Updated: Fri, 08 Mar 2024 08:28 AM (IST)
Bihar Constable Exam बिहार में सिपाही भर्ती परीक्षा में हुई धांधली को लेकर गुरुवार देर रात EOU ने केंद्रीय चयन पर्षद के दफ्तर में छापेमारी की। इस दौरान सिपाही परीक्षा से जुड़े दस्तावेजों की जांच की गई। पर्षद के कर्मचारियों व पदाधिकारियों से भी परीक्षा संचालन से जुड़ी जानकारी ली गई। बता दें कि बिहार सिपाही भर्ती की प्रारंभिक परीक्षा पिछले साल एक अक्टूबर को ली गई थी
राज्य ब्यूरो, पटना। Bihar News Today: बिहार पुलिस में 21 हजार से अधिक पदों के लिए अक्टूबर में ली गई सिपाही भर्ती परीक्षा के पेपर लीक मामले की जांच कर रही आर्थिक अपराध इकाई (EOU) ने बड़ी कार्रवाई की है। ईओयू की टीम गुरुवार की शाम केंद्रीय चयन पर्षद (सिपाही भर्ती) के पुराने एवं नए कार्यालय पहुंची। देर रात तक तलाशी जारी रही। इस दौरान परीक्षा से जुड़े दस्तावेजों की जांच की गई।
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पर्षद के कर्मचारियों व पदाधिकारियों से भी परीक्षा संचालन से जुड़ी जानकारी ली गई। परीक्षा के लिए प्रश्नपत्र छपवाने से लेकर उसे बांटने की जिम्मेदारी किनके पास थी, प्रश्नपत्र परीक्षा केंद्रों पर किस माध्यम से पहुंचा, इसकी मानीटरिंग आदि की क्या व्यवस्था थी, यह सारी जानकारी ली गई। इससे जुड़े दस्तावेजों को भी सुरक्षित रखा गया है।
सिपाही भर्ती की प्रारंभिक परीक्षा पिछले साल एक अक्टूबर को ली गई थी मगर कदाचार और अनियमितता की शिकायत मिलने के बाद इसे रद्द कर दिया गया था। इस मामले में राज्य भर में 64 कांड दर्ज किए गए थे जबकि 148 लोगों को पुलिस ने गिरफ्तार किया था।
ईओयू ने इन सभी कांडों को ग्रहण कर समेकित अनुसंधान शुरू किया था। इसके बाद ईओयू में 31 अक्टूबर को अलग से नई प्राथमिकी दर्ज की गई। इसमें जालसाजी के साथ आइटी एक्ट के तहत मामला दर्ज किया गया था। इसी कड़ी में ईओयू ने कोर्ट से सर्च वारंट प्राप्त कर गुरुवार को केंद्रीय चयन पर्षद (सिपाही भर्ती) के पटना कार्यालय की विधिवित तलाशी ली गई।
हटाए जा चुके हैं तत्कालीन अध्यक्ष एसके सिंघल
केंद्रीय चयन पर्षद (सिपाही भर्ती) के तत्कालीन अध्यक्ष एवं पूर्व डीजीपी एसके सिंघल को पहले ही हटाया जा चुका है। सिपाही भर्ती परीक्षा में गड़बड़ी और फिर परीक्षा में हो रही देरी को देखते हुए राज्य सरकार ने पिछले साल दिसंबर में ही एसके सिंघल को पद से हटा दिया था। उनकी जगह अग्निशमन व होमगार्ड की डीजी शोभा ओहटकर को पर्षद का अतिरिक्त प्रभार दिया गया था।
एक दिन पूर्व ही गृह विभाग ने सीआइडी के एडीजी रहे जितेंद्र कुमार को सिपाही भर्ती का पूर्णकालिक अध्यक्ष नियुक्त किया है।
डेढ़ से दो घंटे पहले मिल गई थी आंसर-की
ईओयू के अनुसार, अब तक की जांच में पता चला है कि सिपाही भर्ती परीक्षा शुरू होने से पहले प्रश्नपत्र और आंसर-की बाहर आ गए थे। नवादा और पटना में जो साक्ष्य मिले हैं, उसके अनुसार डेढ़ से दो घंटे पहले ही अभ्यर्थियों को आंसर-की मिल गया था। जब आंसर-की दो घंटे पहले मिला है, तो निश्चित ही प्रश्न-पत्र और पहले आ गए होंगे।
यह प्रश्नपत्र सबसे पहले कहां से लीक हुआ, किसने लीक किया, इसमें कौन-कौन लोग शामिल हैं, इन सारे बिंदुओं की जांच ईओयू कर रही है। एसआइटी की जांच में परीक्षा में गड़बड़ी के साथ ही वित्तीय लेन-देन के साक्ष्य भी मिले हैं।
ईओयू के डीआइजी मानवजीत सिंह ढिल्लन के नेतृत्व में बना विशेष अनुसंधान दल (एसआइटी) सिपाही भर्ती परीक्षा के पेपर लीक मामले की जांच कर रहा है। एडीजी नैयर हसनैन खान के स्तर से पूरे मामले की मानीटरिंग की जा रही है।
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