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बिहार में फिर सामने आया बड़ा एंबुलेंस घोटाला, CM नीतीश कुमार के पूर्व साथी ने खोली पोल

बिहार में फिर बड़ा एंबुलेंस घोटाला सामने आया है। इस बार मामला सिवान का है। पूर्व मंत्री विक्रम कुंवर ने निगरानी विभाग के प्रधान सचिव समेत अन्य वरीय पदाधिकारियों को पत्र लिखकर एंबुलेंस खरीदारी में सुनियोजित षड्यंत्र के तहत सरकारी राशि की क्षति करने का आरोप लगाया है।

By Akshay PandeyEdited By: Published: Tue, 01 Jun 2021 11:39 AM (IST)Updated: Tue, 01 Jun 2021 11:39 AM (IST)
बिहार में फिर सामने आया बड़ा एंबुलेंस घोटाला, CM नीतीश कुमार के पूर्व साथी ने खोली पोल
बिहार के सिवान में बड़ा एंबुलेंस घोटाला सामने आया है। प्रतीकात्मक तस्वीर।

जागरण टीम, सिवान। बिहार में फिर बड़ा एंबुलेंस घोटाला सामने आया है। इस बार मामला सिवान का है। बिहार सरकार के पूर्व मंत्री विक्रम कुंवर ने मुख्यमंत्री नीतीश कुमार और निगरानी विभाग के प्रधान सचिव समेत अन्य वरिष्ठ पदाधिकारियों को पत्र लिखकर एंबुलेंस खरीदारी में पद का दुरुपयोग करते हुए सुनियोजित षड्यंत्र के तहत सरकारी राशि की क्षति करने का आरोप लगाया है। मामले में सिवान के डीएम अमित कुमार पांडेय ने तीन सदस्यीय टीम गठित कर जांच के आदेश दिए हैं। पूर्व मंत्री ने पत्र के माध्यम से आरोप लगाया है कि वित्तीय वर्ष 2020-21 में मुख्यमंत्री क्षेत्र विकास योजना के तहत जिला योजना पदाधिकारी द्वारा एंबुलेंस का क्रय किया गया था। जबकि योजना एवं विकास विभाग के सचिव के आलोक में एंबुलेंस की खरीदारी नहीं की गई थी।

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सात लाख की एंबुलेंस 21 लाख में खरीदी

नीतीश कुमार सरकार में पथ निर्माण मंत्री रहे विक्रम कुंवर ने अपने पत्र में आरोप लगाया है कि सात लाख रुपये की एंबुलेंस 21 लाख 84 हजार 623 रुपये में खरीदी गई। साथ ही बिलिंग राशि बढ़ाने के लिए इंश्योरेंश का खर्च और आरटीओ का खर्च दोगुना दर्शाया गया। तथा एक लाख 24 हजार 160 रुपये का अतिरिक्त भुगतान उपकरण के लिए किया गया।

जांच कर कार्रवाई करने की मांग

पूर्व मंत्री विक्रम कुंवर ने बताया कि मॉनिटर मल्टी पारामीटर के लिए एक लाख 18 हजार 720, सिंगल पंप के लिए 69 हजार 440 रुपये, सेक्शन मशीन पोर्टेबल के लिए 33 हजार 600 तथा ट्रांस्पोर्ट वेंटिलेटर के लिए 3 लाख 41 हजार 600 का भुगतान किया गया। पूर्व मंत्री ने वित्तीय वर्ष 2020-21 एवं 2021-22 में खरीदी गई एंबुलेंसों की खरीदारी में अनियमितता की जांच कराते हुए कार्रवाई करने की मांग की है। घोटाले की बात सामने आने पर सिवान के जिलाधिकारी अमित कुमार पांडेय ने तीन सदस्यीय टीम गठित कर जांच के आदेश दे दिए हैं। 

सारण की घटना थी चर्चा में

बता दें कि इसके पहले सारण में बीजपी सांसद राजीव प्रताप रूडी के कार्यालय में खड़ी करीब 50 से अधिक एंबुलेंस का मामला सुर्खियों में आ गया था। पूर्व सांसद पप्पू यादव ने रूडी के कार्यालय जाकर खड़ी एंबुलेंस का वीडियो बना इंटरनेट मीडिया पर वायरल कर दिया था। बक्सर में अश्विनी चौबे के वर्चुअल एंबुलेंस उद्घाटन पर भी राजद ने सवाल उठाया था। वहीं चंपारण और सिवान से भी मामले सामने आए थे, जहां एंबुसेंस न होने पर ठेले पर मरीज को ले जाते हुए वीडियो वायरल हुआ था। 


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