन आकाशीय संस्था के रूप में कार्य करता है। मानकों पर परखने के बाद ही बच्चों को परोसा जाता है। फाउंडेशन द्वारा देश में उत्तर प्रदेश, आंध्र प्रदेश, असम, छत्तीसगढ़, गुजरात, कर्नाटक, ओडिशा, तेलंगाना और तमिलनाडु में अक्षय पात्र रसोई का संचालन किया जा रहा है। रसोई में एक्सपर्ट कुक के साथ-साथ साफ-सफाई, शुद्ध मसाले और सब्जियों का विशेष ध्यान रखा जाता है। 

'अभी पायलट प्रोजेक्ट के तहत अक्षय पात्र फाउंडेशन को पटना जिले के कुछ विद्यालयों के बच्चों को मध्याह्न भोजन की जिम्मेदारी दी गई है। यह प्रयोग सफल हुआ तो पूरे प्रदेश में अक्षय पात्र रसोई को लागू किया जाएगा। मध्याह्न भोजन योजना में शिक्षकों के लगे होने से पढ़ाई व्यवस्था प्रभाावित हो रही है।

विजय कुमार चौधरी, शिक्षा मंत्री, बिहार


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.